कहते हैं, किसी ऐसे व्यक्ति को चुनौती न दे, जो आगे चलकर आपकी ही नाव डुबो दे। लेकिन सत्ता के घमंड में डूबी शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी अब वो काम करने जा रही है, जो शायद उनके विनाश को पूर्णतया सुनिश्चित कर दे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के विरुद्ध सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी जिस प्रकार से हाथ धोकर पड़ी हुई है, उससे एक बात तो सुनिश्चित हो जाती है कि राज ठाकरे का राजनीतिक करियर अब उड़ान भरने को तैयार है। हाल ही में ठाणे में आयोजित एक रैली में राज ठाकरे ने स्पष्ट बताया था कि “मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर 3 मई तक हट जाने चाहिए, वरना हम भी स्पीकरों पर हनुमान चालीसा चलाएँगे। ये एक सामाजिक मामला है न कि मजहबी। मैं राज्य सरकार से कहना चाहता हूं कि हम इस मसले पर पीछे नहीं हटाएंगे, चाहे जो करना हो कर लेना” –
Loudspeakers in mosques should be shut till May 3rd otherwise, we will play Hanuman Chalisa in speakers. This is a social issue, not a religious one. I want to tell the state government, we will not go back on this subject, do whatever you want to do: MNS chief Raj Thackeray pic.twitter.com/H4ysJvCJym
— ANI (@ANI) April 12, 2022
राज ठाकरे के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
लेकिन वे इतने पर नहीं रुके। उसी रैली में उन्होंने समान नागरिक संहिता यानी UCC (Uniform Civil Code) एवं जनसंख्या नियंत्रण बिल को लागू करने पर ज़ोर दिया, जिसपर वो पिछले कुछ वर्षों में काफी आक्रामक रहे हैं। लेकिन जिस राज ठाकरे को लोग हंसी में टाल देते थे और ‘सड़क छाप गुंडे’ जैसी संज्ञा तक देते थे, वो आज अचानक से महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बना रहे हैं, जिससे शरद पवार एवं उद्धव ठाकरे तक चिंतित हो रहे हैं?
वो कैसे? असल में राज ठाकरे की इसी रैली के पश्चात ठाणे पुलिस ने आर्म्स एक्ट के अंतर्गत राज ठाकरे और दो अन्य के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। राज ठाकरे पर आरोप है कि उन्होंने रैली के दौरान तलवार लहराई थी। अब यह कितना सत्य और कितना असत्य है ये तो ईश्वर ही जाने, लेकिन शरद पवार के वर्तमान बयान से इतना तो स्पष्ट है कि महाराष्ट्र सरकार राज ठाकरे के बढ़ते कद से कितना असहज है। शरद पवार के बयान अनुसार, “राज ठाकरे को ज्यादा गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं। 5 महीने में वे एक बार बोलते हैं, फिर दो तीन बार बोलते हैं कि मैं शिवाजी महाराज का नाम नहीं लेता, जबकि अपने भाषण में 15 मिनट के दौरान कई बार उनका उल्लेख किया।”
जब किसी को सामने आकर ये कहना पड़े कि फलाने को गंभीरता से न लें, तो समझ लें कि मामला हाथ से निकल रहा है। अब तक राज ठाकरे को सभी लोग मुंबई तक केंद्रित मानते थे, जिनकी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता था। लेकिन शिवसेना के राजनीतिक तेवर बदलने और 2020 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के वैचारिक परिवर्तन के पश्चात राज ठाकरे ने शिवसेना को उसी के क्षेत्र यानी ‘हिन्दुत्व’ के मोर्चे पर चुनौती देनी प्रारंभ कर दी है।
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‘अब राज ठाकरे न रुकेंगे और न ही झुकेंगे’
अभी हाल ही में मुंबई पुलिस ने रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता यशवंत किल्लेदार और एक टैक्सी चालक को दादर में शिवसेना भवन के सामने एक कैब में लगे लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाते पाए जाने के बाद हिरासत में लिया था। इससे पूर्व राज ठाकरे ने मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के विषय में अपने उग्र अंदाज में चेतावनी दी थी कि अगर सरकार मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के बारे में कुछ भी तय नहीं करने जा रही है, तो वह मस्जिदों के सामने डबल लाउडस्पीकर लगाएंगे और हनुमान चालीसा का जाप करेंगे। राज ठाकरे के अनुसार, “किस धर्म में लाउडस्पीकर का उल्लेख है? क्या आपके धर्म की खोज के समय कोई लाउडस्पीकर था?” उन्होंने और जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पुलिस मुंबई की मलिन बस्तियों में मस्जिदों और मदरसों की ठीक से जांच करेगी तो उन्हें बहुत कुछ पता चल जाएगा। राज ठाकरे कई मायनों में बालासाहेब ठाकरे के राजनीतिक विरासत के वास्तविक उत्तराधिकारी थे, लेकिन इस पर अधिकार जमाने में उन्होंने काफी विलंब किया। परंतु अब जब उन्होंने अपना दावा ठोंका है, तो इस बार उनका दांव सही लगा है, क्योंकि चोट सीधा “मंत्रालय” तक पहुंची है और अब राज ठाकरे न रुकेंगे और न ही झुकेंगे।