सबका साथ और सबका विकास जपते रहें तो हर जगह ‘जहांगीरपुरी’ देखने को मिल सकता है!

केजरीवाल को है रोहिंग्याओं से विशेष प्रेम!

जहांगीरपुरी हनुमान जयंती

Source- TFI

कभी कभी ज़्यादा मीठा होना भी घातक हो जाता है, देश में एक तबका ऐसा भी है जो इस मिठास को मजबूरी या विवशता समझ समाज को दूषित और बर्बाद करने का षड्यंत्र रचता है। जब से देश में घुसपैठ कर बाहर से लोगों ने आकर भारत में अपने अवैध घर बनाने शुरू करे उस दिन से वो इस देश की जड़ें हिलाने और उसकी नींव को खोखला करने में जुट गए थे। स्वयं को देश का मूल बाशिंदा मानने वाले ये लोग सरकार की हर योजना का लाभ भी उठाना चाहते हैं और “सबका साथ सबका विकास” के नारे में खुद को सम्मिलित भी करना चाहते हैं। बस एक काम इनसे होने से रहा जो है, देश के लोगों और प्रमुख रूप से हिन्दुओं के साथ सरल-सहज व्यवहार करना, दिल्ली में आज बांग्लादेशी मुसलमानों का एक बड़ा समूह अवैध रूप से रहता है और जिस भी क्षेत्र में रहता है वहां अपना आधिपत्य जताने से पीछे नहीं हटता।

यही कारण है की घुसपैठिए होने के बावजूद भारत को अपनी बपौती कहने वाले लोगों ने दंगों में कोई कमी नहीं की है, वर्ष 2020 में हुआ दिल्ली दंगा हो या इस रामनवमी से शुरू हुआ दंगा हो। इन दंगों की आंच लौट-फेर के पुनः दिल्ली लौट चुकी है जहाँ बीते दो दिनों से जहांगीरपुरी इलाके में हालात चरमरा गए हैं और हनुमान जयंती वाले दिन तो तस्वीर 2020 वाली हो गई जहाँ एक वर्ग और समुदाय विशेष खूनी संघर्ष को आमादा हो गया।

दरअसल, दिल्ली पुलिस के अनुसार शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित शोभा यात्रा के बाद उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक झड़पें हुईं। अधिकारियों के मुताबिक इलाके में पथराव किया गया और देर रात तक स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। फरवरी 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के बाद जहाँ जिसमें 53 लोग मारे गए थे उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में यह पहली बड़ी सांप्रदायिक भड़क है। शनिवार को किसी के हताहत होने की सूचना नहीं थी, लेकिन पुलिस ने कहा कि छह अधिकारियों सहित 10-12 लोग घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया था और वे अब स्वस्थ हो रहे हैं।

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आपसी सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास

इस बार राजधानी दिल्ली को दंगे वाली दिल्ली बनाना दिल्ली से शुरू नहीं हुआ था, इससे पूर्व रामनवमी से चले आ रहे इस उपद्रव ने 6 राज्यों की परिक्रमा पूर्व में ही लगा ली थी, और हालिया निशाना जहांगीरपुरी का वो इलाका था जहाँ हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा निकल रही थी और अब तक की जानकारी के मुताबिक यह पूरी पथराव की घटना पूर्व से निर्धारित और सुनियोजित थी। इससे एक बात जिसपर सबको ध्यान देने की आवश्यकता है वो है “सबका साथ सबका विकास” मात्र उन्हीं भारतीयों के लिए है जो मूल रूप से भारतीय हैं। जहांगीरपुरी की बात करें तो यह वो बांग्लादेशी बाहुल इलाका है जहाँ बेहद सघन और मिश्रित आबादी निवास करती है पर हिन्दुओं की अपेक्षा यहाँ सर्वाधिक अवैध बांग्लादेशी रहते हैं जिन्होंने अवैध कब्ज़ा कर अपने घर बना लिए और भारत के मानचित्र से सौहार्द मिटाने के लिए पैदा हो गए हैं।

बता दें, हिंसा के बाद, दिल्ली के सभी 14 जिलों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया था और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर रहने के लिए कहा गया था। “पुलिस आयुक्त, दिल्ली ने निर्देश दिया है कि जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक स्थिति को देखते हुए, दोनों क्षेत्रों के विशेष पुलिस आयुक्त के पद तक के सभी अधिकारी मैदान में होंगे और सुनिश्चित करेंगे कि दिल्ली के किसी भी हिस्से में सांप्रदायिक स्थिति न बिगड़े और बाकी अधिकारी भी अलर्ट पर रहेंगे।”

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जहांगीरपुरी की घटना

पुलिस ने बताया कि जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर आयोजित शोभा यात्रा के दौरान दो पक्षों (हिन्दू और बांग्लादेशी मुसलमानों) के बीच कहासुनी हो गई। बातें बढ़ीं और एक-दूसरे पर पथराव करना शुरू कर दिया। उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों को आग लगा दी थी।  पुलिस ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और अतिरिक्त बलों को बुलाया गया। एक अधिकारी ने कहा, “पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, जिसमें कई कर्मी घायल हो गए।”इससे बड़े दुर्भाग्य की बात क्या होगी कि मीठा-मीठा गप-गप, कड़वा-कड़वा थू-थू वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़कर सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ गए और जहांगीरपुरी की घटना पर माननीय ने कहा कि,”जहांगीरपुरी में हुई पथराव की घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘लोगों से कहना चाहता हूं कि उन्हें शांति व्यवस्था बनाए रखनी है क्योंकि बिना उसके देश तरक्की नहीं कर सकता।

एजेसिंया, पुलिस और दिल्ली में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है तो केंद्र सरकार दिल्ली में शांति व्यवस्था बनाए रखे।” मतलब जब उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए तब आम आदमी पार्टी के रिश्ते निकले और तब भी केंद्र सरकार की जवाबदेही बता दी, और आज जब उसकी पुनरावृत्ति हुई तब भी केंद्र जिम्मेदार है। यह कृत्य कोई नया नहीं है जब भड़काने और बढ़ाने में आम आदमी पार्टी सर्वत्र आगे रही है, फिर चाहे इनके पूर्व पार्षद और जेल के दामाद ताहिर हुसैन हों, या ओखला से विधायक भड़काऊ मास्टर अमानतुल्लाह खां हो, इन सभी ने राजनीतिक सुचिता छोड़ कर सभी आतंक परस्त घटनाओं को सदा से ही आगे बढ़ाने का काम किया और ठीकरा फोड़ा केंद्र सरकार पर, यह बेशर्मी है और कुछ नहीं।

ज्ञात हो कि, उत्तर पश्चिमी जिले का जहांगीरपुरी इलाका बेहद सघन और मिश्रित आबादी वाला है। यहां हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं, जो निम्न व निम्न मध्यम वर्ग से आते हैं। बीच-बीच में झुग्गी बस्तियां भी हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि हनुमान जन्मोत्सव पर निकली शोभा यात्रा के दौरान सी-ब्लॉक में जहां यह घटना हुई, वहां बड़ी संख्या में बांग्लादेशी रहते हैं। ऐसे में सबका साथ सबका विकास का निश्चित रूप से परोक्ष रूप से यह बांगलादेशी न केवल फायदा उठा रहे हैं बल्कि देश की राजधानी और अन्य राज्यों की एकता और अमन की चौहद्दी को तोड़ रहे हैं। ऐसे में अब समय आ गया है कि एकता टूटने से पूर्व इन बांग्लादेशी मुसलमानों को और इनकी घिनौनी सोच को तोड़ा जाए जो दंगों में झुलस रही राजधानी दिल्ली और देश के लिए समय की मांग है।

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