शाहीन बाग के आतंकी न केवल आतंक मचा रहे थे, बल्कि ड्रग्स बेचकर मुनाफाखोरी भी कमा रहे थे

यही है आंदोलनजीवियों की काली सच्चाई!

shaheen bagh drug case

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कुत्ते की दुम कभी सीधी नहीं होती और शाहीन बाग के संदर्भ में ऐसे मुहावरे एकदम सटीक बैठते हैं। ऐसे में फिर क्या बाटला हाउस और क्या शाहीन बाग, जहां सिखाया ही यह जाता है कि देश और देश के प्रति वफादारी एक छलावा है, कट्टर बनो, धर्म के लिए काम करो और तुम्हें जन्नत में 72 हूरें मिलेंगी। शाहीन बाग में ऐसे चटक-चमन वर्ग की कमी नहीं है।

ड्रग्स के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है

CAA-NRC विरोध के दौरान विवाद में आए शाहीन बाग में तब तो आतंकी कनेक्शन सामने आया था लेकिन अब जो हुआ है वो तो कुछ अधिक ही हैरान करता है। दरअसल, अब वहां से ड्रग्स के गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ है। यह वो तत्व है जिसने दंगों और उपद्रव की योजना बनाई थी। ऐसे में अब यह सिद्ध होता दिखायी दे रहा है कि, शाहीन बाग के आतंकवादी न केवल आतंकपोश रहे थे, बल्कि ड्रग्स से भी मुनाफाखोरी कर रहे थे।

दरअसल, राजधानी दिल्ली में नशीली दवाओं की एक बड़ी खेप नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने एक आवासीय परिसर से बरामद की है। 50 किलोग्राम हेरोइन, 47 किलोग्राम संदिग्ध नशीले पदार्थ, नकद गिनने वाली मशीनों में 30 लाख रुपये के ड्रग मनी और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है। जामिया नगर के शाहीन बाग में 27 अप्रैल 2022 को इन नशीली दवाओं की इतनी बड़ी खेप को पकड़ा गया है। ज्ञात हो कि प्रथमदृष्टया यह खेप एक इंडो-अफगान ड्रग सिंडिकेट और पाकिस्तान के आईएसआई से जुड़ा है। एनसीबी ने यह भी कहा कि बरामद हेरोइन अफगानिस्तान से आई थी। एजेंसी ने इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है।

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यह सभी अवैध नशीले पदार्थ की खेप तस्करी के माध्यम से बंदरगाहों पर आती हैं और फिर भारत के विभिन्न राज्यों के हिस्सों में ले जाया जाता है क्योंकि थोक व्यापारी दवाओं को छोटे समय के आपूर्तिकर्ताओं को बेचते हैं और वितरित करते हैं। उनके मुताबिक, 50 किलो का यह बड़ा जत्था पंजाब और अन्य उत्तरी राज्यों तक पहुंचना था। उन्होंने कहा कि मामले से जुड़े पैसे के मुद्दों को एक विशेष एजेंसी द्वारा जांचा जाएगा।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने छापेमारी का ब्योरा दिया है

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने छापेमारी का ब्योरा देते हुए कहा कि यह हाल के दिनों में सबसे बड़ी ड्रग पकड़ है। उप महानिदेशक, संचालन, (एनसीबी) संजय सिंह ने कहा कि, “जब्त की गई हेरोइन अफगानिस्तान से प्रवाहित हुई और नशीली दवाओं के पैसे को हवाला के माध्यम से प्रसारित किए जाने का संदेह है।” एनसीबी की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जांच के दौरान यह पता चला है कि दिल्ली/एनसीआर या पड़ोसी राज्यों में स्थित एक इंडो-अफगान सिंडिकेट मामले से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है। इन सिंडिकेट्स के पास स्थानीय स्तर पर हेरोइन के निर्माण/मिलावटीपन की विशेषज्ञता है। ये सिंडिकेट समुद्री और साथ ही भूमि सीमा मार्गों के माध्यम से भारत में माल की तस्करी कर रहे हैं, जिसमें विभिन्न वैध सामानों के साथ हेरोइन की तस्करी की जाती थी। बाद में कुछ अफगान नागरिकों की मदद से भारतीय समकक्षों द्वारा उन सामानों से हेरोइन निकाली गई।

जिस प्रकार ऐसी संख्या में नशीली दवाओं और पदार्थों के तार पाकिस्तान और अफगानिस्तान से जुड़े प्रतीत होते हैं उससे आतंक पोषित कहलाए जाने वाले शाहीन बाग ने एक बार पुनः अपने कर्मों का चिट्ठा जगजाहिर कर दिया है। यह सबसे बड़ी विडंबना की बात है कि एक तो राष्ट्रीय राजधानी और उसमें भी हाल के वर्षों में इतनी फजीहत पाने के बाद एक बार फिर से शाहीन बाग सुर्ख़ियों में आ गया है। इस बार कारण और कारक है आतंकी तत्वों और ड्रग्स के सरगना जो देश को बर्बाद करने के अतिरिक्त कुछ और नहीं चाहते हैं।

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