यत्र तत्र सर्वत्र – जहां देखो बस जयशंकर की जय है!

ऐसे विदेश मंत्री के लिए भारत ने लंबा इंतजार किया है!

S Jaishankar

Source- TFIPOST

‘Scam 1992’ में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण संवाद है कि “आज का कॉमन मैन कल का हीरो और आज का हीरो कल का भगवान।” ये बात अनेकों हस्तियों पर लागू होती है, चाहे वो क्रिकेटर हों, फिल्मस्टार हों या कोई अन्य, आजकल ये बात कई राजनेताओं पर भी लागू हो रही है, जो जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर, जिनके कार्य करने की शैली इतनी बेहतरीन है कि उनके काम की बदौलत ही देश की जनता उन्हें सिर-माथे पर बैठाने को तैयार है। ये बड़ा ही दुर्लभ होता है, जब किसी सत्ताधारी सरकार के मंत्री को जनता का इतना प्रेम मिले, विशेषकर एक विदेश मंत्री को। निस्संदेह सुषमा स्वराज ने अपने व्यक्तित्व से एक अलग पहचान बनाई थी, परंतु सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने अपनी वाकपटुता एवं अपनी कार्यकुशलता से जिस प्रकार से अपनी छाप छोड़ी है, उसने अनेक भारतीयों को उनका प्रशंसक बना दिया है और हाल ही में अमेरिका एवं भारत के बीच हुई 2+2 विदेश एवं रक्षा मंत्री सम्मेलन में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण भी देखने को मिला।

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सोशल मीडिया पर जमकर हो रही वाहवाही

रूस-यूक्रेन युद्ध समेत तमाम मुद्दों पर भारत को धमकाने वाले अमेरिका की एस जयशंकर ने जमकर क्साल लगाई है, जिसके बाद से ही देश की विदेश नीति और अमेरिका के खोखली नीतियों की पोल खोलने के लिए डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर की जमकर जय जयकार हो रही है। जिस प्रकार से अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा धमकाए जाने पर डॉक्टर जयशंकर के भयंकर प्रत्युत्तर पर ट्विटर पे प्रतिक्रियाएँ देखने को मिली हैं, वो अकल्पनीय है। कुछ लोगों ने तो उनका नाम #ChadShankar भी रख दिया है। अब उदाहरण के लिए इस ट्वीट को देखिए।

एंटनी ब्लिंकन के मानवाधिकार वाले बयान के प्रत्युत्तर में सुब्रह्मण्यम जयशंकर के बयान को पोस्ट कर एक व्यक्ति ने लिखा, “जयशंकर सर का जवाब नहीं!” वहीं, चर्चित पत्रकार एवं विश्लेषक शिव अरूर ने भी अमेरिका की चुटकी लेने का अवसर नहीं छोड़ा। उन्होंने ट्वीट किया, “डॉक्टर जयशंकर आज सुबह वाशिंगटन में उठे और वह मज़ाक के मूड में नहीं।”

सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने किस प्रकार से अपनी छाप छोड़ी है, इसका अंदाज़ा आप इस महोदय के मीम से लगा सकते हैं-

https://twitter.com/Sidha_memer/status/1514471585322700801?s=20&t=bycw43wP2BPn6CWwhxVNAw

जयशंकर ने अमेरिका की जमकर बजाई है

बताते चलें कि कूटनीति के परिप्रेक्ष्य में डॉक्टर एस जयशंकर का कोई सानी नहीं है। हाल ही में जयशंकर ने कथित “मानवाधिकारों के हनन” के संबंध में भारत के विरुद्ध की गयी आलोचना पर संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) को तगड़ा उत्तर दिया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली को भी अमेरिका में मानवाधिकारों के बारे में चिंता है। ऐसे में अमेरिका क्रोध में ओंठ चबाता रह गया और खेला कर गए माननीय मंत्री जयशंकर जी। इसी भांति CAATSA एवं अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने की संभावना लगाने के अंदेशे पर डॉक्टर जयशंकर ने स्पष्ट कहा, “देखिए, ये उनका अधिनियम है, जो करना है उनको करना चाहिए” –

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वास्तव में कहा जाए तो डॉक्टर सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने कूटनीति के मायने भारत के लिए अब पूर्णतया परिवर्तित कर दिए हैं। अब वो दिन गए, जब वैश्विक सदाचार और सद्भाव पर लंबे चौड़े भाषण संयुक्त राष्ट्र में देने और नाना प्रकार के अर्जी दाखिल करने को कूटनीति माना जाता था। आज भारत की कूटनीति पुनः उसी ओर जा रही है, जिसकी नींव सदियों पूर्व आचार्य चाणक्य ने रखी थी और सुब्रह्मण्यम जयशंकर अब उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए प्रतीत हो रहे हैं, जिसके पीछे हर जगह उन्हीं की चर्चा हो रही है।

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