MVA सरकार की पुंगी बजाने के लिए ED का नाम ही काफी है!

महाराष्ट्र में भ्रष्टाचारियों का काल बना प्रवर्तन निदेशालय

स्रोत-गूगल

कुछ समय पूर्व महाराष्ट्र की गिनती बंगाल जैसे अत्याचारी शासन के साथ की जाती है। अपराधी खुलेआम अपनी मनमानी करते थे, भ्रष्टाचार अपने चरम पर था, और तो और उनके विरुद्ध कोई भी आवाज उठाता, तो उलटे प्रशासन उसे कुचलने या शोषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता था। लेकिन अब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की खिचड़ी सरकार अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है, जिसके लिए केवल एक नाम पर्याप्त है – प्रवर्तन निदेशालय यानि Enforcement Directorate उर्फ ED |

और पढ़ें : महाराष्ट्र बनता जा रहा है इस्लामिक कट्टरपंथी की नर्सरी! जानिए आखिर कैसे?

बड़बोले शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत पर चला ED का डंडा 

अभी हाल ही में ED ने एक बार फिर से महाविकास अघाड़ी, विशेषकर सत्ताधारी शिवसेना पर कार्रवाई करते हुए उसके बड़बोले प्रवक्ता एवं ‘सामना’ मुखपत्र के प्रमुख संजय राऊत का एक फ्लैट और उनके 8 प्लॉट जब्त किये हैं। ‘हिंदुस्तान’ पोर्टल की एक रिपोर्ट के अनुसार, “प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को शिवसेना सांसद संजय राऊत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, उनके फ्लैट और प्लॉट कुर्क कर लिए। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राऊत की संपत्ति कुर्क की है। प्रवर्तन निदेशालय ने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राऊत के अलीबाग प्लॉट और दादर व मुंबई में एक-एक फ्लैट को कुर्क किया।

”इसपर संजय राऊत ने अपने चित परिचित स्वभाव में मानो सभी को धमकाते हुए बोला प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना के नेता ने कहा, “मैं वो नहीं हूँ जो डर जाऊँ। मेरी संपत्ति जब्त कर लो, मुझे गोली मार दो, जेल भेज दो, संजय राऊत, बालासाहेब ठाकरे का चेला है। एक शिवसैनिक है। वो लड़ेगा और सबका पर्दाफाश करेगा। मैं चुप रहने वालों में से नहीं हूँ। उन्हें फुदकने दो। नाच लेने दो जितना नाचना है” –

ये वही संजय राऊत हैं, जो ED और NCB द्वारा कार्रवाई होने पर सरकार से मुंबई पुलिस द्वारा इनपर सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध कर रहे थे, लेकिन अब सारा खेल ही पलट चुका है। हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों पर ऐसी कार्रवाई की है। कभी उद्धव ठाकरे के ‘करण अर्जुन’ माने जाने वाले नवाब मलिक एवं अनिल देशमुख आज सलाखों के पीछे हैं, और दोनों को जेल पहुंचाने के पीछे ED की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

और पढ़ें : आखिरकार ED के शिकंजे में आ ही गए शरद पवार के करीबी नवाब मलिक

MVA सरकार में मंत्री नवाब मालिक ED की गिरफ्त में पहले से ही हैं 

TFI पोस्ट के एक विश्लेषणात्मक पोस्ट के अनुसार,“Solidus Investments Private Limited, 1973 में मलिक परिवार द्वारा स्थापित एक कंपनी है। मलिक के बेटे आमिर नवाब मलिक और पत्नी महजबीन नवाब मलिक को फर्म के दो निदेशकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों के साथ कथित लेन-देन और उनके साथ भूमि सौदों को लेकर नवाब मलिक से आठ घंटे तक पूछताछ की गई। जिसके बाद उन्हें विशेष PLMA कोर्ट में पेश किया गया, जिसने 3 मार्च तक ईडी को उनकी हिरासत की अनुमति दी है”।

इसके अतिरिक्त भाजपा ने प्रवर्तन निदेशालय से अनुरोध किया है कि यदि ये सिद्ध हो कि वोटरों ने मतों के लिए घूस ली है, तो उसकी भी जांच की जाए, जिससे महा विकास अघाड़ी की सरकार बौखला गई है। अब संजय राऊत पर जिस प्रकार से कार्रवाई हुई, उससे एक बात तो स्पष्ट है – यदि अब भी नहीं सुधरे, तो महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन संभावना ही नहीं है, अपितु पूर्णतया निश्चित है, जिसे कोई भी नहीं बदल सकता, चाहे वो मातोश्री में बैठा हो या 10 जनपथ में।

 

 

 

 

Exit mobile version