उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर के लिए कुछ नये नियम स्थापित कर रहे हैं योगी आदित्यनाथ

क्या लाउडस्पीकर मामले पर यूपी का अनुसरण करेंगे अन्य राज्य?

लाउडस्पीकर नियम

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समान व्यवहार ही चाहिए न, अवश्य मिलेगा, योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में तो अवश्य ही मिलेगा। बीते कई दिनों से लाउडस्पीकर विवाद चरम पर है, अजान बनाम हनुमान की जंग भी इसी की उपज थी। इसी बीच अवैध लाउडस्पीकरों पर सरकार सख्त रुख अपना रही है और रही बची कसर सोमवार को शासकीय आदेश ने पूरी कर दी। कथित रूप से दोनों ही प्रमुख कारकों- अज़ान (मस्जिदों से नमाज़ अदा करने) और भजन (धार्मिक गीत) के लिए लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर भड़के विवाद के बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को राज्य में धार्मिक स्थलों से ‘अवैध’ लाउडस्पीकरों को हटाने का आदेश दिया। यह निर्देश अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने जारी किया है जिसके बाद यह तय हो चुका है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर के लिए कुछ नए नियम स्थापित कर रहे हैं।

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30 अप्रैल तक का अल्टीमेटम

दरअसल, सोमवार को उत्तर प्रदेश के गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य भर में धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकरों को हटाया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि बढ़ती आवाज या शोर सीमा मानकों का उल्लंघन करने वाले लाउडस्पीकरों को हटाया जाएगा। पुलिस थानों को ऐसे सभी स्थानों को चिन्हित कर उनकी सूची बनाकर 30 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है। चूंकि यह निर्देश अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने जारी किया है। अवस्थी ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि 30 अप्रैल तक राज्य में धार्मिक स्थलों से सभी ‘अवैध’ लाउडस्पीकर हटा दिए जाए और इस संबंध में एक अनुपालन रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत की जानी चाहिए।

बता दें, इस लाउडस्पीकर मामले ने पूरे देश में अलग ही उत्पात मचाया हुआ है ऐसे में दो धर्मों के बीच और भिड़ंत के मामले घटित न हों, इसके लिए राज्य की योगी सरकार ने ऐसी नियम लाने की चेष्टा की। गौरतलब है कि लगभग 25 करोड़ की आबादी वाले राज्य को संभालना कोई आसान बात नहीं है और वो भी तब जब उत्तर प्रदेश का इतिहास ही रक्तरंजित रहा है जहां तिल का ताड़ कब बन जाए पता ही नहीं चलता। ऐसे में जब बात दो धर्मों के आस्था मानकों से जुडी हो, तब तो दंगे होने की संभावना प्रबल होती है। ऐसे में राज्य की योगी सरकार ने अपने इस फैसले के साथ आगे बढ़ रही है।

यूपी में जो होगा कानून के दायरे में ही होगा

सरकारी आदेश के अनुसार, पुलिस अधिकारियों को धार्मिक नेताओं से बात करने और सरकार के निर्देश के बारे में उन्हें अवगत कराने के लिए कहा गया हैं। निर्देश में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लाउडस्पीकरों के मामले में ध्वनि का स्तर कानूनी नियमों के अनुसार होना चाहिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, विवाद के बाद पिछले कुछ दिनों में कई महत्वपूर्ण मंदिरों और मस्जिदों से उच्च डेसीबल ध्वनि में उपयोग किए जाने वाले लाउडस्पीकर हटा दिए गए थे। बाद में, अज़ान के लिए लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर विवाद छिड़ गया था, जिसमें कई भगवा संगठनों ने उसपर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इन संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में कई घरों के ऊपर लाउडस्पीकर लगाए थे और अज़ान के दौरान उच्च डेसिबल स्तर पर उनके माध्यम से भजन और अन्य धार्मिक गीत सुनाना शुरू कर दिया था।

पहले ही बुलडोज़र के डर से वो तत्व थर्राये हुए थे, जिन्हें अवैध कब्जों के लिए चिन्हित किया गया था और अब अवैध लाउडस्पीकर पर योगी का डंडा चलने से इनका तो स्थान विशेष ही डिस्मेंटल हो गया है। सीएम योगी ने जिस तरह दोनों पक्षों को कहते हुए संदेश दिया है कि अवैध चाहे इधर का हो या उधर का हथौड़ा दोनों पर ही चलेगा। ऐसे में यह तो तय है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर के लिए कुछ नए नियम स्थापित कर रहे हैं और उसकी आवाज बड़ी दूर तक जाने वाली है।

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