केजरीवाल और मान की संयुक्त प्रेस वार्ता में आए पत्रकार को बुरी तरह पीट दिया गया

तानाशाही में केजरीवाल को भी पीछे छोड़ने लगे हैं मान!

पत्रकार नरेश वत्स

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बर्बाद गुलिस्तां करने को बस एक ही उल्लू काफी था, हर साख पर उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा। आम आदमी पार्टी के नेताओं और जीते जनप्रतिनिघि इसी कथन को चरितार्थ करते दिखायी दे रहे हैं। इसमें सबसे अग्रणी भूमिका “आप” संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान निभा रहे हैं। हालिया उदाहरण पत्रकार नरेश वत्स से मारपीट का है जो पंजाब पुलिस द्वारा आप नेताओं की शह पर की गई।

आजतक लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लगाते आए केजरीवाल ने अनेकों उपदेश दिए पर आज केजरीवाल पंजाब पुलिस को अपने अधीन करने के बाद तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। पंजाब की नई मिली पुलिस मशीनरी का इस्तेमाल लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है। उनके आधिकारिक और गैरकानूनी कृत्य का नया शिकार एक पत्रकार है।

पत्रकार को पीटा गया

दरअसल, हिंदुस्तान पोस्ट के एक पत्रकार नरेश वत्स को पंजाब पुलिस ने तब पीटा, जब वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान द्वारा की गई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के आयोजन स्थल में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे।

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खबरों के मुताबिक दिल्ली के सीएम और पंजाब के सीएम ने दिल्ली इम्पीरियल होटल में संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। प्रेस सूचना ब्यूरो द्वारा जारी किए गए मान्यता प्राप्त कार्ड को दिखाने के बावजूद, पंजाब पुलिस ने एक भी आधिकारिक प्रमाण पत्र को स्वीकार करने से मना कर दिया और न केवल उन्हें पीटा गया बल्कि कार्यक्रम स्थल पर तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा जेल में डालने तक की धमकी दी गई।

हमले के बाद पीड़ित पत्रकार नरेश वत्स ने संसद मार्ग थाने में इस घटना की शिकायत की। तानाशाही के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल से पूछा कि, “माननीय अरविंद केजरीवाल जी, पंजाब पुलिस एक पत्रकार को पीटने के लिए दिल्ली आई थी? पत्रकार को जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। इम्पीरियल होटल में मेरी पिटाई के दोषियों को सजा कब मिलेगी?

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पीसीआई ने भी लिया संज्ञान

इसके अलावा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने भी संज्ञान लेते हुए बयान जारी किया है। पीसीआई ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह गंभीर चिंता का विषय है कि मुख्यमंत्री की ओर से कोई कार्रवाई या बयान नहीं है। उनकी चुप्पी घटना की उनकी मौन स्वीकृति का एक अशुभ संकेत है। प्रेस क्लब पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने और पीड़ित पत्रकार नरेश वत्स को उचित मुआवजा देने की मांग करता है।

पंजाब चुनाव के बाद पंजाब पुलिस ज्यादातर केजरीवाल और आप के आलोचकों के दरवाजे पर घूम रही है। अब दिल्ली में पत्रकार नरेश वत्स के खिलाफ पंजाब पुलिस का इस्तेमाल पुलिस के अधिकार क्षेत्र को पार करने को दर्शाता है।

ऐसा लगता है कि केजरीवाल पंजाब के सीएम हैं और अपने आलोचकों के खिलाफ राज्य पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं। और तो और केजरीवाल ने जिस प्रकार दिल्ली की पुलिस से वंचित होने के कारण पंजाब पुलिस को अपने षड्यंत्रकारी प्रपंचों की पूर्ति के लिए काम पर लगा दिया है।

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