आम आदमी पार्टी ने इस बार गलत लोगों से पंगा ले लिया है

अपनी बकलोली की बलि चढ़ेंगे केजरीवाल!

Arvind Kejriwal

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भारतीय जनता पार्टी ‘AAP’ को गंभीरता से लेती है। यह AAP को एक खतरे के रूप में पहचानती है और इसे स्वीकार करने में पार्टी को कोई शर्म नहीं है। जब आप अपने दुश्मन के असली रूप को पहचानते हैं और उनके खतरे को विश्वसनीयता के साथ मानते हैं, तभी आप उनके सामने आने वाली चुनौतियों से पार पाने में सक्षम होंगे। आप देखिए, अरविंद केजरीवाल की भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नसों पर चढ़ने की वास्तव में बुरी आदत है। अब केजरीवाल पंजाब के रूप में एक पूर्ण राज्य को नियंत्रित करते हैं। वह दिल्ली पर शासन करने का नाटक करने के अलावा, पंजाब के वास्तविक मुख्यमंत्री हैं! AAP के पंजाब चुनाव जीतने से पहले, अरविंद केजरीवाल के पास किसी भी पुलिस बल का नियंत्रण नहीं था। उसके पास कमोबेश वह शक्तियां थी जो एक नगर निगम के प्रमुख के पास होती हैं। इसलिए जब आप ने पंजाब जीता और केजरीवाल इसके वास्तविक शासक बने, तो पंजाब पुलिस को राजनीतिक प्रतिशोध के एक उपकरण के रूप में उपयोग करने लगे।

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केंद्र ने केजरीवाल को बताई उनकी औकात

अंदाजा लगाइए कि अरविंद केजरीवाल ने पंजाब पुलिस का इस्तेमाल कर अनैतिक और असंवैधानिक रूप से किसे निशाना बनाया? भाजपा को! ‘आप’ के मुखर आलोचक तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस ने कथित तौर पर अगवा कर लिया, उनके साथ हाथापाई की और उन्हें पगड़ी पहनने के उनके अधिकार से भी वंचित कर दिया। गिरफ्तार करने, अभियोजन चलाने और न्याय के पूर्व ही उन्हें अपराधी के तर्ज पर घुमाया गया। उनके सामने उनके पिताजी को पिटा गया। अब जब अरविंद केजरीवाल ने पंजाब पुलिस का इस्तेमाल कर न सिर्फ भगवा पार्टी के नेताओं बल्कि उनके परिवार को भी परेशान करने के साथ-साथ धुर्तई करने की कोशिश की है तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनको उनकी औकात बता दी है।

इस परिस्थिति में अरविन्द केजरीवाल सोच रहे हैं कि शायद इस बार AAP ने गलत लोगों से खिलवाड़ कर लिया और ऐसा है भी। यदि केजरीवाल को लगता है कि वो पंजाब पुलिस को नियंत्रित करते हैं, तो केंद्र सरकार उनसे अधिक सरकारी एजेंसियों को नियंत्रित करती है, जितना कि AAP गिन भी नहीं सकती। इसलिए केजरीवाल द्वारा तेजिंदर पाल सिंह बग्गा से प्रतिशोध लेने की कोशिश करने के एक दिन बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो पंजाब में उतरा और AAP विधायक के परिसरों पर छापे मारे।

दरअसल, सीबीआई ने शनिवार को पंजाब के आप विधायक जसवंत सिंह से जुड़े परिसरों की तलाशी ली। आप विधायक कथित तौर पर 40.92 करोड़ रुपये की बड़े पैमाने पर बैंकिंग धोखाधड़ी में शामिल हैं। सीबीआई के एक बयान के अनुसार, तलाशी के दौरान 16.57 लाख रुपये (लगभग), लगभग 88 विदेशी मुद्रा नोट, कुछ संपत्ति दस्तावेज, कई बैंक खाते और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।

एक कंपनी जिसमें जसवंत सिंह निदेशक के रूप में कार्य करते हैं, उसे बैंक ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2011-2014 के दौरान चार बार ऋण स्वीकृत किया गया था। सीबीआई के अनुसार, “यह आरोप लगाया गया था कि फर्म ने अपने निदेशकों के माध्यम से गिरवी रखे स्टॉक को छिपाया था और बही ऋणों को दुर्भावनापूर्ण और बेईमान इरादे से डायवर्ट किया था, ताकि इसे लेनदार बैंक को निरीक्षण और सुरक्षित लेनदार के रूप में वसूली के लिए उपलब्ध नहीं कराया जा सके।”

अल्पसंख्यक आयोग ने लिया संज्ञान

वहीं, दूसरी ओर बग्गा के पगड़ी के अपमान के बाद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) ने शनिवार को उन रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लिया, जिनमें कहा गया था कि तेजिंदर सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी के दौरान उनकी पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई थी। पंजाब के मुख्य सचिव को लिखे एक पत्र में, मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा, “सिख अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति तजिंदर सिंह बग्गा को उनकी गिरफ्तारी के दौरान कथित तौर पर अपनी पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई थी। यह पंजाब पुलिस द्वारा 6 मई 2022 को एक सिख व्यक्ति के धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन का एक गंभीर मामला है। तदनुसार, आपसे अनुरोध है कि कथित घटना पर एक तथ्यात्मक रिपोर्ट और 7 दिनों के भीतर मीडिया रिपोर्ट जो कि 14 मई, 2022 तक नवीनतम है, आयोग को प्रस्तुत करें।”

बताते चलें कि आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट संगठन है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रखने का दावा करता है। पर लोकपाल तो आया नहीं, पर हां, आप की सरकार इस कारण पंजाब में जरुरु आ गयी। याद कीजिए कि कैसे भगवंत मान ने 24X7 शिकायत नंबर लॉन्च करके पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की थी, जिसका इस्तेमाल पंजाब के लोग अपनी भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों को दर्ज करने के लिए कर सकते हैं? अब पता चला है कि यह सब सिर्फ एक बड़ा झूठ था और अब बग्गा प्रकरण ने केजरीवाल की बैंड बजा दी है। आम आदमी पार्टी खुद को पूरी तरह से गंभीर संकट में डाल चुकी है। केजरीवाल को लगा कि वही एकलौते मर्द हैं। लेकिन, अब उन्हें समझ में आ रहा है कि वो इस पूरे पिक्चर के विलन हैं जो ५६ इंच के सीने वाले हीरो से हार जायेंगे।

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