Puma के लिए भारतीयों ने Adidas-Nike को ठुकरा दिया

भारत का टॉप स्पोर्टसवियर ब्रांड बना Puma !

PUMA

Source- TFIPOST.in

भारत किसी भी प्रोडक्ट के लिए एक बहुत बड़ी मार्केट है. एक बार जो प्रोडक्ट भारत की जनता को पसंद आ गया तो उस प्रोडक्ट को बनाने वाले की चांदी हो जाती है. अब भारत में स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को ही देख लीजिये दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. जहाँ पहले लोग बस क्रिकेट में ही दिलचस्पी लेते थे आज वो दूसरे खेलों को भी मान्यता दे रहे हैं.

स्पोर्ट्स जगत में एडिडास और नाइक सबसे बड़े नाम हैं. चाहे कोई रेसर हो या ओलंपिक में जम्प करने वाला कोई खिलाड़ी, सब एडिडास या नाइकी पहने हुए दिखेंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं की भारत में एडिडास और नाइकी नहीं बल्कि प्यूमा है जिसने अपनी धाक जमा राखी है. साल 2006 में जब प्यूमा ने  भारत में कदम रखा तो उस समय नाइकी  और एडिडास पहले ही मार्केट में अपनी धाक जमा कर बैठे थे. लेकिन आज प्यूमा ने उन सभी को काफी पीछे छोड़ दिया है.

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भारत में प्यूमा का FY 20 -21

भारत में  2021 के लॉकडाउन के बावजूद प्यूमा ने भारत में गत वर्ष 2000 करोड़ से ज़्यादा का कारोबार किया। जब कोरोना काल में कई कारोबार ठप होने की कगार पर थे उस दौरान भी प्यूमा ने सबसे अधिक सेल्स के साथ मार्केट में अपना वर्चस्व स्थापित किया. साल 2020 में प्यूमा का भारत में 1215 करोड़ का कारोबार हुआ जबकि साल 2021 में 68% की छलांग लगाते हुए उनका कारोबार 2044 करोड़ तक पहुँच गया. जबकि मशहूर ब्रांड एडिडास का कारोबार 23% गिरकर 1228 करोड़ से 945 करोड़ पर पहुँच गया. वहीं नाइकी की स्थिति भी कोई ख़ास अच्छी नहीं रही. नाइकी का कारोबार 27% गिरकर 775 करोड़ से 564 करोड़ पर पहुँच गया.

तो प्यूमा ने क्या अलग किया?

भारत में लोग पैसे की बहुत क़द्र करते हैं. जहाँ हो सके वहां पैसे बचाते हैं. तो भारत में जब लोग अपने लिए जूते चुनते हैं तो वह वो जूते खरीदते हैं जो देखने में अच्छे, पहनने  में आरामदायक और जेब पर हलके हों, यानी ज़्यादा महंगे न हों. भारत में स्पोर्ट्स के नाम पर बस क्रिकेट ही ज़्यादा मशहूर है और इसलिए गली मोहल्ले में बच्चे क्रिकेट खेलते दिख जायेंगे. जो जूते वो क्रिकेट खेलते समय इस्तेमाल करते हैं उन्हें ही वे आने जाने के लिए भी इस्तेमाल कर लेते हैं. तो दस तरह के अलग-अलग जूते न खरीदकर एक जोड़ी जूते से ही उनका काम चल जाता है. भारतीयों के इसी खरीदारी के ढंग [Buying behavior] को समझते हुए प्यूमा ने भारत में जिन जूतों का व्यापार करना शुरू किया वे सस्ते भी थे और फैशनेबल भी. जहाँ नाइकी भारतीय क्रिकेट टीम को अपना स्पांसर बना रही थी और एडिडास सचिन तेंदुलकर को भारत में अपना ब्रांड एम्बेसडर वहीं दूसरी तरफ प्यूमा अपने प्रोडक्ट्स को भारत की जनता के हिसाब से बदल रही थी.

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भारत में ऑनलाइन इ-कॉमर्स प्लेटफार्म पर प्यूमा का रहा दबदबा

भारत में लोग, जूते स्पोर्ट्स के लिए कम और कहीं आने जाने के लिए ज़्यादा खरीदते हैं. तो उनके लिए जूते एक तरह से फैशन स्टेटमेंट हैं. भारतीयों की इसी सोच को ध्यान में रखते हुए प्यूमा ने भारत के लिए जो जूते बनाये स्पोर्ट्स ओरिएंटेड न होकर फैशन ओरिएंटेड थे जिससे प्यूमा का खर्च भी 30% तक कम हो गया. एक इंटरव्यू के दौरान अभिषेक गांगुली , जो प्यूमा के मैनेजिंग डायरेक्टर [India and Southeast asia] हैं उन्होंने बताया की, “पान्डेमिक में जब व्यापार ठप पड़ गए तो स्पोर्ट्सवेयर और लाइफस्टाइल सेगमेंट में इ-कॉमर्स चैनल में एंटर करके अपने प्रोडक्ट्स डिजिटली बेचने वाले प्यूमा पहली कंपनी थी.

सिर्फ रिटेल ही नहीं बल्कि मार्केटिंग में भी प्यूमा ने डिजिटल प्लेटफार्म पर ध्यान दिया. और इसी के चलते आज भारत में प्यूमा की 43% कमाई ऑनलाइन हो रही है. अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और अजिओ जैसे ऑनलाइन इ-कॉमर्स प्लेटफार्म पर प्यूमा सबसे ज़्यादा पॉपुलर रहा है. पान्डेमिक के दौरान प्यूमा ने “IPL टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, मुंबई सिटी फुटबॉल क्लब और के.एल. राहुल के साथ 1DER मर्चेंडाइजिंग लाइन लांच की, पर सबसे ज़्यादा फायदा उन्हें विराट कोहली के साथ कोलेब करने से हुआ.”

इसके अलावा लोगों ने पान्डेमिक के दौरान अपनी सेहत और फिटनेस पर ज़्यादा ध्यान दिया और ये प्यूमा के लिए काफी अच्छा  मौका  साबित हुआ. साथ ही प्यूमा भारत में ‘मेक इन इंडिया’ को सपोर्ट करते हुए लोकल सोर्सिंग को बढ़ावा दे रही है. एडिडास और नाइकी की रिपोर्ट आना अभी बाकी प्यूमा जनवरी- दिसंबर फाइनेंसियल ईयर  फॉलो करती है जबकि एडिडास और नाइकी अप्रैल- मार्च फाइनेंसियल ईयर फॉलो करते हैं. इसलिए उनकी रिपोर्ट आने में अभी थोड़ा समय है.

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ग्लोबल लेवल पर प्यूमा

प्यूमा, नाइकी और एडिडास की टक्कर नहीं कर सकता. क्यूंकि विश्व भर में प्यूमा कीकीमत 6. 81 बिलियन यूरो है जबकि एडिडास की कीमत 21. 3 बिलियन यूरो और नाइकी की कीमत 36.53 बिलियन यूरो है जो की प्यूमा की कीमत से तीन और पांच गुना ज़्यादा है. भारत में फुटवेअर कंपनी. प्यूमा ने भारत में  इंडियन फुटवियर कंपनी बाटा को भी पीछे छोड़ दिया है. इंडियन फुटवियर मार्केट दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. दिल्ली के रहने वाले मुकुंद लाल दुआ और रमेश लाल दुआ जो रिलेक्सो फुटवियर के मालिक हैं वे  350 मिलियन डॉलर की कमाई करके आज करोड़पति हैं.

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