इस कहावत को तो आप सभी ने सुना होगा कि जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है पर विवेकहीन लोगों पर सदा से नाश ही छाता है और उन्हें उससे कोई परहेज भी नहीं होता यह जग जाहिर है। इस विवेकहीन तथ्य के जीवंत उदाहरण हैं मुल्ला मुलायम सिंह के साहबज़ादे सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जो स्वयं हिन्दू होकर हिन्दू धर्म और अनुष्ठानों का मज़ाक उड़ाना और अब अखिलेश यादव और उनके परिवार के लिए आम सा हो गया है। इसी बीच काशी विवाद से जुड़ा तुच्छ बयान देते हुए अखिलेश यादव ने सिद्ध कर दिया कि वो कितने बड़े हिन्दू विरोधी और कितने बड़े शांतिदूत बन चुके हैं। निस्संदेह, एक हिंदू विरोधी बयान से अखिलेश ने हमेशा के लिए अपने हिंदू वोट खो दिया है।
हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया: सपा प्रमुख अखिलेश यादव, अयोध्या pic.twitter.com/nt4GYgaNfu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 18, 2022
दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग पर विवादित बयान देते हुए कहा कि, ‘हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया। बुलडोजर कार्रवाई केवल डराने के लिए है। ये बुलडोजर केवल धर्म, जाति और हमारे मुसलमान भाईयों को डराने के लिए है। बुलडोज़र कार्रवाई बड़े लोगों के लिए नहीं है। एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं। बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है।’
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वोटबैंक की राजनीति
यह बयान मुल्ला मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश तब दे रहे हैं जब उनके शासन में रोड़ों के बीच में मजारें, दरगाह और यहाँ तक की मस्जिदें बनती थीं और माननीय चूं नहीं करते थे क्योंकि वोटबैंक खिसक जाता। आज भी यह बयान उसी समुदाय को खुश करने के लिए दिया गया है। क्योंकि चुनावी हिन्दू बनने वाले अखिलेश को पता है कि उनको यादव वोट बैंक खिसकने के बाद एक समुदाय और वर्ग को तो मजबूत करके चलना ही होगा नहीं तो अखिलेश अपने पुश्तैनी वोटबैंक को भी खो देंगे। आजकल पीके मूवी के आमिर खान की तरह पत्थर, पीपल का पेड़ और लाल झंडा वाली बाते करने लगे।
सपा प्रमुख की यह टिप्पणी वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अदालत द्वारा आदेशित वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई है। इसके अलावा, हाल के दिनों में, विभिन्न हिंदू समूहों ने अदालतों में याचिकाएं दायर कर आरोप लगाया है कि कुछ मस्जिदों को मंदिरों की साइटों पर बनाया गया था।
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समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की मंदिरों पर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को कहा कि इस तरह की टिप्पणी करके उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया था।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि, “अखिलेश यादव, जो दावा करते हैं कि श्री कृष्ण उनके सपनों में आते हैं, उन्होंने हिंदू आस्था का भी मज़ाक उड़ाया है। हिंदू आस्था का इस तरह का मजाक किसी के लिए आश्चर्य की बात नहीं है, जिसकी राजनीति श्रेय लेने और निर्दोष रामभक्तों पर गोलियां चलाने में गर्व महसूस करने की रही है।”
#WATCH | BJP leader Shehzad Poonawalla slams Samajwadi Party (SP) chief Akhilesh Yadav over the latter's remark 'just by placing a rock, a red flag under a pipal tree it becomes a temple.' pic.twitter.com/awr54SPO5V
— ANI (@ANI) May 19, 2022
यह बयान जितने निंदनीय है उससे ज़्यादा विभत्स अखिलेश यादव की सोच हो चुकी है जिसने अपने घर भरने और वोट भरने के अतिरिक्त और कुछ नहीं सोचा है और एक हिंदू विरोधी बयान से अखिलेश यादव ने हमेशा के लिए अपने हिंदू वोट बैंक को खो दिया और अपने भीतर उमड़ रहे मुस्लिम प्यार को सबके सामने बयां कर गए।
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