अमित शाह ने केजरीवाल को दिखायी उनकी औकात

केजरीवाल समझते ही नहीं कि बाप-बाप होता है!

arvind kejariwal and bagga

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बाप-बाप होता है, ये ज़रा सी बात ‘दिल्ली के मालिक’ अरविन्द केजरीवाल को समझ में नहीं आई। एक तुच्छ बयान के पीछे जिस तरह पंजाब पुलिस को तजिन्दर पाल सिंह बग्गा के पीछे लगवाया, उसे पूरे देश ने अपनी आंखों से देखा लेकिन कुरुक्षेत्र में जो हुआ उसके पश्चात तो ऐसी स्थिति हो चुकी है कि न घर के रहे और न घाट के।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे अपने घमंड में अरविन्द केजरीवाल ने निर्लज्जता की सारी सीमाएं लांघ दी हैं और कैसे अमित शाह के नेतृत्व में केन्द्रीय प्रशासन ने अकड़ में चूर दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री केजरीवाल को उसकी जगह दिखा दी।

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जो भी हुआ वो किसी एक्शन मूवी से कम न था

कल तो जो हुआ, वो किसी एक्शन मूवी से कम न था। सुबह एकाएक तजिन्दर के घर में धमकते हुए पंजाब पुलिस के जवान उन्हें उठाकर ले गए। विरोध करने पर उनके पिता को पीटा गया और उनकी मां और बहन के साथ अभद्रता की गई।

तजिन्दर के पिता प्रीतपाल के अनुसार, पहले मेरे घर में 2 पुलिसकर्मी घुसे। वो मुझ से सामान्य ढंग से बात कर रहे थे। उस समय घर पर तजिन्दर और उनके अलावा कोई नहीं था। उसी समय तजिन्दर कपड़े पहन कर बाहर आए। थोड़ी बातचीत के बाद कई पुलिसकर्मी मेरे घर में जबरन घुस गए। उनके इस काम की मैं वीडियो बनाने लगा। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी मुझे खींच कर कमरे की तरफ ले गया और मुझ से हाथापाई की।”

तजिन्दर की मां कमलप्रीत ने इसका अनुमोदन किया। वहीं भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय सचिव, तजिंदर बग्गा की मां कमलजीत कौर का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन खींच लिया। उनके अनुसार, “पंजाब पुलिस ने ‘गुंडों’ की तरह काम किया, आम आदमी के पोशाक में पहुंचे और उसे ले गए। यह अपहरण नहीं तो और क्या है?” –

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ये सारा प्रकरण हुआ क्यों?

तजिन्दर के साथ ये सब कुछ ये इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने अरविन्द केजरीवाल द्वारा कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुई त्रासदी का उपहास उड़ाने की आलोचना की थी और उसपर माफी मांगने को कहा था। कई लोगों ने केजरीवाल की इस गुंडई पर उसकी आलोचना की तो कई लोगों ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए उन्हे अकर्मण्य और अयोग्य बताया जो अपने ही कार्यकर्ताओं को नहीं बचा सकती।

यह कोई और नहीं दिल्ली पुलिस ही थी। प्रीतपाल सिंह बग्गा की शिकायत पर एक्शन लेते हुए उन्होंने तुरंत पंजाब पुलिस के उक्त अफसरों के विरुद्ध अपहरण का मामला दर्ज करते हुए अलर्ट जारी कर दिया था। बस फिर क्या था बात हरियाणा तक पहुंच गई और अपनी डेयरिंग में फूली न समा रही पंजाब पुलिस के काफिले को थानेसर के पास रोक दिया गया। उन्होंने सभी प्रपंच अपनाए, यहां तक कि हाईकोर्ट तक का दरवाज़ा खटखटाया परंतु पाजी इक गल भूल गए सी – डेयरिंग हवा में दिखाई जाती है, सड़क पर नहीं, और हरियाणा में तो बिल्कुल नहीं।

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लेकिन कथा यहीं खत्म नहीं होती। तजिन्दर को सकुशल मुक्त कराकर हरियाणा पुलिस ने न केवल दिल्ली पुलिस को सौंपा अपितु पंजाब पुलिस के कई जवान को बंदी भी बनाया। अभी के लिए तजिन्दर पाल सिंह बग्गा को प्राथमिक जांच के लिए अस्पताल भेजा गया जबकि पंजाब पुलिस के जवानों को डीएसपी सहित दिल्ली पुलिस को पूछताछ के लिए सौंपा गया है।

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