UNSC में बिलावल भुट्टो ने उगला कश्मीर का जहर तो भारत ने उनकी जमकर क्लास लगा दी

पाकिस्तान भूल जाता है कि 'बाप बाप होता है'!

Bilawal Bhutto

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बाप बाप होता है और पाकिस्तान अपने बाप को बाप कहने से परहेज करता है फिर उसी बाप को बदनाम करने के लिए वो कपूत बनकर षड्यंत्र भी रचता है। फिर चाहे राष्ट्रीय स्तर पर भारत और विशेषकर कश्मीर का राग अलापना हो या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कश्मीर-कश्मीर मिमियाना हो, पाकिस्तान के हर नेता की यह आदत रही है कि जहां जाएंगे वहां कश्मीर कश्मीर चिल्लाएंगे। इस बार पुनः उसी रीत को निभाते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया गया और फिर जो हुआ वो देखने लायक था।

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे UNSC में बिलावल भुट्टो ने कश्मीर के विरुद्ध जहर उगला और घिसापिटा कश्मीर राग अलापने की पाकिस्तान की परंपरा को निभाया जिसके जवाब में भारत ने उन्हें धोबी पछाड़ देते हुए उनकी हैसियत याद दिला दी।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने क्या कहा?

दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद भारत ने शुक्रवार को पड़ोसी देश को “अनुचित टिप्पणी” करने के लिए फटकार लगाई। पाक विदेश मंत्री ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में परिषद की बहस में अपनी टिप्पणी के दौरान जम्मू-कश्मीर, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और परिसीमन आयोग के हालिया आदेश का मुद्दा उठाया था।

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बिलावल ने कहा था कि पांच अगस्त 2019 के भारत सरकार के फैसले और कश्मीर को लेकर परिसीमन आयोग की सिफारिशों जैसे कदम सिर्फ कश्मीर के लोगों पर ही नहीं बल्कि संयुक्त राष्ट्र, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, उसकी प्रस्तावना और चौथे जिनेवा कन्वेंशन पर भी हमला है। बिलावल ने कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र की निष्क्रियता का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा, कश्मीर के मुस्लिम बहुसंख्यकों को उनकी ही जमीनों और घरों में अल्पसंख्यक बनाया जा रहा है। इससे कश्मीर के युवाओं के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि इस संघर्ष को कौन सुलझाएगा और जिस शांति का उनसे वादा किया गया था उसे कौन बहाल करेगा लेकिन इन सबके बीच संयुक्त राष्ट्र हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। जो लोग खाद्य सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, हम उन्हें कश्मीर मुद्दे को सुलझाने की चुनौती देते हैं। दक्षिण एशिया में शांति के दरवाजे खोलें और देखें कि किस तरह पाकिस्तान और भारत के किसान दुनिया का पेट भर सकते हैं।”

वाह भाई वाह, यह तो वही बात हुई घर में नहीं हैं दानें और अम्मा चली भुनाने। कटोरापरस्त पाकिस्तान भारत की आड़ में स्वयं को भी कौशल युक्त और संसाधन से लबरेज़ बताता है। यह उसकी पुरानी आदत है कि किसी भी रूप में स्वयं को भारत के समकक्ष लाकर बात की जाए, जबकि भारत और पाकिस्तान में कितनी जमीन और आसमान की गहरी खाई है शायद भुट्टो यह भूल गए हैं।

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 पाकिस्तान को भी मिली तीखी प्रतिक्रिया

अब जब UNSC में मान्यवर बक ही आए थे तो उसकी प्रतिक्रिया तो आनी स्वाभाविक ही थी पर ऐसी तबियत खुश कर देने वाली प्रतिक्रिया दी गयी जिसकी किसी ने अपेक्षा नहीं की थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर राजेश परिहार ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा, “पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने अनुचित टिप्पणी की, जो मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए किसी भी मंच और हर विषय का दुरुपयोग करने के उद्देश्य से एक पावलोवियन प्रतिक्रिया का प्रतीक है।”

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परिहार ने आगे कहा कि, “जम्मू और कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हैं, और हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहेंगे। इसमें वे इलाके भी शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। किसी भी देश की ओर से कोई भी बयानबाजी और दुष्प्रचार इस तथ्य को नकार नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान केवल एक ही योगदान दे सकता है, वह है राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना। जहां तक ​​उनकी अन्य टिप्पणियों का संबंध है, हम उनके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे जिसके वह हकदार हैं।”

निस्संदेह, परिहार की ऐसी तीखी-तल्ख़ टिप्पणियों ने भुट्टो जैसे सभी पकिस्तानी नेतागण को इस वक्त बर्नोल की आवश्यकता का इल्म करा दिया होगा। न केवल इसके बाद कुछ दिनों तक पाकिस्तान में डर का माहौल रहने वाला है बल्कि दिनों-दिन उसकी हालत तंग ही होने वाला है।

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