देश की राजनीति में आज भाजपा का एकक्षत्र राज है। देश की कोई भी पार्टी भाजपा को हराने में नाकाम दिख रही है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को बुरी तरह से हरा कर देश की सत्ता संभाली है। लेकिन वो कहते हैं न की भाजपा देश की ऐसी पार्टी है जो अपने जीत के साथ हार की भी समीक्षा करती है। आपको बतादें की भाजपा अब उन सीटों पर ध्यान केंद्रित करने में जुट गई है जो पिछले लोकसभा चुनाव में हार गई थी।
इसी क्रम में अगले लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियों को तेज करते हुए, भाजपा ने बुधवार को अपने केंद्रीय मंत्रियों से देश भर में 144 निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने और पार्टी कार्यकर्ताओं और सरकारी कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत करने के लिए कहा, जहां पार्टी 2019 के चुनावों में जीत नहीं पाई। सूत्रों ने कहा कि मंत्रियों के नरेंद्र मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आने वाले 2024 आम चुनावी अभियान की शुरुआत करने की उम्मीद है।
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पार्टी अपने बूथ को और मजबूत करने का लिया संकल्प
आपको बता दें की पार्टी सांसदों को 25 मई से 31 जुलाई तक बूथ अभियान के तहत निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करने के लिए कहा गया है। प्रत्येक सांसद को 30 पार्टी कार्यकर्ताओं की बूथ मजबूत करने की गतिविधियों की निगरानी करने के लिए कहा गया है, जिन्हें एक विशेष निर्वाचन क्षेत्र में 100 कमजोर बूथ दिए जाएंगे। जबकि पार्टी के प्रत्येक विधायक को 25 बूथों पर गतिविधियों की निगरानी करनी होगी, जिनकी देखरेख 10 पार्टी कार्यकर्ता करेंगे।
खबरों के अनुसार पार्टी देखेगी कि गतिविधियों और सदस्यों के मामले में कम से कम 77,800 बूथ मजबूत हैं। जिन राज्यों में पार्टी को बड़े पैमाने पर विस्तार कार्यक्रमों में शामिल होना है, वहां चार नेताओं की एक विशेष टीम कार्यभार संभालेगी। बीजेपी इन सीटों पर अगले 18 महीनों में काम करने के लिए तीन स्तर के नेताओं को तैनात करेगी। सबसे पहले, वह एक केंद्रीय समिति होगी जिसमें राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे जो पूरे कार्यक्रम की निगरानी करेंगे। दूसरा, एक राज्य समिति योजनाओं को धरातल पर क्रियान्वित करेगी। तीसरा, केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक क्लस्टर समिति गतिविधियों की देखरेख और केंद्रीय और राज्य समितियों के बीच समन्वय में सीधे तौर पर शामिल होगी।
यही नहीं भाजपा द्वारा प्रत्येक लोकसभा सीट के लिए विशेष मीडिया प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। टीम को उन स्थानीय मीडिया संस्थानों को समझाने का भी काम सौंपा जाएगा जो भाजपा के खिलाफ हैं। सोशल मीडिया टीम को इस साल दिसंबर तक इन 144 लोकसभा सीटों में से प्रत्येक में कम से कम 50,000 कार्यकर्ताओं को नामांकित करने का लक्ष्य दिया जाएगा। विभिन्न मतदाता समूहों जैसे युवा, लाभार्थी, महिलाओं, सशस्त्र बलों में शामिल लोगों और केंद्रीय मंत्रियों को लक्षित करते हुए विभिन्न स्तरों पर सार्वजनिक संपर्क कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रियों को भी सरकारी कार्यक्रमों में लाभार्थियों के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करने के लिए कहा गया है। इस विस्तृत कार्यक्रम पर जून से काम शुरू होगा।
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योजनाओं के लाभार्थियों को साधने की तैयारी
गौरतलब है की पार्टी मुख्यालय में केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा दोनों ने उनसे 2024 के चुनावों से पहले आउटरीच कार्यक्रमों को तेज करने का आग्रह किया। बैठक में सरकार की आठवीं वर्षगांठ समारोह के कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। उनमें से सबसे महत्वपूर्ण गरीबों और कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के “प्रभावी कार्यान्वयन” के बारे में लोगों से संवाद करना होगा। सूत्रों ने कहा कि पार्टी आगामी चुनावों में भी महिलाओं और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को भी साधने का कार्य करेगी।
भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अभी से ही कमर कस चुकी है और भाजपा द्वारा पिछले लोकसभा चुनाव में हारी हुई सीट पर मंथन यह दर्शाता है की भाजपा की 300 प्लस सीट वाली नीति रही है अब वो 400 प्लस लोकसभा सीट जीतने की तैयारी कर रही है। भाजपा जिस तरह से चुनाव दर चुनाव में जीत रही है उससे यह स्पष्ट है की 2024 में भी लोकसभा चुनाव में मोदी की नीति और चेहरे के साथ भाजपा एकतरफा जीत सुनिश्चित करेगी।
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