एक समय था जब राहुल गांधी ने कहा था कि एक ऐसी मशीन बनाऊंगा कि एक साइड से आलू डालेंगे तो दूसरी तरफ से सोना निकलेगा। किसे पता था कि भाजपा उसी की भांति एक मशीन बना चुकी है जिसमें एक साइड से विपक्षी नेता डाले जाते हैं और दूसरी ओर से वो भाजपाई बनकर निकलते हैं। ऐसे भाजपाई जो पूर्व के कर्मों या यूं कहें पाप धुलकर भाजपाई बनते हैं। ऐसा नहीं है कि यह दलबदल भाजपा के समय में ही हो रही है। एक पक्ष की मानें तो जब तक राजनीति है तब तक दलबदल चलता ही रहेगा।
भाजपा पार्टी है या फिर सफाई मशीन?
ऐसा नहीं है कि यह गलत है पर भाजपा चूंकि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है तो उससे उसके कार्यकर्ताओं और जनता की अपेक्षा अलग तरह से चिह्नित होती हैं। इसी क्रम में अब इस मशीन के भीतर एक और गैरभाजपाई नेता आने को है। बीजेपी की शानदार लॉन्ड्री अब हार्दिक पटेल को बेदाग बनाने जा रही है जोकि स्वयं भाजपा के लिए घातक हो सकती है।
In poll booster, Hardik Patel set to join BJP
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— ANI Digital (@ani_digital) May 31, 2022
दरअसल, कांग्रेस के पूर्व नेता 28 वर्षीय गुजरात पाटीदार नेता, हार्दिक पटेल ने 2019 में कांग्रेस के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और उन्होंने बीती 18 मई को पार्टी आलाकमान को पत्र लिख पार्टी छोड़ दी थी। सोनिया गांधी के नाम लिखे पात्र के माध्यम से हार्दिक ने इस्तीफा दिया। पत्र में उन्होंने लिखा कि, “गुजरात कांग्रेस के नेता वास्तविक मुद्दों के बजाए ये अधिक ध्यान देते हैं कि दिल्ली से आए नेता को चिकन सैंडविच मिला या नहीं।” अब वही हार्दिक पटेल भाजपा का दामन थामने की ओर अग्रसर हैं।
"Today, I resign from the post of #Congress Party," tweeted #Gujarat leader @HardikPatel_.
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भाजपा में शामिल हो सकते हैं हार्दिक पटेल
सूत्रों और अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले हार्दिक पटेल गुरुवार को भाजपा में शामिल होंगे। यूं तो हार्दिक पटेल आधिकारिक तौर पर इस बात से इनकार करते रहे हैं कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं, लेकिन पार्टी और इसके नेतृत्व के लिए उनकी प्रशंसा ने कुछ और ही कहानी बयां की है। कांग्रेस छोड़ने के तुरंत बाद हार्दिक पटेल ने कहा था कि वह “अभी तक भाजपा में नहीं हैं” और उन्होंने भाजपा या आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने का कोई फैसला नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए अपने तीन साल “बर्बाद” किए हैं। पटेल ने कहा था कि, मैंने अभी तक किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होने पर कोई निर्णय नहीं लिया है चाहे वह भाजपा हो या आप। मैं जो भी फैसला लूंगा, वह लोगों के हित में होगा।”
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सौ बात की एक बात यह है कि भाजपा “कार्यकर्ता” प्रमुख पार्टी है तो वो उसकी इच्छा के विरुद्ध जाकर कई बार ऐसे निर्णय क्यों ले लेती है जहां उसके कार्यकर्ताओं के टूटने की नौबत आ जाती है। चूंकि, हार्दिक पटेल ने पूर्व में भाजपा और पीएम मोदी को पानी पी पीकर कोसा है, भाजपा के निचले स्तर के कार्यकर्ता इसी बात से रुष्ट हैं कि कोई भी पार्टी में आना चाहे तो उसे ऐसे न लिया जाए क्योंकि वो आते हैं, अपनी साख बनाते हैं और धोखा देकर पुनः पार्टी छोड़ दूसरे गंतव्य और पार्टी का रुख कर लेते हैं। ऐसा भाजपा के साथ कई बार हुआ जब उसे विपक्षी दलों के नेताओं ने पार्टी में आकर ठगा और पद-प्रतिष्ठा लेकर पार्टी छोड़ दी। यही कारण है कि भाजपा को शानदार लॉन्ड्री बनने से बचना चाहिए जो दागदार को कथित रूप से बेदाग सफेद बना देती है।