हिंदुस्तान की राजनीति आपको कभी ‘बोर’ नहीं करती. 2014 के बाद से भले ही सत्ता का केंद्र नरेंद्र मोदी बन गए हो- भले ही पूरी दुनिया में नरेंद्र मोदी छाए हो लेकिन चर्चा कांग्रेस की भी कम नहीं हुई है. ये और बात है कि कांग्रेस की चर्चा आपसी कलह के लिए हुई है. कांग्रेस की चर्चा हार के लिए हुई है. कांग्रेस की चर्चा परिवारवाद के लिए हुई है. कांग्रेस की चर्चा अयोग्य नेतृत्व के लिए हुई है. लेकिन हुई तो है.
पूरे देश में करीब-करीब कांग्रेस का संगठन ख़त्म हो चुका है. कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं के नाम पर गांधी परिवार के कुछ ‘बफादार’ बचे हैं. ऐसे में अब उदयपुर में कांग्रेस पार्टी चिंतन कर रही है. लेकिन मजेदार ये है कि एक तरफ कांग्रेस पार्टी चिंतन कर रही है दूसरी तरफ चुनावी राज्य कर्नाटक में कांग्रेस के 2 बड़े नेताओं के बीच गुत्थम-गुत्था हो रही है.
कर्नाटक कांग्रेस में कलह
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार और प्रदेश यूनिट की प्रचार समिति के प्रमुख एमबी पाटिल के बीच ज़ोरदार खींचतान मची है. दोनों नेता एक-दूसरे पर सार्वजनिक तौर पर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं. सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि हुआ क्या है. प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एमबी पाटिल पर हमला बोलते हुए कहा कि एमबी पाटिल ने सत्तारुढ़ भाजपा के उच्च शिक्षा मंत्री सीएन अश्वथनारायण से मुलाकात की है. बाबालेश्वर से विधायक एमबी पाटिल ने इन आरोपों का खंडन किया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो व्यक्तिगत स्तर पर किसी से भी मुलाकात करें. इसमें ग़लत क्या है?
इसी बीच कर्नाटक के मांड्या से पूर्व सांसद और कांग्रेस की पूर्व सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या स्पंदना ने भी कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हीं की पार्टी ने उनको ट्रोल करवाने के लिए अपने नेताओं को मैसेज भेजे हैं.
हर तरफ कांग्रेस में रार!
अब आप कांग्रेस पार्टी की स्थिति समझ पा रहे होंगे. अब आप समझ पा रहे होगे कि क्यों कांग्रेस पार्टी सभी राज्यों में बुरी तरह से हार जाती है. अब आप समझ पा रहे होंगे कि क्यों कांग्रेस पार्टी EVM पर दोष डालती है. अब आप समझ पा रहे होगे कि क्यों राहुल गांधी जनता पर ही सवाल उठा देते हैं.
दरअसल, हर राज्य में जहां कांग्रेस सत्ता में वहां और जहां सत्ता में नहीं है वहां भी कांग्रेस पार्टी के अंदर ही घमासान मचा रहता है. कांग्रेस पार्टी के अंदरखाने ही राजनीति होती रहती है. कांग्रेस पार्टी के नेता एक-दूसरे को पीछे खींचकर आगे निकलने की होड़ में लगे रहते हैं.
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चुनावों से पहले और चुनावों के दौरान पंजाब कांग्रेस में जो हुआ वो हम सभी ने देखा. किस तरह से नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच युद्ध हुआ। पंजाब से सटे हरियाणा में क्या हो रहा है, उससे भी देश वाकिफ है. शैलजा और हुड्डा के बीच का टकराव भी सभी को पता है। छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच का टकराव हो या फिर राजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच का टकराव। कांग्रेस पार्टी में हर जगह कलह पड़ी है.
‘कोल्डवार’ भी है जारी
चुनावी राज्य कर्नाटक में अभी रार भले ही डीके शिवकुमार और एमबी पाटिल के बीच दिख रही हो लेकिन यह लड़ाई इससे बड़ी है. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया दोबारा से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. वहीं, दूसरी तरफ डीके शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने के इरादों से सभी वाक़िफ हैं. ऐसे में इन दोनों नेताओं के बीच भी ‘कोल्ड वार’ चल रहा है.
कांग्रेस के चिंतन शिविर का ‘आउटकम’ कुछ हो या ना हो लेकिन कांग्रेस की कलह का ‘आउटकम’ हमें ज़रूर आज नहीं तो आने वाले वक्त में दिखाई देगा.
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