Ola के इलेक्ट्रिक स्कूटर किसी बुरे सपने से कम नहीं हैं

'इ का बवासीर बना दिए हो!'

OLA

Source- TFI

बड़ा दुःख होता है जब आप योग्य न हों और आपको योग्य प्रदर्शित करने का ढोंग रचा जाता है। ओला के संदर्भ में यह कथन एकदम सटीक प्रतीत होता है। ओला एक भारतीय बहुराष्ट्रीय राइड शेयरिंग कंपनी है जो अभी तक ओला कैब्स के लिए प्रख्यात थी, लेकिन पैसे की सनक और बाजार की मांग को देखते हुए इस कंपनी ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के क्षेत्र में पैर पसारना शुरू किया और इन्हें बाजार में उतरने की तेजी इतनी थी कि इलेक्ट्रिक स्कूटर के नाम पर ‘बवासीर’ बना दिया और मार्केट में उतार भी दिया! अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो ओला की सर्विस और उसके इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के क्वालिटी की पोल खोलते दिख रहे हैं।

दरअसल, कैब्स के लिए प्रख्यात कंपनी ओला फ़िलहाल इलेक्ट्रिक स्कूटर पर ध्यान केंद्रित कर उनके निर्माण में जुटी हुई है। पिछले वर्ष अगस्त में इस कंपनी ने Ola S1 और S1 Pro इलेक्ट्रिक स्कूटर काफी धूमधाम से लॉन्च किए गए थे और तब से ओला स्कूटर सकारात्मक सुर्खियां बटोर रहा था। लेकिन लॉन्च के 9 महीने बाद अब ओला मोटर और विशेषकर ओला इलेक्ट्रिक सुर्ख़ियों में तो है पर इस बार वो खबरें नकारात्मक हैं।

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ग्राहक ने OLA के इलेक्ट्रिक स्कूटर में लगाई आग

ध्यान देने वाली बात है कि तमिलनाडु में एक व्यक्ति द्वारा अपने Ola S1 Pro में आग लगाने की घटना सामने आई है। घटना के बाद उस व्यक्ति की वीडियो भी सामने आई, जिसमें वो को स्कूटर के साथ अपनी समस्याओं के बारे में बताते हुए दिख रहा है कि वह ओला इलेक्ट्रिक से इतना खिन्न क्यों है। उस व्यक्ति का नाम पृथ्वीराज बताया जा रहा है। वीडियो में, पृथ्वीराज को यह कहते हुए देखा जा सकता है कि उसने अपने स्कूटर में आग लगा दी, क्योंकि वह ईवी निर्माताओं की रेंज और ग्राहक सेवा के संबंध में इलेक्ट्रिक स्कूटर के जवाबों और प्रतिक्रियाओं से निराश था। पृथ्वीराज के अनुसार उन्होंने ओला के इस इलेक्ट्रिक स्कूटर को जनवरी 2022 की शुरुआत में खरीदा था और स्कूटर के मानकों और निर्माण गुणवत्ता को जनवरी के अंत तक परखा।

वो ओला स्कूटर के साथ तकनीकी और प्रदर्शन के मुद्दों से परेशान थे। पृथ्वीराज के अनुसार उन्होंने जनवरी में स्कूटर खरीदा लेकिन ओला ने पंजीकरण प्रक्रिया को जटिल बना दिया। अप्रैल में, ओला ने पुष्टि की कि उनका पंजीकरण अंबुर में यानी पृथ्वीराज के घर से लगभग 50 किमी दूर गुडियट्टम में होगा। हालांकि, उनके पास में एक वाहन पंजीकरण कार्यालय था, उसके बाद भी ओला के अधिकारियों ने स्कूटर को रजिस्टर कराने के लिए गुडियट्टम जाने के लिए कहा। वहां पहुंचने के बाद भी समस्याएं ख़त्म होने के बदले और बढ़ गईं। गुडियट्टम आरटीओ ने यह दावा करते हुए बाइक को पंजीकृत करने से इनकार कर दिया कि पृथ्वीराज का आवास आरटीओ के दायरे में आता ही नहीं है।

अब मरता क्या नहीं करता, हताश पृथ्वी हताशा में लौटने लगे। वापस लौटते समय, पृथ्वीराज के स्कूटर ने काम करना बंद कर दिया और ओला कस्टमर केयर ने शिकायत पर यह जवाब दिया कि उनकी मदद करने में सात से आठ घंटे लगेंगे। अब पारा चढ़ चुका था पृथ्वी का भी और दिन का भी। निराश होकर पृथ्वी राज ने अपने दोस्तों को फोन किया और उनसे 2 लीटर पेट्रोल लाने को कहा, जिसे बाद में पृथ्वी ने अन्तोत्गत्वा स्कूटर में आग लगा दी। यह कोई पहली बार नहीं है जो ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर और ओला इलेक्ट्रिक कस्टमर केयर वालों की लचर व्यवस्था और ढीठ प्रतिक्रिया से ग्राहक परेशान हैं। हाल ही में एक और निराश ग्राहक ने विरोध में अपने Ola S1 Pro को गधे से बांध दिया था और इलेक्ट्रिक स्कूटर को गधे से बांधकर उसका जुलुस निकाला था। वह कथित तौर पर स्कूटर से निराश थे क्योंकि उसने कुछ दिनों के बाद काम करना बंद कर दिया और कस्टमर केयर ने उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया था।

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ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर में लगी आग

मार्च 2022 में भी कुछ ऐसा हुआ जो ओला की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा था। पुणे में Ola S1 Pro स्कूटर में आग लग गई थी। ओला ने तब कहा था कि “हम पुणे में हुई एक घटना से अवगत हैं जो हमारे एक स्कूटर के साथ हुई थी और मूल कारण को समझने के लिए जांच कर रहे हैं और अगले कुछ दिनों में और अपडेट साझा करेंगे। हम उस ग्राहक के साथ लगातार संपर्क में हैं जो बिल्कुल सुरक्षित है।” बयान में आगे लिखा गया कि “ओला में वाहन सुरक्षा सर्वोपरि है और हम अपने उत्पादों में उच्चतम गुणवत्ता मानकों के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस घटना को गंभीरता से लेते हैं और उचित कार्रवाई करेंगे और आने वाले दिनों में और साझा करेंगे।”

उसके बाद हाल ही में, ओला ने अपने 1,400 से अधिक इलेक्ट्रिक स्कूटरों को बाजार से वापस लेने की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा कि “पुणे में 26 मार्च की वाहन आग की घटना की हमारी आंतरिक जांच जारी है और प्रारंभिक मूल्यांकन से पता चलता है कि थर्मल घटना एक अलग घटना थी। उपाय के रूप में, हम उन विशिष्ट बैच में स्कूटरों के विस्तृत निदान और स्वास्थ्य की जांच करेंगे और इसलिए 1,441 वाहनों की स्वैच्छिक वापसी जारी कर रहे हैं।”  उपर्युक्त मामलों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि ओला ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर लॉन्च करने से पहले उसे अच्छे से परखा नहीं और बाजार में उतार दिया, जो अब उसके ग्राहकों के लिए काल बनते दिख रहे हैं और ऊपर से उसकी डांवाडोल सर्विस ने लोगों की नाक में दम कर रखा है!

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