हिमाचल की AAP इकाई के लिए “खालिस्तान की मांग संवैधानिक अधिकार है”

वोट बैंक के लिए निचले स्तर तक गिरने को तैयार बैठी है AAP !

आम आदमी पार्टी खालिस्तान

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हिमाचल की AAP इकाई के लिए “खालिस्तान की मांग संवैधानिक अधिकार है”
यह क्रांति लाने आए थे जी,
ये राजनीति बदलने आए थे जी,
पर इनके लिए तो अब खालिस्तान की मांग भी संवैधानिक अधिकार है जी…
क्यों, शॉक लगा क्या?

इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे आम आदमी पार्टी वोट बैंक की राजनीति में अंधी होकर अलगाववाद को बढ़ावा देने को भी तैयार है। हाल ही में आम आदमी पार्टी के खालिस्तानी कनेक्शन के बारे में काफी चर्चा हो रही है। किसान आंदोलन से लेकर पंजाब चुनाव से इसकी चर्चा खूब रही है। परंतु हिमाचल प्रदेश से कुछ ऐसा निकलकर सामने आया है, जिसके कारण अब ये सिद्ध हो गया है कि आम आदमी पार्टी वोट बैंक राजनीति के लिए किस हद तक जा सकती है।

“खालिस्तान हमारा संवैधानिक अधिकार है”

असल में ट्विटर यूजर @BefittingFacts के सौजन्य से सामने आया कि हिमाचल प्रदेश के आम आदमी पार्टी इकाई के सोशल मीडिया प्रमुख हरप्रीत सिंह बेदी के पुराने ट्वीट अब वायरल हो रहे हैं। इन ट्वीट्स में 2012 के बाद से उनके हैंडल से खालिस्तान समर्थक कई ट्वीट शामिल थे, और महोदय ने यहां तक दावा किया कि “खालिस्तान हमारा संवैधानिक अधिकार है।” विश्वास नहीं होता तो आप स्वयं देख लीजिए। –

यह ऐसे समय में आया है जब आम आदमी पार्टी पर हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव जीतने के लिए खालिस्तानी समर्थन लेने का आरोप लगाया जा रहा है। उदाहरण के लिए 2012 में बेदी ने ट्वीट कर एक जत्थेदार भाई बलवंत सिंह राजोआना के संदर्भ में पूछा, “अमृतसर और खालिस्तान को स्वतंत्र घोषित किया जाना चाहिए और स्वतंत्रता के लिए लड़ना जारी रखना चाहिए। खालसा पंथ के एक सच्चे संत-सिपाही की यही ताकत है। खड़े हो जाओ और खालिस्तान की स्थापना की प्रतिज्ञा करो!”

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ये तो कुछ भी नहीं है। भाईसाब के कुछ अतरंगी सपने भी थे, जैसे कि यह –

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लेकिन ये ट्वीट जैसे ही वायरल होने लगे, हरप्रीत सिंह बेदी तुरंत पतली गली से खिसक लिए और अपना ट्विटर अकाउंट ही डिलीट कर लिए, इससे पूर्व कि उन पर आधिकारिक कार्रवाई होती। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और आम आदमी पार्टी की पोल खोल चुकी थी। यूं तो खालिस्तान के साथ सांठगांठ कोई इतनी भी नई बात नहीं है, परंतु जिस प्रकार से पंजाब में तनाव बढ़ रहा है, उस पर हिमाचल प्रदेश में ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, उससे कहीं न कहीं कुमार विश्वास की चेतावनी सत्य सिद्ध होती दिख रही है।

आम आदमी पार्टी की हिमाचल इकाई पहले ही अपने संगठनात्मक असफलताओं के कारण देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई थी, लेकिन अब हरप्रीत सिंह बेदी के कारण उसकी और भद्द पिटे, इससे पूर्व ही पार्टी ने हरप्रीत से सभी नाते तोड़ना उचित समझा।

AAP हिमाचल प्रदेश के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के ट्वीट के अनुसार, “हरप्रीत सिंह बेदी के ट्वीट्स से पार्टी का कोई सरोकार नहीं है और यह पूर्णतया आम आदमी पार्टी के विचारधारा के विरुद्ध है। पार्टी देश की एकाग्रता और अखंडता में विश्वास रखती है, और वह ऐसे किसी तत्व या व्यक्ति को बढ़ावा नहीं देगी जो इसमें बाधक बने। पार्टी तत्काल प्रभाव से हरप्रीत को सभी प्रकार के पदों से निष्कासित करती है” –

अब पार्टी ने ट्वीट कर अपने कर्तव्य की इतिश्री तो कर ली, परंतु जिस रीति का प्रारंभ इन्होंने किया, इसका दुष्परिणाम क्या होगा, इसका आभास आम आदमी पार्टी को बिल्कुल भी नहीं है। चंद वोटों की भूख में जो नौटंकी AAP कर रही है उसका क्या तमाशा होगा, इसका अंदाजा भी नहीं है उन्हें।

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