‘मुफ्त पानी’ से लेकर ‘पानी नहीं’ तक, ‘आधे सीएम’ की ऐसी है पूरी गलती

'फ्री-फ्री वाले' केजरीवाल ने दिल्ली वालों को पानी के लिए तरसा दिया

दिल्ली पानी

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“गजब टोपीबाज आदमी हो यार!” दिल्ली के कथित मालिक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हरकतों से लोग तंग आकर उन्हें यही संज्ञा देने लगे हैं। यमुना का जलस्तर लगातार गिर रहा है, दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि नदी सूख गयी है क्योंकि हरियाणा सरकार पानी रोक रही है। यह रुदाली राग नया नहीं है जब भी कोई मामला केजरीवाल सरकार से संभलता नहीं है तो वो उसका ठीकरा अन्य सरकारों पर तो फोड़ते ही हैं साथ ही जनता को संभल देने के बजाय वो पैनिक वाली स्थिति में पहुंचा देते हैं। मुफ्त पानी से लेकर पानी नहीं की स्थिति तक पहुंची दिल्ली और उसके आधे सीएम की पूरी गलती इस बार सबके सामने आ गयी है।

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भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में पानी की किल्लत

दरअसल, भीषण गर्मी के बीच दिल्ली भी पानी की किल्लत से जूझ रही है। दिल्ली के कई हिस्सों में यमुना का जलस्तर कम होने से जलापूर्ति प्रभावित है, स्थिति यह है कि लोगों ने अपने पानी के डिब्बे को जंजीर में जकड़ लिया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी चोरी न हो। पीने के पानी के लिए लोग पानी के टैंकरों के साथ-साथ पानी के बोरों पर भी निर्भर रहने को मजबूर हैं। ऐसी विकराल स्थिति में जब राज्य भयावह जल संकट की ओर जाने की ओर अग्रसर है तब मिथ्या आरोपों का दौर केजरीवाल और उनकी जोगबागा कंपनी ने शुरू कर दिया है जैसा वो पूर्व में करते आए हैं। जब कोरोनाकाल की पहली लहर में दिल्ली संभालने में यही केजरीवाल सरकार असफल हुई थी तब भी उसने हाथ खड़े कर दिए थे और सारा काम आकर केंद्र सरकार और विशेषकर गृह मंत्रालय को करना पड़ा था क्योंकि दिल्ली के मालिक ने तो हाथ ही खड़े कर दिए थे।

ऐसा ही पार्ट 2 जल संकट पर दिखाई दे रहा है जहाँ दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार अन्य राज्यों और विशेषकर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर निशाना साध रहे हैं कि यह पडोसी राज्य के मुख्यमंत्री उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहा हैं जबकि वास्तविकता इसके कोसों दूर है। दिल्ली जल बोर्ड के एक बयान में कहा गया है कि वजीराबाद तालाब का जल स्तर लगभग 674.50 फीट के सामान्य स्तर के मुकाबले गिरकर 669.40 फीट हो गया है। तालाब का स्तर 12 मई को 671.80 फीट से और गिर गया है। मंगलवार सुबह से तालाब के जलस्तर में सुधार होने तक जलापूर्ति प्रभावित रहने की संभावना है। वहीं यमुना में जल संकट को दिल्ली और हरियाणा की सरकारें जमकर एक दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।

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मनोहर लाल खट्टर ने क्या कहा?

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इन सभी पर कहा कि, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 1,050 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है और ऊपरी यमुना बोर्ड ने भी समय-समय पर पुष्टि की है कि दिल्ली को उनके हिस्से का पानी दिया जा रहा है।” इस बयान के साथ ही खट्टर ने आम आदमी पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, “पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार हरियाणा के हिस्से का पानी नहीं दे रही है।”

इन सभी बातों में आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं की जो दो चीज़ें साफ़ झलकती हैं वो दोगला चरित्र और जनता से लेश मात्र सरोकार न होना है।

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