Netflix से सीख – वोक बनिए, दिवालिया बनिए

Netflix के अंत की हो गई है शुरूआत !

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Source- TFIPOST

पता है धूम्रपान से भी हानिकारक क्या होता है? जंक फूड? शायद, पर पूरी तरह नहीं। मदिरा? थोड़ा बहुत, पर वो भी नहीं! Wokeism या वोक संस्कृति? निस्संदेह। ये बीमारी कई संस्थानों को लग चुकी है, जो उन्हें अंदर से खोखला और निकृष्ट बना रही है और इसी कारण से अब नेटफ्लिक्स दिवालिया होने के मुहाने पर आ चुका है। वो कैसे? असल में नेटफ्लिक्स पिछले कई दिनों से भारत समेत कई देशों में अपना जनाधार खोता जा रहा है और अब इसी बौखलाहट में उसने लोगों को नौकरियों से निकालना भी प्रारंभ कर दिया है। हम मज़ाक नहीं कर रहे हैं, नेटफ्लिक्स को दुनिया भर में हो रहे वित्तीय नुकसान से बचने के लिए कंपनी प्रशासन ने अपने ही कर्मचारियों को फायर करना प्रारंभ कर दिया है।

लॉस एंजेलिस टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने अपने बैलेन्स शीट के अनुसार वित्तीय नुकसान को पाटने हेतु कॉस्ट कटिंग के नाम पर अघोषित संख्या में मार्केटिंग संबंधित जॉब्स में छंटनी किया है। इसका प्रमाण हाल ही में तब देखने को मिला, जब एक पूर्व कर्मचारी Evette Dionne ने अपनी व्यथा ट्विटर पर व्यक्त करते हुए लिखा, “सात माह पूर्व नेटफ्लिक्स ने मुझे रिक्रूट किया, सिर्फ मुझे और मेरे जैसे कई योग्य लोगों को फायर करने के लिए” –

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एक अन्य पूर्व कर्मचारी ने अपना आक्रोश जताते हुए कहा, “मुझसे नेटफ्लिक्स ने कई प्रकार के वादे किए और अचानक से ये देखने को मिलता है कि एक दिन मुझे नौकरी से निकाल दिया, और किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं। अब मैं क्या करूँ?” –

परंतु नेटफ्लिक्स के इस दयनीय स्थिति के पीछे वोक संस्कृति कैसे जिम्मेदार है? Evette Dionne के शब्दों में, “मैंने नेटफ्लिक्स को काफी कुछ दिया और पॉप कल्चर के लिए इतनी बढ़िया टीम बनाई और समावेश के लिए जाने क्या क्या नहीं किया।” मतलब स्पष्ट था – काम कीजिए, जितना मतलब बनता है, इस्तेमाल कीजिए, और जब मतलब निकल जाए, तो ऐसे निकाल दीजिए, जैसे चाय में से मक्खी। स्वार्थपने में अब बिना तलवार के तो नेटफ्लिक्स मुगलों को टक्कर देने लगा है।

परंतु यही एक कारण नहीं जिसके पीछे नेटफ्लिक्स की लंका लगी हुई है। असल में नेटफ्लिक्स ने वोक संस्कृति को अपनाने की अंधी दौड़ में हर चीज़ को ताक पर रख दिया – नैतिकता भी। भारत जैसा प्रभावशाली मार्केट ने तो उसे लीला ही, परंतु वोक संस्कृति के कारण Netflix निकृष्ट और घिनौनी प्रवृत्तियों तक को बढ़ावा देने लग गया और ऐसा लगने लगा मानो अश्लीलता और अपराध अब OTT से दूर नहीं, क्योंकि ‘Its Expecting’, ‘365 Days’, ‘Cuties’ जैसे प्रोजेक्ट को स्वीकृत करना इसी बात के प्रमाण थे। परंतु आप लोगों को कब तक बार-बार बेवकूफ बनाते रहेंगे?

ऐसे में जिस प्रकार से Netflix को अब अपने जॉब्स में छंटनी करनी पड़ी है, उससे स्पष्ट होता है कि अब इस कंपनी के बुरे दिन आ गए हैं। यदि ये कंपनी अब भी नहीं सुधरी, तो जल्द ही इसे भारत समेत अनेकों देशों से अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा और जैसे CNN+ इतिहास बन चुका है, वैसे ही अब धीरे-धीरे आने वाले समय में बच्चे ये भी पढ़ेंगे, “एक था नेटफ्लिक्स!”

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