पार्टी छोड़ते वक्त इशारों-इशारों में कांग्रेस का सच बता गए सुनील जाखड़

अपने 35 मिनट के फेसबुक लाइव में पूर्व कांग्रेसी नेता ने ‘दिल की बात’ साझा की है।

SUNIL

Source- TFIPOST.in

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस मिलने के कुछ दिनों बाद पार्टी छोड़ने की घोषणा की। लगभग 35 मिनट के लंबे फेसबुक लाइव में पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने अपनी ‘दिल की बात’ साझा की और कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं।

जाखड़ ने सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी से अलग होते हुए कहा, “गुड लक और अलविदा कांग्रेस, दिल टूट गया।’’ 68 वर्षीय सुनील जाखड़ ने कांग्रेस छोड़ते वक्त तमाम मुद्दों की ओर इशारा भी किया।

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पिछले महीने की शुरुआत में कांग्रेस अनुशासन समिति ने जाखड़ को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस दिया था। पार्टी ने तब कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड को पार्टी के सभी पदों से हटाने का फैसला किया था।

कांग्रेस पर निशाना

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुनील जाखड़ ने सवाल किया कि क्या सोनिया गांधी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके पास पार्टी में कोई पद नहीं है। फिर भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तारिक अनवर, जेपी अग्रवाल और अंबिका सोनी को भी लपेटे में लिया जो कांग्रेस अनुशासन समिति के सदस्य हैं।

उन्होंने कहा, “तारिक अनवर ने मुझे कारण बताओ नोटिस दिया। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने पार्टी और सोनिया गांधी पर कई आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ दी थी।”

जाखड़ ने अंबिका सोनी पर निशाना साधा और पूछा कि वह उनके खिलाफ समिति का हिस्सा कैसे हो सकती हैं, जबकि उन्होंने ही उनके खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा, “1970 में अंबिका सोनी कहां थीं, जब कांग्रेस को अपने सदस्यों की सबसे ज्यादा जरूरत थी? तब वह अपनी जिम्मेदारियों से भाग गईं। उनका मेरा तो कांग्रेस पार्टी के साथ 50 साल पुराना रिश्ता है। वर्षों से मैंने कांग्रेस पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में काम किया है।”
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जाखड़ के साथ धोखा

पिछले साल अमरिंदर सिंह के सत्ता से बाहर होने के बाद वरिष्ठता के आधार पर जाखड़ मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे। लेकिन पार्टी नेता अंबिका सोनी के बयान के बाद जाखड़ के मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम हो गई थी, जिन्होंने कहा था कि पार्टी को सिख चेहरे के साथ जाना चाहिए जिसका प्रतिफल प्रतिकूल आया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जाखड़ ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की बार-बार आलोचना की थी और हाल ही में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की हार के बाद उन्हें पार्टी के लिए उन्हें उत्तरदायी करार दिया था। उन्होंने पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी। पार्टी के लिए यह झटका उदयपुर में चल रहे 3 दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दिन के बीच आया।

नाराजगी की असली वजह

जाखड़ की पार्टी हाईकमान से नाराजगी केवल यह नहीं है कि नोटिस जारी किए जाने से पहले उनसे बातचीत क्यों नहीं की गई? बल्कि वह सोनिया और राहुल द्वारा उनसे किया वादा पूरा नहीं किए जाने से भी आहत हैं। विधानसभा चुनाव से पहले जब हाईकमान ने उन्हें प्रदेश प्रधान पद से हटाकर नवजोत सिद्धू को कमान सौंपी थी, तब उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का भरोसा दिलाया गया था।

जाखड़ ने उस समय तो शांति से पद छोड़ दिया लेकिन उसके बाद नए मुख्यमंत्री की दौड़ से भी उन्हें बाहर कर दिया गया। विधानसभा चुनाव में पार्टी की जो हालत हुई, उसके बाद से जाखड़ खुद को हाशिए पर ही महसूस कर रहे थे। ऐसे में पार्टी छोड़ते वक्त सुनील जाखड़ जो इशारे देकर गए हैं, उससे एक बात तो साफ है कि कांग्रेस पार्टी की अंतर्कलह बहुत अंदर तक है।

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