ओह! तुम्हारे सुर कैसे बदल गए, अमेरिका ने ‘मानवाधिकार’ की बांसुरी बजाना बंद किया

भारत के आगे अमेरिका हुआ नतमस्तक !

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Source- TFI

आप सभी जानते होंगे एक समय था जब भारत को कूटनीतिक स्तर पर बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती थी। अमेरिका और पश्चिमी देश बार-बार भारत को आंख दिखाने की कोशिश करते थे लेकिन आज समय बदल चुका है। जब से प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की सत्ता संभाली  तब से इन पश्चिमी देशों द्वारा भारत को लेकर सकारत्मक नजरिया दिखने लगा है। कभी वैश्विक स्तर पर भारत को मानवाधिकार का पाठ पढ़ाने की कोशिश करने वाले इन देशों ने अब अपना पाला बदल दिया है।

दरअसल अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने टोक्यो में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ बाइडन के बीच क्वाड समिट के मौके पर द्विपक्षीय बैठक में बोला की मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के मुद्दों पर संयुक्त राज्य अमेरिका सिर्फ भारत को अकेला नहीं बोलता है।

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विदेश विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट

रूस पर भारत और यू.एस. के मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर जेक सुलिवन ने कहा की बिडेन और मोदी के बीच वार्ता “रचनात्मक और सीधी” होगी क्योंकि बिडेन और मोदी के बीच पिछले निजी आदान-प्रदान द्विपक्षीय एजेंडे के सभी मुद्दों पर बात करते रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, बिडेन प्रशासन शुरुआत से ही स्पष्ट हैं कि जब हम बुनियादी सिद्धांतों, मौलिक स्वतंत्रता, मानवाधिकार, लोकतांत्रिक संस्थानों के मूल्यों और कानून के शासन से विचलन या विचलन के किसी भी रूप को देखेंगे तो हम बोलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने लोकतांत्रिक और गैर-लोकतांत्रिक देशों के साथ व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक रास्ता खोज लिया है ।

आपको बतादें की संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट जारी की थी। अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट दुनिया के विभिन्न देशों में एक ही विषय का विश्लेषण करती है। हालांकि, वही रिपोर्ट संयुक्त राज्य अमेरिका का उल्लेख करने में विफल है- जहां पिछले दो वर्षों में मानवाधिकारों के उल्लंघन में तेजी वृद्धि देखी गई है।

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भारत की राग अलापता अमेरिका

इसी तरह, 4 अप्रैल को, एक अमेरिकी पुलिसकर्मी ने एक छोटे से यातायात उल्लंघन पर गिरफ्तारी के दौरान एक अश्वेत व्यक्ति की हत्या कर दी। पैट्रिक लोया के रूप में पहचाने जाने वाले अश्वेत व्यक्ति को गिरफ्तारी की कोशिश के दौरान पुलिसकर्मी ने ब्लैक पॉइंट पर घातक रूप से गोली मार दी थी। अमेरिकी पुलिस विभाग ने आज घटना का एक वीडियो जारी किया। वीडियो में स्पष्ट रूप से पुलिसकर्मी की ओर से शक्ति का अत्यधिक उपयोग दिखाया गया है। माना जाता है कि अश्वेत होने के कारण ही इस शख्स की गोली मारकर हत्या की गई थी। हालाँकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की रिपोर्ट इन सभी नस्लवाद और मानवाधिकारों के दुरुपयोग की घटनाओं का उल्लेख करने में विफल है।

उदाहरण के लिए, हाल ही में अमेरिका में दो सिख लोगों पर हमला किया गया था और इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह देश में सिखों पर लक्षित हमले का मामला था। हालांकि रिपोर्ट में इस घटना का जिक्र नहीं है। लेकिन भारत के खिलाफ बोलते हुए हमेशा नज़र आया है।

अपने देश में हो रहे नस्लभेदी और मानवाधिकार का उलंघन के बारे में बात नहीं करने वाला भारत को बहुत ज्ञान देता रहा है लेकिन यह मोदी सरकार की लोकप्रियता और रूस-यूक्रेन युद्ध में कठिन फैसले लेने के बाद अमेरिका भीगी बिल्ली बना हुआ नज़र आ रहा है और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन द्वारा भारत की राग अलापने और मानवाधिकार पर पलटना यह भारत की विदेश नीति और मोदी सरकार की जीत है।

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