आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में भाजपा को दिया सीएम उम्मीदवार- तजिंदर पाल सिंह बग्गा

केजरीवाल का दांव उन्हीं पर उल्टा पड़ा !

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Source -tfi post

अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना कोई अरविंद केजरीवाल और उनकी दिल्ली सरकार से सीखे। सरकार राज्य निहित काम करने के अतिरिक्त हर वो काम करने में आगे है जो निराधार और अवैध है। चूंकि दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन आती है तो अब तक केजरीवाल और उनकी सरकार के हाथ बंधे हुए थे कि द्वेषभावना से कैसे विरोधी दलों के नेताओं को आड़े हाथों लिया जा सके। इसी क्रम में जबसे पंजाब जैसे राज्य की सत्ता आम आदमी पार्टी के हाथ में आई है वो उसका दुरूपयोग करना दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से सरकार चला रहे अरविंद केजरीवाल ने शुरू कर दी है। इसके सबसे बड़े उदाहरण दिल्ली भाजपा के नेता हैं जिनके विरुद्ध आए दिन पंजाब पुलिस अरेस्ट वारंट लेकर धमक पड़ती है। इनमें सबसे बड़ा नाम है, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी- हरिनगर और सोशल मीडिया पर 2014 से पूर्व से सक्रिय तजिंदर पाल सिंह बग्गा को निशाना बनाकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी दिल्ली को सीएम कैंडिडेट दे दिया है।

दरअसल, दिल्ली में सियासी पारा चढ़ चुका है और इस बार कारक है दिल्ली की अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार। एक ट्वीट को लेकर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी इतनी तिलमिला गई कि उसने राजनीतिक सुचिता और विरोधी आवाज़ को यथोचित सम्मान देना छोड़ दिया। भाजपा नेताओं पर धड़ल्ले से कार्रवाई करने और पंजाब से अरेस्ट वारंट लाने वाले पंजाब पुलिस अधिकारी इस बार तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ़्तारी के चलते दिल्ली आए और उन्हें अवैध रूप से उनके घर से उठाकर ले गए।

बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेताओं ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पंजाब पुलिस का बेवजह  इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, वहीं पंजाब पुलिस बग्गा पर कानून के तहत कार्रवाई की बात कह रही है। तजिंदर पाल सिंह बग्गा पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया है।

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रिक्तता को भर सकता है चेहरा 

बता दें जिस ट्वीट को लेकर यह सारा संग्राम छिड़ा हुआ है वो तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने 22 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था- “अगर तुम्हें लगता है कि झूठे केस करके डरा लोगे तो ये तुम्हारी गलतफहमी है, जितनी ताकत है न उतने केस दर्ज कर, फिर भी तुम्हारी पोल इसी तरीके से खोलता रहूंगा।” उनका यह ट्वीट तेजी से वायरल हुआ था क्योंकि बग्गा को ट्विटर पर 9.19 लाख लोग फॉलो करते हैं। यह पूरा प्रकरण बग्गा को दिल्ली भाजपा की उस ग़हरी खाई को ख़त्म करने के लिए आगे बढ़ा रहा है जिसकी रिक्तता बीते 25 सालों से दिल्ली भाजपा झेल रही है। वो रिक्तता है, एक चेहरे की जो मदन लाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के बाद दिल्ली भाजपा को मिल ही नहीं पाया।

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केजरीवाल पर पड़ा उल्टा दांव 

बग्‍गा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय सचिव ने भी कहा था कि एक नहीं, 100 FIR कर लें। केजरीवाल अगर कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को झूठा बोलेंगे तो वह भी जरूर बोलेंगे। अगर केजरीवाल कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार पर ठहाके लगाएंगे तो वह बोलेंगे। फिर चाहे उसके लिए उन्‍हें जो अंजाम भुगतना पड़े।

निश्चित रूप से एक आक्रामक छवि और तटस्थ रुख वाले तजिंदर पाल सिंह बग्गा इस रिक्क्ता को यूँ भर रहे थे की नहीं यह तो बाद की बात होती क्योंकि अभी कोई विधानसभा चुनाव नहीं है और न ही दिल्ली में आगामी समय में कोई बड़ी राजनीतिक हलचल होने वाली है। ये तो अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की बग्गा के प्रति अजीब तरह की Fetish थी जिसको उन्होंने इतना तूल दे दिया कि आज केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी स्वयं कठघरे में खड़ी है जबकि यह षड्यंत्र था बग्गा को कठघरे में खड़े करने का। निश्चित रूप से केजरीवाल का दांव उन्हीं पर उल्टा पड़ता दिख रहा है।

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और नेतृत्व त्रास से जूझ रही दिल्ली भाजपा को वो चेहरा मिल गया है जिसपर वो दांव लगा सकती है। इसका एक बड़ा प्रयोग संभवतः भाजपा आगामी विधानसभा उपचुनावों में भी करे, क्योंकि आप नेता राघव चड्ढा के पंजाब से राज्यसभा सांसद बनने के बाद उनकी दिल्ली वाली राजेंद्र नगर सीट रिक्त हो गई है और आगामी दिनों पर उस पर उपचुनाव भी होना है। यूँ तो वर्ष 2020 के चुनाव में तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने हरिनगर विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था पर वो हार गए थे। लेकिन इस बार स्थिति-परिस्थिति बड़ी अलग हैं, इस बार यदि बग्गा इस रोष के साथ चुनावी मैदान में उतरते हैं तो मामला आम आदमी के हाथ से अवश्य फिसल जायेगा और फिर यह मिसाल आगामी भविष्य में भाजपा के लिए मिसाइल बन सकती है जो उसके चेहरे की खोज को समाप्त कर देगा।

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