हरी का भजन गाते रहो और पीएम मोदी को चुनाव जीताते रहो। इसी ध्येय के साथ देश का विपक्ष आज चल रहा है और आगामी चुनावों की रणनीति बना रहा है। इसमें देश की वयोवृद्ध पार्टी कांग्रेस और एक राज्य की राजनीति तक सीमित रहने वाली पार्टी टीएमसी का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। कांग्रेस तो राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है भले ही आंकड़े उसके साथ आज नहीं हैं, बावजूद उसके रणनीति बनाना बनता है, पर टीएमसी जब “इंडिया वांट्स दीदी” का नारा लगाए तो हंसी आती है। एक ओर जहां भाजपा अपने बलबूते पर सरकार में बने रहने की स्थिति में है तो आज सभी विपक्षी दल इकठ्ठा होकर भी बहुमत प्राप्त नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ममता और राहुल ने भाजपा के लिए आगामी 2024 चुनाव के लिए मिशन 400+ के द्वार खोल दिए है।
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विपक्षी दलों में ‘विपक्ष’ बनने के लिए कांटे की टक्कर
ध्यान देने वाली बात है कि कांग्रेस आलाकमान नेतृत्व परिवर्तन के अतिरिक्त सभी काम कर लेता है। हालिया उदाहरण कांग्रेस का नव संकल्प शिविर है जो उदयपुर में आयोजित हुआ और न जाने कितने संकल्प गांधी परिवार की और से लिए गए। उनमें से एक बड़ा संकल्प यह था कि जनता से टूट चुके जुड़ाव को भरने के लिए कांग्रेस पार्टी इस वर्ष 2 अक्टूबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेगी। इस यात्रा का सबसे बड़ा ध्येय 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी इज्जत बचाना है! चूंकि कांग्रेस का खिसकता जनाधार उसे 2014 में 44 सीट से 2019 में 52 सीट तक ही ला पाया, ऐसे में अपनी नैया पार कराने और ले देकर विपक्षी बनने की अच्छी स्थिति में आने का प्रयास करने के लिए कांग्रेस ऐसी यात्रा करने के लिए विवश हो गई है। इससे न केवल कांग्रेस ने एकमात्र मुख्य विपक्षी पार्टी होने का दावा मजबूत किया है, बल्कि यह भी जता दिया है कि कैसी भी स्थिति में हो कांग्रेस ही विपक्षी चेहरा देगी और वो ही अंत तक प्रमुख विपक्षी के तौर पर चुनाव लड़ेगी।
इसी बीच बंगाल से बाहर नहीं आ पाई पार्टी तृणमूल कांग्रेस और उसकी आका पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुंगेरी लाल वाले हसीन सपनों ने तो सारी सीमा और रेखाएं तोड़ दी है। यह तो सबको पता है कि ममता के मन में पीएम बनने की जिज्ञासा बहुत लंबे समय से है। इस सपने को हवा कथित राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ‘पीके’ ने दी, जब वो बीते वर्ष सभी दलों से मिलकर ममता के लिए 2024 की सियासी बिसात बिछाने की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद से तो ममता बनर्जी को विपक्षी चेहरे और पीएम उम्मीदवार बनने के सपनों ने घेर लिया। अब 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (TMC) के समर्थकों ने अपनी ‘बांग्ला निजेर मेयेके चाय’ (या बंगाल अपनी बेटी को चाहता है) की तर्ज पर ‘इंडिया वॉन्ट्स ममता दी’ नाम से एक नया अभियान शुरू किया है।
विपक्षी खेमें में मची है चीड़-फाड़
यह सत्य है कि जब विपक्ष को पीएम मोदी जैसे नेता का मुकाबला करने के लिए एक होना चाहिए था, वो इस बार फिर से धड़ों में बंटा हुआ है क्योंकि सबकी चाहतें ऐसी हैं कि “मैं बनूंगा प्रधानमंत्री- मैं बनूंगी प्रधानमंत्री।” इस सूची में राकांपा सुप्रीमो शरद पावर से लेकर तेलंगाना के सीएम केसीआर तक शामिल हैं, यह सभी पीके के उन शिकार में से एक हैं जिन्हें पीके ने जमकर सांप का तेल बेचा अर्थात् पीएम बनाने का कभी न पूरा हो सकने वाला सपना दिखाया और उसके बाद से ही विपक्ष में दो-फाड़ नहीं बल्कि चीर-फाड़ मची हुई है। जहां एक ओर राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा से 2024 का मैदान अपने लिए बनाने की जुगत में हैं, तो वहीं ममता बनर्जी बंगाल जीतकर ही स्वयं को तुर्रम खां समझते हुए पीएम बनने हेतु इंडिया वॉन्ट्स ममता दी वाला अभियान चला दिया। शाश्वत सत्य तो यही है कि धड़ों में बंटे विपक्ष ने निस्संदेह भाजपा और पीएम मोदी के लिए एक और जादुई आंकड़ा और 400+ सीटों के साथ 2024 की जीत को सुनिश्चित कर दिया है।
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