कार्तिक गोपीनाथ की गिरफ्तारी, हिंदुओं के प्रति DMK की तिरस्कारपूर्ण नीति को उजागर करती है

राष्ट्रवादी YouTuber कार्तिक गोपीनाथ को रिहा करो!

YouTuber कार्तिक गोपीनाथ

Source: TFI

जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। जिसे प्रभु को पूजना है वो उन्हें किसी भी रुप में पूज सकता है। अब जब लोग मन में ज़हर ही पाले बैठे हों तो उनसे क्या ही उम्मीद की सकती है। फिर चाहे उसमें दिवंगत हो चुके नेताओं का नाम हो या उनकी भावी पीढ़ी का-  दोनों के दोनों एक ही दिशा में चलते हुए हिन्दू धर्म और उसके आराध्यों को नीचा दिखाने का काम करते थे, करते हैं और करते रहेंगे- इसमें कोई संदेह नहीं है।

इसका एक और उदाहरण पेश करते हुए तमिलनाडु सरकार ने पुलिसिया कार्रवाई की आड़ में एक YouTuber कार्तिक गोपीनाथ को इस शिकायत पर गिरफ्तार कर लिया कि वो जीर्ण-शीर्ण हिंदू मंदिरों की रक्षा और मरम्मत की कोशिश के लिए धन संग्रह कर रहा था।

यूँ तो, दिवंगत द्रमुक संरक्षक एम. करुणानिधि ने एक बार भगवान राम को शराबी भी कहा था। उन्होंने खुले तौर पर हिंदुओं को चोर कहा और पेरियार जैसे कट्टरपंथियों की मान्यताओं का समर्थन किया था। ऐसे में यह कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है जब उनके बेटे और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए हिंदुत्व के विरोध में काम करें। स्टालिन अपनी सरकार में तमिलनाडु में धीरे-धीरे राष्ट्रवादियों और सनातनियों के जीवन को जीते-जी नरक भोगने पर विवश कर रहे हैं।

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तमिलनाडु जैसी सरकारें अपने वोट बैंक को मजबूत करने के लिए स्वयं से मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए कुछ नहीं करती हैं और जो करता है उसे जेल में भेजने का प्रपंच रचती हैं। इसलिए, YouTuber कार्तिक गोपीनाथ को गिरफ्तार करने के लिए राज्य की स्टालिन सरकार ‘फर्जी मामलों’ का उपयोग करते हुए उन्हें प्रताड़ित करना चाह रही है।

तमिलनाडु में द्रमुक सरकार ने एक बार फिर अपना असली हिंदू विरोधी रंग दिखाया है। 30 मई को  तमिलनाडु पुलिस ने YouTuber कार्तिक गोपीनाथ को पेरम्बलुर जिले के सिरुवाचुर में मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए धन इकट्ठा करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

कार्तिक ने एक ऑनलाइन फंडरेज़र प्लेटफॉर्म ऐप ‘मिलाप’ का उपयोग करके सिरुवाचुर में कई मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए धन जुटाया था। सत्ता में बैठे राज्य के डीएमके शासन द्वारा समर्थित हिंदू विरोधी ब्रिगेड ने मंदिर में कई मूर्तियों को विकृत कर दिया था और एक अक्षम तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई), उन मंदिरों का रखरखाव करने में विफल रहा था। अपना काम यह विभाग भले ही ना कर पा रहा हो लेकिन जो कर रहा था उसे भी इसने नहीं करने दिया- इसी विभाग ने कार्तिक गोपीनाथ की शिकायत की।

कार्तिक के विरुद्ध दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया कि कार्तिक ने भक्तों को धोखा दिया और फंडरेज़र के माध्यम से 50 लाख रुपये से अधिक एकत्र किए। हालांकि, उक्त ‘घोटाले’ का कोई सबूत नहीं दिया गया था। YouTuber कार्तिक गोपीनाथ की पहचान एक राष्ट्रवादी के तौर पर है। वो डीएमके सरकार की आलोचना करते रहे हैं- संभवतः एक कारण यह भी हो सकता है जिसके लिए स्टालिन और उनकी सरकार पुलिस का उपयोग करते हुए, कार्तिक की असहमति और विरोधी स्वर को को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं।

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तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कार्तिक गोपीनाथ की गिरफ्तारी की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने टिप्पणी की कि तमिलनाडु में डीएमके प्रशासन विरोधियों को दबाने के लिए जबरदस्ती कर रहा है। अन्नामलाई ने ट्वीट किया कि, “डीएमके हमेशा की तरह दबाव में होने पर डराने-धमकाने के हथकंडे अपना रही है।

पूरी तरह से झूठे आरोप लगाना न केवल निंदनीय है, बल्कि यह भी दिखाता है कि यह सरकार किस स्तर तक एक विरोधी आवाज को चुप करा सकती है। कुछ समय पहले उसके पिता से बात की थी और उसे आश्वासन दिया कि भाजपा इस राष्ट्रवादी के साथ खड़ी रहेगी और हमारी कानूनी टीम उनकी मदद करेगी।’’

अवादी साइबर क्राइम पुलिस ने YouTuber  कार्तिक गोपीनाथ पर IPC की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। गोपीनाथ पर एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था कि उन्होंने मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए लाखों रुपये जुटाए।”

जहां तक ​​तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग का संबंध है, यह पहली बार नहीं है कि इसकी अक्षमता जगजाहिर हुई है। विभाग दक्षिणी राज्य में 36,425 मंदिरों, 56 मठों या धार्मिक आदेशों (और मठों से संबंधित 47 मंदिरों), 1,721 विशिष्ट बंदोबस्ती और 189 ट्रस्टों को नियंत्रित करता है।

हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई के पश्चिम मांबलम में स्थित ‘अयोध्या मंडपम्’ को अपने नियंत्रण में लिया था। सत्ता में डीएमके सरकार के साथ, एचआर एंड सीई विभाग पेरियावादियों द्वारा घुसपैठ की गई है जो हिंदू मंदिरों को पूर्ण रूप से नष्ट करना चाहते हैं।

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निश्चित रूप से धर्मनिरपेक्ष बनने की जुगत में स्टालिन राज्य के हिन्दुओं को प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रही है। राज्य में बढ़ते अराजक माहौल का खामियाजा मात्र हिन्दू धर्म के लोगों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि जो भी कार्तिक की भांति स्टालिन सरकार के काले चिट्ठों को उजागर करने के साथ सरकार के विरोध में उतरता है वो स्टालिन को फूंटी आँख नहीं सुहाता और अंततः उस व्यक्ति पर पुलिसिया कार्रवाई हो ही जाती है। YouTuber कार्तिक गोपीनाथ का यह मामला हिंदुओं के प्रति द्रमुक के तिरस्कारपूर्ण रुख को उजागर करता है और इसको समय रहते नहीं रोका जाता है तो स्थिति और दयनीय हो जाएगी।

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