लखनऊ का नाम नहीं बदलेंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

‘अवधी’ में छिपा है इसका मुख्य कारण !

लखनऊ का नाम

Source- TFIPOST.in

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार जाहिर तौर पर अपने नाम बदलने की होड़ में पुनः से वापस आ सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक ट्वीट ने आने वाले हफ्तों में राज्य की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने की अटकलों की हवा को तेजी दे दी है। सोमवार शाम को लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए ट्वीट में योगी ने लिखा- “शेशवतार भगवान लक्ष्मण की पवन नगरी लखनऊ में आपका स्वागत और अभिनंदन।” इसके चलते सोशल मीडिया पर ‘लखनऊ’ का नाम बदलकर ‘लक्ष्मणपुरी’ करने को लेकर बहस छिड़ गई है।

लक्ष्मण को समर्पित एक भव्य मंदिर लखनऊ में पहले से ही बनाया जा रहा है। लखनऊ का नाम बदलकर लखनपुरी या लक्ष्मणपुरी करने की मांग कई बार भाजपा नेताओं द्वारा पहले भी की जा चुकी है। लखनऊ में पहले से ही लक्ष्मण के नाम पर कई स्थल हैं और इनमें लक्ष्मण टीला, लक्ष्मणपुरी और लक्ष्मण पार्क शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया था।

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चर्चाओ का विषय बना हुआ हैं

लेकिन आज जैसे इस शहर के नाम बदलने को चर्चा तो हो रही है लेकिन ऐसा प्रतीत होता दिख नहीं रहा की इस शहर का नाम बदला जाए और इसके कई कारण है तो चलिए आपको बताते हैं –

अवध को हिंदू राज्यों में सबसे प्राचीन माना जाता है। लोकप्रिय किंवदंती के अनुसार, भगवान रामचंद्र ने श्रीलंका पर विजय प्राप्त करने और जंगल में अपने निर्वासन की अवधि पूरी करने के बाद अपने प्रिय भाई लक्ष्मण को लखनऊ का क्षेत्र उपहार में दिया था। इसलिए लोग कहते हैं कि लखनऊ का मूल नाम लक्ष्मणपुर था, जिसे लखनपुर या लक्ष्मणपुर के नाम से जाना जाता है। अगर बात करे लखनऊ की तो लखनऊ में जो अऊ है जिसका अवधी में मतलब गांव होता है। उत्तर प्रदेश में कई ऐसी जगह है जैसे शिशामउ, मऊ, फाफामऊ और जाजमऊ जैसे नाम है। ज्ञात हो की राम चरितमानस भी अवधी में लिखा गया है तो जो नाम पहले से हिन्दू सभ्यता से जुड़ा हुआ है तो उसका नाम बदलने की कोशिश योगी आदित्यनाथ नहीं करने वाले।

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इस प्रसिद्धि से है आपत्ति

आपको बतादें कि लखनऊ शहर और उत्तर प्रदेश की राजधानी आज सबसे अधिक आबादी वाला शहर माना जाता है। इस शहर का एक सुनहरा इतिहास है। शहर “नवाबों के शहर” के नाम से प्रसिद्ध है। और यही सबसे बड़ी आपत्ति का कारण है की जिस जगह का नाम लक्ष्मण के शहर के नाम से जाना जाना चाहिए था उसे एक आक्रांताओं के नामकरण के नाम पर कर दिया गया। ज्ञात हो की कई पीढ़ियों तक शहर पर शासन करने वाले मुगल साम्राज्य से संबंध होने के कारण इस जगह को यह नाम दिया गया है। योगी आदित्यनाथ जी की उत्तर प्रदेश सरकार को सबसे पहले नवाबो की तहजीब को जो सनातन संस्कृति पर थोपी गई है उसे बदलने की जरूरत है।

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