यदि आपको लगता है कि इन ट्रेंड्स की उत्पत्ति भारत में हुई है, या ये भारत में अधिक प्रचलित हो सकते हैं, तो इसके लिए आप दोषी नहीं। अब पाकिस्तान के साथ हमारा छत्तीस का आंकड़ा रहा है। परंतु ये ट्रेंड भारत से नहीं, तुर्की से उत्पन्न हुए हैं।
#pakistaniperverts या पाकिस्तानी नीच और वासना के लिए लालायित हैं
#PakistanisGoBack यानि पाकिस्तानियों वापिस जाओ
#PakistanisGetOut यानि पाकिस्तानियों बाहर निकलो
असंभव! अकल्पनीय! यही शब्द आपके मस्तिष्क में भी उत्पन्न हुए होंगे न? भला तुर्की पाकिस्तान के विरुद्ध कैसे जा सकता है? दोनों तो भाई भाई है न, इनमें भाईचारा तो गजब का है न? इस वीडियो को देखकर तो कुछ अलग ही भाईचारा प्रतीत होता है –
Pakistani pervert beaten up by turkish men for harassing a woman. What shame. #abuse #arab #pakistaniperverts #Pakistan #PakistanZindabad #PakistaniSharmindaHai pic.twitter.com/xY7wGdthEg
— Justice Cartel (@CartelJustice) May 10, 2022
इस वायरल वीडियो के अनुसार एक पाकिस्तानी व्यक्ति को बुरी तरह कूटा जा रहा है, क्योंकि उसपर एक तुर्की महिला के साथ छेड़खानी करने का आरोप है। परंतु यह अपने प्रकार का एकमात्र केस नहीं है। सोशल मीडिया पर #Pakistaniperverts श्रृंखला के अंतर्गत ऐसे अनेक वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें तुर्कियों द्वारा पाकिस्तानियों की निकृष्ट हरकतों के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई करने पर विवश होना पड़ा है। विश्वास नहीं होता तो इन्हे देखिए –
https://twitter.com/PioveraEksi/status/1525173390113374215?s=20&t=ZTDm9JpiZ89wUpKFYVI09g
In Turkey there is a growing anger towards immigrants from Pakistan because videos are emerging in which Pakistanis pretend to take selfies but actually film unsuspecting women and girls, including children, who are "sexy" and then upload these videos on TikTok and brag. pic.twitter.com/aRbOPw0OYx
— Ridvan Aydemir | Apostate Prophet (@ApostateProphet) May 14, 2022
स्थिति तो इतनी बुरी है कि तुर्की में रह रहे कुछ पाकिस्तानी स्वयं इस ट्रेंड का समर्थन करते हुए दिख रहे हैं – #PakistaniSharmindaHai। परंतु तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एरदोगन तो मुस्लिम भाईचारे की बात करते हैं ना? तुर्की तो पाकिस्तानी नीतियों का समर्थन करता है ना? इस बात से सभी परिचित है कि तुर्की का पाकिस्तान से क्या नाता रहा है। 2020 में मिडिल ईस्ट में काफी तनातनी फैल रही थी, चाहे वह नागोर्नो काराबाख़ के क्षेत्र में हो, या फिर यमन और सीरिया में चल रहे गृह युद्ध ही क्यों न हो। दिलचस्प बात तो यह है कि इन सभी झड़पों में तुर्की की एक अहम भूमिका भी थी, और अब ये बात भी सामने आई कि मध्यकालीन युग की भांति ही तुर्की और पाकिस्तान जैसे देश अपने सैनिकों को दूसरों के युद्ध लड़ने के लिए भेज रहे थे।
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पाक की कुत्सित मानसिकता से त्रस्त
एक ओर जहां तुर्की भाड़े के सीरियाई जिहादियों को अपने उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहा था, तो वहीं पाकिस्तान अपनी खुद की सेना का दुरुपयोग करने को तैयार था। लीबिया हो, कुर्दिस्तान हो, सीरिया का इडलिब क्षेत्र हो या फिर नागोर्नो काराबाख़ क्षेत्र ही क्यों न हो, हर जगह इन दोनों देशों के भाड़े के लड़ाकू स्थिति को और भड़काते हुए दिख रहे था।
इसके अतिरिक्त कला कैसे प्रोपोगेंडा का सबसे बड़ा माध्यम होता है, इस बात से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। इसी हथियार का प्रयोग कर तुर्की ने विशेष रूप से कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए एर्तूग्रुल नामक एक टीवी सीरीज का खूब प्रमोशन किया गया। यह ओटोमन साम्राज्य के इतिहास से प्रेरित एक टीवी शो है। हालांकि, यह टीवी शो ऐतिहासिक पहलुओं को दिखाता है, लेकिन यह इस्लाम के कथित सुनहरे दिनों के बारे में खूनी पुनरुत्थान की कहानी है, जब ओटोमन साम्राज्य अपने शिखर पर था, जिसे ऐतिहासिक कहानी के नाम पर प्रसारित किया जा रहा है। इस टीवी शो को न सिर्फ तुर्की बल्कि पाकिस्तान में भी खूब पसंद किया जा रहा है, और तुर्की धारा वाहिकों के लिए जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा बाजार एक समय पर पाकिस्तान ही था।
तो फिर ऐसा क्या हुआ कि ये ‘याराना’ अचानक से ‘दुश्मनी’ में परिवर्तित हो गई? वो कहते हैं न, सांप को कितना भी दूध पिला दो, वह डसना नहीं छोड़ेगा। पाकिस्तान वो देश है जो कुछ भी छोड़ देगा, परंतु अपना व्यभिचार अपना लीचड़पना नहीं। इसी विकृत मानसिकता के पीछे तो हमारे भारत का विभाजन हुआ था, और इस मानसिकता के लोगों ने अपनी कुत्सित मानसिकता का परिचय देते हुए तुर्की की महिलाओं का ही यौन शोषण करना प्रारंभ कर दिया।
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ये तो कुछ भी नहीं है। एर्तूग्रुल की एक चर्चित अभिनेत्री इस्रा बिल्गिच के कई ऐसे फोटो थी, जहां वे पाश्चात्य परिधानों में थी, जो इस्लाम के अनुसार ‘हराम’ थे। इस पर पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने इस अभिनेत्री को जो उल्टा सीधा सुनाया, और कई प्रकार के अपशब्द कहे, उसके लिए जितना भी कहें, कम ही पड़ेगा –
लेकिन तुर्की में भले ही एरदोगन का राज हो, परंतु वे तुर्की का सम्पूर्ण इस्लामीकरण नहीं करा पाएँ हैं, जैसा वे चाहते थे। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपनी धर्मांधता का घिनौना प्रदर्शन करे, तो कोई कैसे स्वीकार करेगा। एक तुर्की ट्विटर यूजर के ट्वीट से ये स्पष्ट झलकता है –
“अधिकतम पाकिस्तानी आदमियों का इंसानियत या सभ्यता से दूर दूर तक कोई तक नाता नहीं है। कभी [बुर्के/नकाब के बाहर] ज़िंदगी में महिला तो देखी नहीं, और अपने आप को ‘सच्चा मुसलमान’ कहते हैं। कृपया तुर्की न आयें। हमें व्यभिचारी नहीं चाहिए!” –
https://twitter.com/turkishmughal/status/1525146995366707202?s=20&t=bU903TmdxB4CxG2R23RPsA
ऐसे में एरदोगन भले ही अभी भी ये सोचें की सब कुछ भला चंगा हैं, परंतु तुर्की की जनता समझ चुकी है कि ‘भाईचारा वाईचारा’ कुछ नहीं काम आएगा, यदि अपने घर की बहु बेटियाँ ही सुरक्षित न हो तो।
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