बीजेपी हमेशा खरी बात कहती है। अगर कहीं नहीं कह पाती तो ऐसा इसलिए क्योंकि वहां का संगठन राजनीतिक हिंसा और प्रतिरोध का शिकार है और जहाँ खुलकर राष्ट्रवाद, हिंदुत्व और विकास की बात होने लगे समझ जाइये की अपने संघर्ष से इस संगठन ने प्रतिशोध और हिंसा के चक्रव्यूह को तोड़ दिया है। ऐसा ही एक चक्रव्यूह तेलंगाना में टूट रहा है जहाँ बीजेपी अब खुलकर केसीआर और उनकी पार्टी टीआरएस के हिन्दू विरोधी नीतियों का विरोध करने लगी है।
इस विरोध का नेतृत्व कर रहें है तेलंगाना बीजेपी के प्रमुख बंदी संजय कुमार। 2023 में होने वाले आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनावों से पहले, भाजपा ने राज्य में पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण के खिलाफ अपने विरोधी रुख को दोगुना कर दिया है। भाजपा के तेलंगाना अध्यक्ष और सांसद बंदी संजय कुमार ने बुधवार, 26 मई को अपनी पार्टी के इस दावे को दोहराया कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आती है, तो पार्टी अल्पसंख्यक आरक्षण को समाप्त कर देगी। इसमें आरक्षण का वो कोटा भी शामिल होगा जो सत्तारूढ़ टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) सरकार द्वारा पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण में 12% की प्रस्तावित वृद्धि की ओर इशारा करती है। बंदी संजय ने हनुमान जयंती के अवसर पर करीमनगर में ‘हिंदू एकता यात्रा’ को संबोधित करते हुए यह बयान दिया।
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मुस्लिम आरक्षण पर तेलंगाना की राजनीति में छिड़ी बहस
तेलंगाना में मुस्लिम आरक्षण पर बहस लंबे समय से चली आ रही है, और भाजपा शुरू से ही इसका विरोध करती रही है, क्योंकि इस संबंध में एक विधेयक पांच साल पहले 2017 में तेलंगाना विधानसभा में पारित किया गया था। इस मुद्दे को भाजपा के अभियान में भी प्रमुखता से दिखाया गया था। 2018 के विधानसभा चुनावों के लिए, भाजपा ने प्रस्ताव के खिलाफ जबकि टीआरएस ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को इसके कार्यान्वयन में देरी के लिए दोषी ठहराया।
हाल ही में तेलंगाना की यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी घोषणा की कि भाजपा राज्य में अल्पसंख्यक आरक्षण को समाप्त करेगी और अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), पिछड़ा वर्ग, ईडब्ल्यूएस या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और उच्च जातियों के गरीबों को लाभ प्रदान करेगी। 14 मई को हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, अमित शाह ने कहा था- “धर्म के आधार पर अल्पसंख्यक आरक्षण एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण को प्रभावित करता है। हम अल्पसंख्यक आरक्षण खत्म करेंगे और एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण बढ़ाएंगे।”
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‘धर्मांतरण’ और ‘लव जिहाद’
उन्होंने कहा- “लव जिहाद के नाम पर मेरी बहनों को फंसाया और ठगा गया तो क्या हम चुप रहें। अगर गरीबों को अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया तो हिंदू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। बंदी संजय पर इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘लव जिहाद’ कहने वालों को लाठी का स्वाद मिले। धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।“ उन्होंने कहा कि राज्य में उनकी पार्टी के सत्ता में आने पर उन मदरसों पर तेलंगाना में प्रतिबंध लगा दिया जाएगा जहां कथित तौर पर गैरकानूनी गतिविधियां हुई थीं। कुमार ने कहा- “अगर ‘राम राज्य’ आता है, तो हम उर्दू भाषा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देंगे। देश में जहां भी बम विस्फोट होते हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि मदरसे आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बन गए हैं। हमें उनकी पहचान करनी चाहिए।”
आप माने या ना माने लेकिन पूरा देश विरोधी दलों के मुस्लिम तुष्टिकरण की नीतियों से त्रस्त है। अब इसका दायरा आरक्षण से लेकर लव जिहाद, भू-जिहाद और भाषा जिहाद तक पहुँच चुकी है। भाजपा धन्य है जो तेलंगाना को संभालने के उसे बंदी संजय जैसा शेर मिला जो विषम परिस्थितियों में भी केसीआर से लड़ाई ले रहा है। निश्चित रूप से ये सारे मुद्दे जनता से सरोकार रखने वाले हैं और अब ये मुद्दे उत्तराखंड जैसे भाजपा तेलंगाना में विजय की नींव रखेंगी। उम्मीद करते हैं आने वाले समय में ये वास्तविकता बन जनता के उम्मीदों पर खरा उतरेगा।