धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश के साथ ही CM बोम्मई ने अपना दूसरा कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है

दक्षिण में हिंदू धर्म के पुनरूद्धार का द्वार खोल रहा है कर्नाटक!

CM Bommai

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ईसाई मिशनरियों द्वारा चलाए जा रहे रिलिजियस कन्वर्जन के खेल को रोकने के लिए कर्नाटक मॉडल एक आदर्श के रूप में सामने आ रहा है। कन्वर्जन माफिया के विरुद्ध एक के बाद एक नए कानून लाने के बाद अब कर्नाटक सरकार एक नए एंटी कन्वर्जन बिल को लागू करने वाली है। सरकार ने इस बिल को अध्यादेश के जरिए सीधे कानून बनाने का निर्णय किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्तावित अध्यादेश कर्नाटक धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार विधेयक 2021 की प्रतिकृति होगा। बिल में लिखा है कि “कोई भी व्यक्ति गलत बयानी, बल, अनुचित तरीके से किसी भी अन्य व्यक्ति को एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित या परिवर्तित करने का प्रयास नहीं करेगा। प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके से या शादी से, न ही कोई व्यक्ति धर्मांतरण के लिए उकसाएगा न साजिश करेगा।”

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अवैध धर्मांतरण पर कानून का शिकंजा

प्रस्तावित कानून के अनुसार, धर्मांतरण की शिकायत परिवार के सदस्यों, संबंधित लोगों या यहां तक ​​कि धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति के एक सहयोगी द्वारा की जा सकती है। सामान्य वर्ग के लोगों के मामले में कानून का उल्लंघन करने वालों के लिए 3-5 साल की जेल और 25,000 रुपये का जुर्माना होगा। अर्थात् सामान्य व्यक्ति का प्रलोभन अथवा अन्य अवैध तरीके से धर्म परिवर्तित कराने वाले को 3 से 5 साल की सजा और जुर्माना होगा। जबकि नाबालिग, महिला अथवा SC-ST समुदाय से जुड़े किसी व्यक्ति, पुरुष अथवा महिला का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करवाने वाले व्यक्ति को 3-10 साल की जेल की सजा और 50,000 रुपये के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। विवाह के बाद हुए धर्म परिवर्तन के संदर्भ में प्रावधान है कि विवाह के 30 दिन पूर्व या 30 दिन बाद तक में, जिलाधिकारी को विवाहोपरांत होने वाले कन्वर्जन की जानकारी देनी होगी, तब ही विवाह को कानूनी वैधता प्राप्त होगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बीते दिन गुरूवार को स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लेकर आएगी। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, विधानसभा का सत्रावसान हो चुका हो चुका है। हम अध्यादेश के जरिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने जा रहे हैं।

मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है कर्नाटक

बता दें कि रिलिजियस कन्वर्जन कर्नाटक की एक बड़ी सामाजिक समस्या बन चुका है। न केवल ईसाई मिशनरियां इस कार्य में लगी हुई हैं बल्कि लव जिहाद के माध्यम से मुस्लिम युवकों द्वारा भी हिंदू युवतियों का धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। ऐसे में खबर यह है कि सरकार ने इस बिल को पारित करके कानून बनाने के लिए अगले विधानसभा सत्र तक रुकने के विचार को त्यागकर अध्यादेश लाने का निर्णय किया है। कर्नाटक सरकार अर्थव्यवस्था और हिंदुत्व दोनों मुद्दों पर शानदार कार्य कर रही है। आर्थिक पक्ष की बात करें तो कर्नाटक महाराष्ट्र को पीछे छोड़कर FDI हासिल करने के मामले में देश में प्रथम स्थान पर आ चुका है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में देश की कुल FDI का 45% कर्नाटक से आया है। 2021-22 में कर्नाटक में 1.02 लाख करोड़ का निवेश हुआ है। टोयोटा कंपनी इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कर्नाटक को मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में देख रही है, वही भारत की तेजी से आगे बढ़ रही सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का केंद्र भी कर्नाटक ही है। रक्षा उत्पादन के लिए भी कर्नाटक मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बन रहा है। दूसरी ओर हिजाब विवाद से लेकर कन्वर्जन माफिया के विरुद्ध सरकार के सख्त रवैया ने सामाजिक समस्याओं का निराकरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे में अब कर्नाटक का वर्तमान एंटी कन्वर्जन कानून बोम्मई सरकार की सत्ता में पुनः वापसी को सुनिश्चित कर सकता है।

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