मानवता हुई शर्मसार! पाकिस्तान में डॉक्टर ने हिंदू शिशु का सिर काटकर मां के गर्भ में छोड़ा

पाकिस्तान में क्रूरता की हदें पार !

Paak

Source- TFIPOST.in

पाकिस्तान के घिनौने चरित्र को और कैसे नकारा जा सकता है जहाँ उसकी स्वास्थ्य सेवाओ में कार्यरत कर्मचारी अब निकृष्टता में उसकी सेना और आतंक पोषित गुर्गे से ज़्यादा नीचे उतर आए हैं। हिन्दुओं पर नृशंसता की पराकाष्ठा पार करने वाले पाकिस्तानी समूहों ने अब इंसानियत से भी किनारा कर लिया है। पहले से ही अल्पसंख्यक हिन्दुओं और उनके मंदिरों पर बढ़ रहे क्रूर हमलों पर कोई कमी नहीं आ रही है। ऐसे में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के अस्पताल के कर्मचारियों ने एक नवजात शिशु का सिर काट दिया गया और उसे मां के गर्भ में छोड़ दिया गया। ऐसी विभत्स घटना को अंजाम देने वाले पाकिस्तान के इन स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी इस नीचता के लिए कोई माफ़ नहीं कर सकता।

दरअसल, सिंध के थारपारकर जिले के एक निजी अस्पताल में रविवार को हुई सर्जरी में एक अस्पताल के कर्मचारियों ने मां के गर्भ में नवजात बच्चे का सिर काट दिया और उसके अंदर छोड़ दिया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि घटना थारपारकर की चाचरो तहसील में एक निजी अस्पताल में हुई। इससे 32 वर्षीय हिंदू महिला की जान खतरे में पड़ गई। भयानक त्रासदी ने सिंध सरकार को घटना की जांच करने और दोषियों की पहचान करने के लिए एक चिकित्सा जांच बोर्ड स्थापित करने के लिए निर्देशित किया है।

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ऐसे बची महिला की जान

बता दें, जमशोरो में लियाकत यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज (एलयूएमएचएस) में स्त्री रोग इकाई के प्रमुख प्रोफेसर राहील सिकंदर ने कहा, ​​हिंदू महिला, एक दूरदराज के गांव की है और अपने क्षेत्र में एक ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र (आरएचसी) गई थी, लेकिन क्योंकि वहां कोई स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं था, अनुभवहीन कर्मचारियों ने उसे आघात पहुँचाया। उन्होंने कहा कि रविवार को आरएचसी के कर्मचारियों ने मां के गर्भ में पल रहे बच्चे का सिर काट दिया और उसके अंदर छोड़ दिया।

जब महिलाओं को जीवन के लिए खतरनाक स्थिति का सामना करना पड़ा। उसका परिवार अंततः उसे LUMHS ले आया, जहाँ नवजात के शरीर को माँ के गर्भ से हटा दिया गया, जिससे उसकी जान बच गई। सिकंदर के अनुसार, बच्चे का सिर अंदर फंसा हुआ था, और माँ का गर्भाशय फट गया था, इसलिए उन्हें उसका पेट चिकित्सकीय रूप से खोलना पड़ा और उसकी जान बचाने के लिए सिर को हटाना पड़ा।

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सिंध स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. जुमान बहोतो ने चौंकाने वाली गलती के परिणामस्वरूप मामले की अलग से जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जांच समितियां इस बात पर गौर करेंगी कि क्या हुआ, खासकर चाचरो में आरएचसी में स्त्री रोग विशेषज्ञ और महिला कर्मियों की कमी के कारण हुई इतनी बड़ी गलती पर विशेष जांच की जाएगी। निश्चित रूप से चिकित्सकीय खामियां तो एक बड़ा कारण थी ही, पर चूंकि हिन्दू थे इसलिए क्रूरता और बर्बरता की कोई सीमा ही नहीं रही और दोनों माँ और नवजात को मरने के लिए छोड़ दिया गया। इससे घिनौना कृत्य और क्या ही हो सकता है जो सिंध में हुआ। और जांच में भी यथोचित कार्रवाई होगी इसपर भी कोई विश्वास नहीं कर सकता क्योंकि मामला हिन्दू समुदाय से जुड़ा हुआ है और पाकिस्तान का रिकॉर्ड हिन्दुओं के संदर्भ में कैसा रहा है उसे बताने की कोई आवश्यकता है नहीं।

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