अलकायदा का भारत को ‘धमकी भरा पत्र’, स्नेह-पत्र ज्यादा प्रतीत हो रहा है

यह आतंकवादी संगठन है या फिर टिंडर डॉट कॉम?

Source: TFI

एक आतंकवादी संगठन है। नाम है अलकायदा। स्वयं को बहुत बड़ा तोप आतंकी संगठन कहता है। दुनियाभर में हमले करता है। इस बार उस आतंकी संगठन ने भारत को भी धमकी दी है। भारत को धमकी देते हुए एक चिठ्ठी लिखी है। जी हां, चिठ्ठी, और चिठ्ठी भी इतनी प्यारी है कि धमकी या फिर चेतावनी कम स्नेह-पत्र ज्यादा प्रतीत हो रहा है मानो आतंकवादी संगठन ना होकर अलकायदा कोई पब्लिशिंग हाउस हो जिसने सुंदर वाक्यों के साथ एक सुंदर-सी चिठ्ठी की रचना की है।

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“May our mothers be bereaved of us if we do not avenge our beloved Prophet.” से शुरू हुए पत्र का अंत भी “May our mothers be bereaved of us if we do not avenge our beloved Prophet.” से ही हुआ। शुरुआत में माँ और स्नेह के शब्दों से सुसज्जित इस पत्र में आगे कुछ ऐसा हुआ जो अलकायदा से तो अपेक्षित था पर शुरुआती लाइनों ने ऐसा सोचने पर पहले मजबूर नहीं किया, असल खाका तो आगे पढ़ने पर समझ आया कि ये स्नेह भरा पत्र नहीं बल्कि धमकी से भरा पत्र था। आतंकवादी संगठन अल-कायदा  ने गुजरात, उत्तर प्रदेश, मुंबई और दिल्ली में आत्मघाती हमलों की धमकी दी है।

यह तब हुआ जब भाजपा की प्रवक्ता के एक बयान ने तूल पकड़ लिया और आतंकवादी संगठन सच स्वीकारने में हिचकिचाने लगे और अंततः उन्होंने आत्मघाती हमले की चेतावनी देने लिए पत्र का सहारा लिया। पत्र भी ऐसा मानो अल-कायदा अपने सुंदर शब्दों के साथ एक प्रकाशन में बदल गया हो जो धमकी देने के साथ ही यह आशंकित कर रहा है कि यह आतंकवादी संस्थान है या टिंडर डॉट कॉम।

दरअसल, 6 जून को एक धमकी भरे पत्र में अलकायदा ने चेतावनी दी कि वो दिल्ली, बॉम्बे, यूपी और गुजरात में आत्मघाती हमले करेगा। इसके साथ ही संगठन ने पूर्व बीजेपी प्रवक्ता की एक टिप्पणी को संदर्भित करते हुए कहा, “दुनिया भर के मुसलमानों के दिलों से खून बह रहा है और साथ ही वो बदले और प्रतिशोध की भावनाओं से भरे हैं।”

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अब पत्र पर आई टिका-टिप्पणियों की बात करें तो पत्र स्वयं में ही एक मज़ाक बनकर रह गया है। पत्र का मूल ध्येय तो धमकाना था पर उसकी भाषा तो कोई और ही कहानी कह रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि अल-कायदा आतंकी संगठन से एक प्रकाशन संस्थान बन गया है जो सुंदर शब्दों के चयन के साथ धमकाने की कोशिश कर रहा है।

इस पत्र में कहा गया है कि अल्लाह सर्वोपरि है। मुहम्मद-अल-मुस्तफा, अहमद-अल-मुजतबा और उनकी नेक और शुद्ध बेगम विश्वासियों की माँ, सैय्यदा आयशा बिन्त अबू बक्र को एक भारतीय टीवी चैनल पर अपमानित किया गया।

पत्र में आगे कहा गया, “हमें अपने पैगंबर की गरिमा के लिए लड़ना चाहिए। हमें दूसरों से अपने पैगंबर के सम्मान के लिए लड़ने और मरने का आग्रह करना चाहिए। उन लोगों को मार डालो जो हमारे पैगंबर का अपमान करते हैं और हमें अपने शरीर और अपने बच्चों के शरीर के साथ विस्फोटक बांधना चाहिए ताकि उन लोगों को उड़ा दिया जा सके जो हमारे पैगंबर का अपमान करने की हिम्मत करते हैं।”

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यदि अल-कायदा द्वारा प्रसारित इस पत्र को गहन रूप से पढ़ा जाये, लेखन कौशल पर गहराई से नज़र डाली जाए तो पता चलता है कि वाक्यों को कितनी खूबसूरती से बनाया गया है। ऐसी महान शब्दावली के क्या ही कहने! लेखन काफी काव्यात्मक प्रतीत होता है और यही बात किसी भी पाठक को पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करती है कि क्या आतंकवादी संगठन एक “प्रकाशन गृह” में परिवर्तित हो गया है क्योंकि शब्दावली और तुकबंदी का अजीब मिश्रण इस पत्र में प्रदर्शित होता है। अल-कायदा को उसके इस पत्र में प्रयोग में लाए गए लेखन कौशल के लिए 100 में से 100 अंक दिए जा सकते हैं, लेकिन पत्र के मूल उद्देश्य-धमकाने और डराने में वो बुरी तरह से फेल साबित हुआ है।

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