भारतीय राजनीति के ‘Frankenstein’ हैं अन्ना हज़ारे

अन्ना ने केजरीवाल को 'पैदा किया' और केजरीवाल ने...

केजरीवाल अन्ना

Source- TFIPOST.in

क्या होता है जब इंसान भगवान बनने का प्रयत्न करता है? उसकी मंशा चाहे कितनी ही अच्छी क्यों न हो परन्तु वह विपत्ति को न्योता दे ही देता है। फ्रैंकेंस्टीन की कहानी इसका एक उदाहरण है। एक तरफ जहाँ विक्टर नामक वैज्ञानिक दुनिया का सबसे सुंदर और उत्तम मनुष्य बनाना चाहता था वहीं अंत में जिसे उसने बनाकर तैयार किया वह एक भयानक राक्षस निकला। कहानी का वैज्ञानिक और आविष्कार भले ही काल्पनिक हों लेकिन ये दोनों ही आज की दुनिया में आपको मिल जायेंगे।

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अरविंद केजरीवाल- अन्ना के पहले सहयोगी

वर्ष 2011 में रामलीला मैदान में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध अनशन पर बैठे अन्ना हज़ारे सभी को याद हैं। लेकिन यह शायद कोई नहीं जानता की अन्ना तो केवल इस आंदोलन का चेहरा मात्र थे, इस आंदोलन की लगाम केजरीवाल और उनकी टीम के हाथ में ही थी। विरोध की गैर-राजनीतिक प्रकृति के बावजूद, इस आंदोलन से आम आदमी पार्टी का जन्म हुआ जिसने दिल्ली को एक मुख्यमंत्री दिया। अपने गुरु अन्ना के कन्धों पर चढ़कर मंत्री की कुर्सी तक पहुँचने वाले केजरीवाल आज खुद भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रहे हैं, महिलाओं के लिए न्याय की हुंकार भरने वाले केजरीवाल अपनी पार्टी की महिला मंत्री को ‘कोम्प्रोमाईज़’ करने का सुझाव देने से नहीं चूके क्योंकि कठघरे में उनका ही नेता खड़ा था।

सत्ता पाने के बाद केजरीवाल का रुख बदला

सत्ता में आने से पहले केजरीवाल ने अरुण जेटली, नितिन गडकरी, बिक्रम सिंह मजीठिया जैसे कई नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उनकी पार्टी के पूर्व नेता और संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास ने जब उनसे बयान देने के साथ सबूत पेश करने का सुझाव दिया था तो केजरीवाल झल्लाकर उनपर बरस पड़े। इतना ही नहीं, केजरीवाल को तो देश की सीमा पर पहरा दे रहे जवानों की वीरता पर भी संदेह जाहिर करते हुए 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की सत्यता का प्रमाण माँगा था। दया धर्म का चोला ओढ़ने वाले केजरीवाल कश्मीरी हिन्दुओं के साथ हुए जघन्य अपराध का मज़ाक बनाने से भी नहीं चूके और कश्मीरियों के साथ हुए इस निर्मम अपराध को झूठ और मिथ्या करार दे दिया। साथ ही हमारी सरकार ने कश्मीर से आये 199 शिक्षकों को अच्छी जॉब दिलवाई है, ऐसा झूठ कहते हुए एक भी पल के लिए नहीं संकुचाए हालाँकि, गवर्नमेंट टीचर एसोसिएशन ने भी उनके कथन का खंडन करने में देर नहीं लगाईं। बेचारे केजरीवाल से कोई जवाब देते ही नहीं बना।

आप पार्टी की सदस्य महिलाएं तक सुरक्षित नहीं है

इतना ही नहीं, आप सुप्रीमो का संबंध देश विरोधी खालिस्तानी गुट से है, ऐसा पंजाब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक खत में कहा। इसके साथ ही साथ कुमार विश्वास भी केजरीवाल के पंजाब के सीएम या खालिस्तान के पीएम बनने के सपने के बारे में बयान दे चुके हैं। ‘दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित है’ का दावा करने वाले केजरीवाल स्वयं की पार्टी की सदस्य सोनी के खिलाफ पार्टी के ही दूसरे सदस्य द्वारा की गई छेड़छाड़ में उस महिला को न्याय नहीं दिला पाए। न्याय दिलवाना तो दूर की बात है उन्होंने तो उस महिला को समझौता करने के लिए कहा ताकि यह बात बाहर न आ जाये वार्ना उनकी बदनाम पार्टी और बदनाम न हो जाये। उनकी पार्टी के दूसरे नेता भी कुछ कम नहीं हैं। मनोज कुमार की पत्नी को घर से निकाल दिया गया क्योंकि वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। सोमनाथ भारती की पत्नी ने पहले शिकायत की थी कि सोमनाथ ने अपने पालतू कुत्ते को उस पर हमला करने छोड़ दिया था।

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जाने अनजाने में नेता बन गए केजरीवाल

एक ऐसा नेता जो ‘भ्रष्टाचार से लडूंगा’, ‘न रिश्वत लूंगा न लेने दूंगा’, जैसे नारे और ‘महिलाओं का रक्षक’, ‘सच्चाई और न्याय का ध्वजवाहक’ पदवी से सम्मानित जिन्हें जनता ने सरआंखों पर चढ़कर दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था आज उनकी खुद की पार्टी में एक से एक भ्रष्ट नेता भरे पड़े हैं, महिलाओं को सम्मान, न्याय, और अधिकार दिलवाना तो दूर की बात अगर नेता जी के मंत्री अपनी पत्नियों और सहकर्मियों से ही उचित व्यवहार कर लें तो बड़ी बात है। नेता जी अगर ‘कोम्प्रोमाईज़’ करने के बजाये अपनी सहकर्मी को न्याय दिलवाते तो शायद उनकी पार्टी की महिला कर्मी आत्मदाह करने पर मजबूर नहीं होती। दूसरों पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री आज स्वयं आरोपों के कठघरे में खड़े हैं।

यह कह पाना तो मुश्किल है कि अन्ना अपने अनशन के आंदोलन से पार्टी का और सिपाही का निर्माण करना चाहते थे या नहीं लेकिन जाने- अनजाने में ही सही उन्होंने फ्रैंकेंस्टीन की तरह एक ऐसे जीव का निर्माण कर दिया जिसने आज हज़ारों लोगों की ज़िंदगी को बदलकर रख दिया है-अच्छे के लिए नहीं।

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