खालिस्तानी एजेंडा चलाना ब्रिटेन में केटीवी चैनल को बहुत भारी पड़ गया। उसे इसका मूल्य अपना लाइसेंस सरेंडर करके चुकाना पड़ा। हाल ही में खालिस्तान के समर्थन में दुष्प्रचार करने वाले खालसा टीवी लिमिटेड (KTV) ने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है।
दरअसल, ब्रिटेन में मीडिया पर नजर रखने वाले ऑफकॉम ने खालसा टेलीविजन लिमिटेड पर कार्रवाई की थी। ऑफकॉम ने अपनी जांच के दौरान पाया कि केटीवी ने अपने 95 मिनट के प्राइम टाइम के दौरान हिंसा को भड़काने का प्रयास किया। जिसके कारण उस पर एक्शन लेते हुए ऑफकॉम ने 31 मार्च 2022 को उसका लाइसेंस रद्द कर दिया था।
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ब्रिटेन में सिख समुदाय द्वारा संचालित चैनल है केटीवी
केटीवी ब्रिटेन में सिख समुदाय द्वारा संचालित चैनल है। यह चैनल 136 देशों में प्रसारित होने का दावा करता है। ब्रिटेन से ही केटीवी भारत में भी हिंसा को बढ़ावा देने का प्रयास करता है और खालिस्तान समर्थक दुष्प्रचार में शामिल रहता है। चैनल पर जलता लाल किला से लेकर इंदिरा गांधी के मुंह से खून जैसे दृश्य तक दिखाए जा चुके हैं।
पिछले साल 30 दिसंबर को प्रसारित हुए प्राइम टाइम को लेकर ऑफकॉम ने केटीवी को नोटिस जारी किया था। ऑफकॉम के अनुसार प्राइम टाइम शो में प्रस्तुतकर्ता जगजीत सिंह जीता ने भड़काऊ बातें कही थीं। जगजीत सिंह ने सिख अलगाववादी नेताओं का अनुसरण करने और खालिस्तान के लिए हत्या समेत हर प्रकार की हिंसा को जायज ठहराया था। यह अपराध और अव्यवस्था को बढ़ावा देने के हमारे नियमों का गंभीर उल्लंघन था।
ऑफकॉम ने अपने बयान में कहा, “प्रस्तुतकर्ता ने बार-बार उन लोगों की प्रशंसा की जिन्होंने खालिस्तान अलगाववादी आंदोलन या सिख धर्म के नाम पर आतंकवादी घटनाओं और हिंसक अपराधों को अंजाम दिया। प्रस्तुतकर्ता ने विशेष रूप से सुझाव दिया कि खालिस्तान के एक स्वतंत्र राज्य को प्राप्त करने के उद्देश्य को ‘किसी भी कीमत पर’ प्राप्त किया जाना चाहिए, जिसमें ‘बंदूक की शक्ति’ भी शामिल है।“
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इससे पूर्व भी केटीवी चैनल आपत्तिजनक सामग्री प्रस्तुत करने को लेकर विवादों में घिर चुका है। चार साल के भीतर तीसरा मौका था जब केटीवी पर हिंसा भड़काने वाले कार्यक्रमों को प्रसारित करने का आरोप लगा। इससे पहले बीते साल फरवरी में एक चर्चा के दौरान नफरत फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देने के चलते केटीवी पर 50 हजार पाउंड (50 लाख रुपये) का जुर्माना भी लग चुका है। केटीवी पर यह जुर्माना ब्रिटिश सिखों को हिंसा करने के लिए उकसाने के कारण लगाया गया था। तब ऑफकॉम की तरफ से चेतावनी दी गई थी कि केटीवी इस तरह की भड़काऊ सामग्री परोसकर नियमों का उल्लंघन करना बंद करें।
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खालिस्तानी कट्टरपंथियों की सच्चाई सामने आने लगी है
ब्रिटेन में खालिस्तानी समर्थक सक्रिय हैं और वो सिखों को भड़काकर भारत विरोधी एजेंडा को बढ़ावा देने का प्रयास करते आए हैं। हालांकि ब्रिटेन में मौजूद सिख समुदाय के लोग इन खालिस्तानी कट्टरपंथियों की सच्चाई समझने लगे हैं। इसी कारण अब सिख समुदाय के लोग खालिस्तानियों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों के खुलकर विरोध में उतर आए हैं। जनवरी 2022 में लंदन के पार्क एवेन्यू स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में सिख समुदाय के नेताओं ने खालिस्तानी दुष्प्रचार और उनके समर्थकों का जमकर विरोध किया था। इसके साथ ही सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। सिख समुदाय द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित करने की भी काफी सराहना भी की थीं।
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