IMF का डंडा पड़ा तो पाकिस्तान में वर्षों बाद जिंदा हो गया मुंबई हमलों का ‘मरा हुआ मास्टर माइंड’

ये नया पाकिस्तान है मुर्दे आतंकी भी बोल उठते है !

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Source- TFIPOST.in

पाकिस्तान में कुछ भी संभव हैं। यहां मुर्दा लोग भी सालों बाद जिंदा हो सकते हैं। पाकिस्तान अब तक तो अपने यहां केवल आतंकियों को पालता पोसता और उन्हें संरक्षण देता ही रहा था। परंतु अब तो वो मरे हुए आतंकी भी जिंदा करने में लगा हैं।

दरअसल, पाकिस्तान ने अब आतंकी साजिद मीर को टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार करने का दावा किया है। लाहौर के एंटी टेररिज्म कोर्ट द्वारा साजिद मीर को 15 साल से अधिक की सजा सुनाई गई है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि साजिद मीर वहीं आतंकी हैं, जिसकी मौजूदगी से पाकिस्तान हमेशा इनकार करता आया है। यहां तक कि पाकिस्तान ने साजिद मीर की मौत तक का दावा कर दिया था।

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आतंकवाद से जुड़ी हर गतिविधियों में साजिद मीर

पाकिस्तान के एक वकील के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि “इस हफ्ते की शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य आतंकी साजिद मीर को आतंकी वित्तपोषण से जुड़े मामले में अदालत ने साढ़े पंद्रह वर्षों की सजा सुनाई है। कोर्ट ने साजिद मीर पर चार लाख से अधिक का जुर्माना भी लगाया।” 

साजिद मीर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता है। इसे लश्कर सरगना हाफिज मोहम्मद सईद का करीबी माना जाता है। अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के अनुसार साजिद मीर वर्ष 2001 से ही आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में सक्रिय है। मीर कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका हैं। 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों में अपनी भूमिका के कारण साजिद मीर भारत के मोस्टवांटेड आतंकवादियों की सूची में शामिल रहा है। मुंबई हमले की योजना बनाने वाले डेविड कोलमैन हेडली और अन्य आतंकवादियों का हैंडलर साजिद मीर को माना जाता है। भारत के अलावा अमेरिका भी साजिद मीर को सालों से लगातार खोज रहा है। FBI ने आतंकी पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है।

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पाक की खुल गयी झूठ की पोल

साजिद मीर के जिंदा होने की बात सामने आते ही पाकिस्तान के झूठ की पोल खुल गयी है। पाकिस्तान साजिद मीर को लेकर हमेशा से झूठ बोलता आया। परंतु पाकिस्तान ने यूं ही अपने मरे हुए आतंकी को जिंदा नहीं किया है। बल्कि इसके पीछे उसकी बड़ी चाल नजर आती हैं।

दरअसल, कर्ज के दलदल में फंसा पाकिस्तान इस वक्त गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा हैं। आतंकवाद को बढ़ावा देने की वजह से पाकिस्तान पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं। पाकिस्तान जून 2018 से ही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे सूची में है। वो इस लिस्ट से बाहर निकलने के लिए लगातार हाथ-पैर मार रहा है। इस बार जर्मनी से हुई बैठक में FATF ने कहा है कि वो पाकिस्तान का जमीनी परीक्षण करने क बाद उसको ग्रे सूची से बाहर निकालने पर फैसला लेगीं। बताया जा रहा है कि FATF के अधिकारी हालातों की समीक्षा करने के लिए जल्द ही पाकिस्तान के दौरे पर भी आने वाले हैं। ऐसे में साजिद मीर की गिरफ्तारी के माध्यम से पाकिस्तान यही दिखाने का प्रयास कर रहा है कि वो आतंकवाद के खिलाफ काम कर रहा है। यह उसके FATF सूची से बाहर निकलने के षड्यंत्र के सिवाए और कुछ नजर नहीं आता।

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