जुमे की नमाज के बाद देश ने इस्लामिस्टों की वो भीड़ देखी जो नूपुर शर्मा के लहू की प्यासी थी

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Source: TFI

देश का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने, देश में अराजकता फैलाने, देश में तोड़-फोड़ करने और हिंसा करने के लिए कट्टरपंथी हमेशा बस एक मौके की तलाश में रहते हैं। जैसे ही उन्हें यह मौका मिलता है ‘सर तन से जुदा’ गैंग देशभर में एक्टिव हो जाता है। ऐसा ही कुछ एक बार फिर देश में होता हुआ दिखाई दे रहा है। BJP की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के बयान के बाद पूरे देश में मज़हबी कट्टरपंथियों ने बवाल मचा रखा है।

पिछले शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद कानपुर में दंगाईयों ने हिंसा की थी। काफी हंगामा हुआ- पुलिस पर दंगाईयों ने पत्थर भी बरसाए। अब यह पूरी तरह से साफ है कि पिछले हफ्ते कानपुर में जो हिंसा हुई वो एक ‘प्रयोग’ ही था। उसी ‘प्रयोग’ के आधार पर इस शुक्रवार (10 जून) को भी देश के कई राज्यों में हिंसा की घटनाएं हुईं।

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दरअसल, इस शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद देश में अलग-अलग हिंसक प्रदर्शन हुए। दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के अलग-अलग शहरों में इन दंगाईयों ने देश को हिंसा की आग में झोंकने की पूरी कोशिश की। नुपूर शर्मा के बयान के विरुद्ध ‘शांतिप्रिय समुदाय’ के लोग सड़कों पर उतर आए।

जगह-जगह नारेबाजी करने लगे। सड़कें ब्लॉक कर दी। नूपुर शर्मा के पुलते जलाए गए। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से होता तब तो ठीक था। प्रदर्शन की आड़ में आगजनी, पत्थरबाजी करने से लेकर बम तक का इस्तेमाल किया गया।

दिल्ली की जामा मस्जिद के सामने भी नमाजियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी प्रदर्शन की आड़ में भारी बवाल मचाया गया। सहारनपुर में नमाजियों ने सड़क जाम कर दी। इस दौरान जबरन दुकानों को बंद कराने को लेकर तोड़फोड़ भी की गई।

वहीं प्रयागराज में जमकर पत्थरबाजी हुई। मुरादाबाद, देवबंद में भी माहौल बिगाड़ने की साज़िश के तहत आगजनी और पत्थरबाजी हुई। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के हावड़ा, कोलकाता, महाराष्ट्र के सोलापुर और झारखंड के रांची में दंगाईयों ने हिंसक प्रदर्शन किया।

कई जगहों पर भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाया और उन पर हमला भी किया, इसमें कई पुलिस के जवान गायल भी हो गए। भीड़ को तितर-बितर करने और हालातों पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। इस दौरान रांची में गोली लगने की वजह से घायल हुए 2 लोगों की मृत्यु इलाज के दौरान हो गई।

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प्रदर्शन के नाम पर नुपूर शर्मा का ‘सर तन से जुदा’ करने के नारे लगे। इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया कि अलग-अलग शहरों में हुए यह प्रदर्शन शहरों को जलाने की सोची समझी साज़िश का हिस्सा थे।

देश का माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले इन दंगाईयों से पुलिस सख्ती से निपट रही है। शुक्रवार को अलग-अलग शहरों में हुई हिंसा के बाद उत्तर-प्रदेश पुलिस एक्टिव मोड में आ गई है। हिंसा पर एक्शन लेते हुए यूपी पुलिस ने अब तक 229 लोगों को गिरफ्तार किया है।

इसके अलावा जामा मस्जिद के बाहर हुए प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने भी केस दर्ज किया है। रांची में प्रशासन ने 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगा दी और कल तक के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में हुई हिंसा पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 70 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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जुमे की नमाज के बाद देश के अलग-अलग शहरों में भड़की हिंसा ने स्पष्ट किया कि दंगे और उपद्रव फैलाने वाली इस भीड़ का हिस्सा वो लोग थे, जो नुपूर शर्मा के खून के प्यासे हैं। नुपूर शर्मा के पुतले को फांसी देने और हिंसक नारों की घटनाएं डराने और विचलित करने वाली हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन को इन प्रदर्शनों को गंभीरता से लेते हुए दंगाईयों से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। नहीं तो आगे आने वाले वक्त में यह ‘शांतिप्रिय समुदाय’ के प्रदर्शनकारी देश को दोबारा से हिंसा की आग में ढकेल सकते हैं।

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