कश्मीर के प्रतिष्ठित वासुकी नाग मंदिर की घेराबंदी बेहद निंदनीय

घाटी में कब समाप्त होगी बर्बरता?

वासुकी नाग मंदिर

source google

किसी धर्म को यदि नीचा दिखाना है तो उसके आराध्यों पर चोट करो वो धर्म स्वयं ही हार जाएगा। इसी बात को दिमाग में लेकर चल रहे कट्टरपंथी जिहादी समूह एक बार फिर अपनी करतूत से बाज आते नहीं दिख रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की इस समस्या से दशकों से वहां के हिन्दू समुदाय के लोग जूझ रहे हैं। घाटी से जब भी इस आतंक से निजात पाने का समय आता है, तभी जिहादी अपनी मूल प्रवृत्ति दिखा देते हैं। 80 के दशक के बाद आज एक बार फिर कश्मीरी हिन्दुओं के लिए डर का माहौल है क्योंकि वो त्रास एक बार फिर से उनकी चौखट पर आ चुका है।  एक बार फिर से हिन्दुओं और उनके मंदिरों को चिह्नित कर निशाना बनाया जाना शुरू हो चुका है।

मंदिर को तोड़ा गया और मूर्तियों को खंडित किया गया

कश्मीर के संदर्भ में एक बहुचर्चित मुहावरा है- कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत, हास्यास्पद ये है कि ये मुहावरा सिर्फ कागजों पर ही दिखायी पड़ता है। वास्तविक स्थिति पूरी तरह से विपरीत है जिसमें हिंदू या हिंदू धर्म के प्रति विष की लेश मात्र की भी कमी नहीं है। हाल ही के एक घटनाक्रम में वासुकी नाग मंदिर को अज्ञात इस्लामी तत्वों ने तोड़ दिया था। जैसा कि नयी रिपोर्टों में दिख रही तस्वीरों से पता लगाया जा सकता है, वासुकी नाग मंदिर को बाहर के साथ-साथ अंदर से भी तोड़ा गया है और मूर्तियों को खंडित किया गया है।

और पढ़ें- कश्मीरी हिंदुओं का उपहास उड़ाने वाली ‘AAP’ और ‘रजा अकादमी’ अब उनके लिए ही प्रोटेस्ट कर रही है

कश्मीर घाटी, जो पहले हिंदू धर्म के गौरवशाली रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए जानी जाती थी, वो आज लगातार मंदिरों पर हमले देख रही है। अफसोस की बात है कि कश्मीर के डोडा जिले में 4/5 जून की रात में पुनः एक बर्बर घटना दोहराई गई। इस बार निशाना था, कैलाश कुंड (कबला) से 14,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित वासुकी नाग महाराज मंदिर। वासुकी नाग मंदिर भद्रवाह जिसे भद्रकाशी के नाम से भी जाना जाता है, धर्मार्थ ट्रस्ट के स्वामित्व में है। धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी, विक्रमादित्य सिंह, जो अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के पोते भी हैं, ने उसी के बारे में एक ट्वीट किया। उन्होंने नागरिकों से संयम बरतने और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “स्थानीय बदमाशों द्वारा श्री वासुकी नाग जी मंदिर, कैलाश कुंड, भद्रवाह में तोड़फोड़ करने की परेशान करने वाली खबरें मिलीं। मैंने मामले की जल्द से जल्द जांच करने और दोषियों को न्याय दिलाने के लिए डीसी और एसएसपी डोडा से व्यक्तिगत रूप से बात की है।

और पढ़ें- कश्मीर से कानपुर तक हिंसा के साथ ‘शांतिप्रिय समुदाय’ के ‘प्रयोग’

कश्मीरी हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया है

वैसे ही घाटी में इन दिनों सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है। आतंकियों ने पहले राहुल भट, रजनी बाला, बैंक मैनेजर विजय कुमार और एक प्रवासी मजदूर की हत्या की। अब मंदिरों पर हमले शुरू कर दिए है। हिंदुओं की टारगेटेड किलिंग से कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ कश्मीरी हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया है। ऐसे में यदि मंदिरों पर हमले की खबरें और उसमें भी वासुकी नाग मंदिर जिसकी मान्यता भी बहुत है क्योंकि कैलाश मान सरोवर यात्रा में जाने से पहले यहां विशेष पूजा होती है। कहते हैं कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने से पहले यहां पूजा करना जरूरी होती है। ऐसे में यह कृत्य हिन्दू धर्म के लिए आघात से कम नहीं हैं। समय की मांग यही है कि आपराधिक तत्वों पर अब बिना सोचे नकेल कसी जाए नहीं तो एक बार फिर मस्जिदों से तकरीरें की जाएंगी- “रलिव गलिव चलिव।”

Exit mobile version