एम्बर हर्ड के विरुद्ध जॉनी डेप की विजय सिद्ध करती है– सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं

सिर्फ स्त्रियां ही नहीं पुरुष भी पीड़ित हो सकता है !

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Source- TFIPOST.in

6 वर्ष, 6 वर्ष लगा एक पुरुष को न्याय प्राप्त करने में। ये कोई साधारण पुरुष नहीं था, एक चर्चित अभिनेता था, जिसे मिट्टी में मिलाने के लिए आरोपित से लेकर एक विशेष ईकोसिस्टम तक जुटा हुआ था, मानो उसकी पराजय में ही इनकी विजय थी। परंतु अंत में विजय सत्य की हुई, और असत्य को घुटने टेकने ही पड़े। ये कोई कथा, ये सत्य है अभिनेता जॉनी डेप का, जिन्होंने हाल ही में अभिनेत्री एम्बर हर्ड के विरुद्ध मानहानि के कार्रवाई में विजय प्राप्त की है।

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एम्बर पर लगे मानहानि के आरोप

कोर्ट ने सर्वसम्मति ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाते हुए एम्बर को मानहानि का दोषी सिद्ध किया है, और उन्हे तत्काल प्रभाव से जॉनी डेप को 15 मिलियन डॉलर की राशि भुगतान करने को कहा है। एम्बर हर्ड ने पुनः नारीवाद के कार्ड के जरिए सहानुभूति बटोरने का प्रयास किया है, परंतु इस बार उन्हे आलोचना के अतिरिक्त कुछ नहीं लगा है। लोगों ने इस बार उन्हे जमकर खरी खोटी भी सुनाई है – एम्बर हर्ड ने एक समय पति रहे जॉनी डेप पर घरेलू हिंसा और यौन शोषण के आरोप लगाए थे। परंतु लोग अचंभित हुए जब जॉनी ने उलटे एम्बर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए मानहानि की याचिका कोर्ट में पेश की। ये कार्रवाई काफी वर्षों तक कोर्ट में चली, जिसके चलते एम्बर को न केवल अपार सहानुभूति मिली, अपितु जॉनी को बिना बात का अपमान और अपशब्दों का सामना करना पड़ा। आखिर किस लिए? क्योंकि एम्बर महिला थी, और जॉनी पुरुष।

अक्सर हमने देखा है कि जिन अधिनियमों को महिलाओं की सुरक्षा के लिए लागू किया जाता है, उनका सर्वाधिक दुरुपयोग पिछले कुछ वर्षों में दिन दुगनी रात चौगुनी स्तर से बढ़ रहा है। 2017 में दोनों के अलगाव के बाद एम्बर ने जिस प्रकार से जॉनी को कठघरे में लेने का प्रयास किया, उसके कारण जॉनी के हाथ से कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट फिसलने लगे, जिनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण था ‘Pirates of the Carribean’, जो इनके बिना अकल्पनीय प्रतीत होता है।

परंतु जॉनी ने भी ठान लिया कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़कर ही दम लेंगे। संयोगवश दोनों के मुकदमे का सजीव प्रसारण भी हुआ, और सम्पूर्ण जगत ने सब कुछ लाईव देखा। प्रारंभ में सब कुछ एम्बर के अनुसार चल रहा था, और उन्हे किसी प्रकार की समस्या नहीं था। ईकोसिस्टम से लेकर सभी लोग उनके साथ थे। परंतु जैसे जैसे कार्रवाई आगे बढ़ती गई, लोगों को पता चला कि वास्तव में सत्य कौन बोल रहा है और झूठ कौन बोल रहा है। एम्बर की खोखली दलीलें अधिक नहीं टिक पाई, और कुछ तर्क तो सोशल मीडिया पर उपहास का विषय भी बन गई।

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जॉनी डेप को मिला इंसाफ

आज वर्षों बाद जब जॉनी डेप को उनका खोया गौरव वापिस मिला है, तो उन्होंने इसी के विषय पर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए लिखा, “6 वर्ष पूर्व, मेरा जीवन, मेरे बच्चों का जीवन, जो लोग मेरे निकट थे और जो लोग मेरे प्रिय थे, सबका जीवन सदैव के लिए बदल गया। मेरे विरुद्ध झूठे, निराधार आरोप लगाए गए, जिनका न कोई प्रमाण था, न कोई साक्ष्य, परंतु उसके आधार पर मेरे विरुद्ध न जाने क्या क्या बोला गया और न जाने क्या क्या छापा गया, और छह वर्ष बाद माननीय न्यायपालिका ने मेरा जीवन मुझे वापिस दिया है। मैं अत्यधिक अभिभूत हूँ और न्यायपालिका का अभिनंदन करता हूँ!” –

ऐसे में इतना तो स्पष्ट है कि जिस प्रकार से जॉनी डेप को अनेक बाधाओं के बाद भी एम्बर हर्ड के विरुद्ध विजय मिली है, तो यह सिद्ध होता है कि अब पुरुषों का अनावश्यक शोषण नहीं हो सकता, और जिस प्रकार से उन्होंने अपने आप को इस विकट स्थिति में भी संयमित रखा है, उन्होंने अपनी ही फिल्म के उस संवाद को स्मरण कराया है, “याद रखिए इस दिन को जब आपने कैप्टन जैक स्पैरो को लगभग पकड़ ही लिया था!”

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