तो अब बुरी तरह फंस गया है मोहम्मद ज़ुबैर, 2 दिन में 100 से ज्यादा ट्वीट किए डिलीट

‘हिंदू विरोधी’ मोहम्मद ज़ुबैर इस बार तो लंबा गयो !

jubair Jail

Source- TFIPOST.in

बोए पेड़ बबूल के तो आम कहाँ से होए ! मोहम्मद ज़ुबैर जैसे तथाकथित फैक्ट चैकर इन दिनों अपने जेल भ्रमण पर हैं। उन्हें उनके किए की पर्याप्त सजा मिले यह प्रशासन सुनिश्चित कर ही रहा है। इसी बीच अपने ज़ुबैर से जुड़े एक और फैक्ट का खुलासा हुआ है जिसको शायद ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी फैक्ट चैकिंग की गंगा में डुबोकर सच बना दिया होगा। वरना तो इस एजेंडाधारी संस्था ऑल्ट न्यूज़ का एक फैक्ट चैकिंग पोर्टल के होते हुए यह फ़र्ज़ भी बनता था कि अपने मालिक के कर्मों को भी फैक्ट चैकिंग के गोते खिलाती।  लेकिन नहीं मामला ज़ुबैर का था, वही ज़ुबैर जो ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक हैं तो मामला उठा ही नहीं। फ़र्ज़ी और झूठे तथ्यों की तो बात ही छोड़िए। ऑल्ट न्यूज़ का एक ही नारा था कि, “न खाता न बही, जो मालिक कहें वही सही।”

दरअसल, मोहम्मद ज़ुबैर अपने विशेष ‘हिन्दू प्रेम’ के कारण पुलिसिया खातिरदारी के तो उपभोक्ता बने ही हैं पर उनके विषैले ट्विटर हैंडल, जिससे सारा मामला जुड़ा हुआ है, उस पर अब भी क्रियाकलाप जारी हैं। दिल्ली पुलिस की एक साइबर इकाई ने सोमवार को फैक्ट चैंकिंग वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता की शिकायत के बाद धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, जिसने 2018 के एक ट्वीट का उल्लेख किया था।

और पढ़ें-मोहम्मद ज़ुबैर की वो कहानी जो TFI के अलावा कोई मीडिया पोर्टल नहीं जानता

ज़ुबैर के ट्विटर अकाउंट से लगातार ट्वीट डिलीट हो रहे है

पुलिस ने कहा कि उन्होंने जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) के तहत शिकायत के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है। बाद में कोर्ट के निर्देशानुसार मंगलवार को ज़ुबैर को 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। पुलिस ने जुबैर को मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया के समक्ष पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में पेश किया था। इसी बीच जांच के दौरान भी बाहर से एक संदिग्ध हरकत की पुष्टि हुई है। मोहम्मद ज़ुबैर (@zoo_bear) के ट्विटर अकाउंट से 27 जून से 29 जून तक 100 ट्वीट गायब हो गए। विशेष रूप से, 100 में से 88 ट्वीट 28 जून को हटाए गए जब जुबैर पुलिस हिरासत में था। इससे पहले 20 जून को 28 ट्वीट डिलीट किए गए थे।

जांच के दौरान ऐसी हरकत इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि मोहम्मद ज़ुबैर जाँच में अड़चन डाल उसे अपने पक्ष में करने के लिए यह सब बाहर के अपने किसी विश्वासपात्र से करवा रहा है। लेकिन शिकंजा अब भी ज़ुबैर ही कसेगा क्योंकि जिन आधारों पर ज़ुबैर को गिरफ्तार किया गया है वो मामला एक विवादास्पद ट्वीट कहा है जिसमें एक ट्विटर उपयोगकर्ता‘@balajikijaiin’ द्वारा शिकायत की गई थी, जो अब भी बरकरार है।

और पढ़ें-‘हिंदुओं के विरुद्ध’ जहर उगलने वाले मोहम्मद जुबैर को अब जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता

एक ट्वीट में जहाँ उन्होंने सनातन धर्म का मज़ाक उड़ाते हुए कहा, “प्राचीन लैपटॉप में कोई प्रोसेसर और रैम नहीं था। इसे बाद में मिशनरी गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने कॉपी किया था। उन दिनों कंप्यूटर साक्षरता के लिए संस्कृत सीखना आवश्यक था। केवल विराट हिंदू ही कंप्यूटर संचालित कर सकते थे क्योंकि निचली जातियों को कभी भी संस्कृत सीखने की अनुमति नहीं थी।”

अपनी हरकतों को जारी रखते हुए, बेशर्मी की पराकाष्ठा पार करते हुए ज़ुबैर ने ट्वीटर पर विष के प्रसार को जारी रखा और जिस ट्वीट पर कार्रवाई होते हुए आज वो जेल के परमसुखों का आनंद ले रहा है वो 13 जून और 14 जून को, जुबैर द्वारा अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट करने के बाद उसे संचालित करने से रोक दिया है,पर चूंकि झूठ के पांव नहीं होते इसलिए वो ज़्यादा देर नहीं चल सका। जुबैर को दिल्ली पुलिस ने तब गिरफ्तार किया जब एक ट्विटर यूजर ‘@balajikijaiin’ ने भगवान हनुमान का मजाक उड़ाते हुए उनके पोस्ट का स्क्रीनशॉट डाला था।

परंतु आपको क्या प्रतीत होता है, ये कार्रवाई यहीं पर रुक जाएगी? The Hawk Eye नामक ट्विटर विश्लेषक के अनुसार, “स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर के समस्त नेटवर्क पर विशेष कार्रवाई करने का निर्णय किया है, जिसमें विदेशी फंडिंग, मनी लॉन्डरिंग की संभावना, FCRA की स्वीकृति न होना, ट्विटर का मायाजाल, इत्यादि पर कार्रवाई होगी”।

 

अब समझे, क्यों मोहम्मद मियां इतने दिनों से पुलिस से बच रहे थे और क्यों हर सोशल मीडिया अकाउंट से साक्ष्य हटाने पर लगे हुए थे? जब दामन पर इतनी कालिख पुती हुई हो, तो साफ करने में पुश्तें तो हटेंगी ही –

इसीलिए ट्विटर यूजर ‘@balajikijaiin’की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए यूजर ने दर्शाया कि कैसे जुबैर एक पुरानी फिल्म क्लिप से जानबूझ कर हनीमून को ब्रह्मचारी भगवान हनुमान से जोड़ रहा था। अब चाहे वो डिलीट करने की प्रक्रिया हो या पूरे ट्विटर अकाउंट को ही क्यों न बंद करदे, ज़ुबैर पर कार्रवाई रुकेगी नहीं। अब तो बस किए का प्रतिफल मिलेगा, और उसमें कोई विशेष कमी आएगी नहीं।

और पढ़ें:चले थे मोहम्मद ज़ुबैर ‘हिंदुओं’ को डराने, अब मुंह छिपाते फिर रहे हैं

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version