कश्मीर में 1990 वाली जिहादी साजिश दोहराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। कश्मीरी पंडित फिर से कट्टरता और आतंकवाद का शिकार हो रहे हैं। महज 22 दिनों के अंदर 8 लक्षित हत्याओं को अंजाम देकर आतंकवादी कश्मीर के माहौल को बिगाड़ने की फिराक में हैं। परंतु अब कश्मीर में केवल पंडित या फिर हिंदू ही असुरक्षित नहीं। घाटी में रहने वाले मुसलमानों को भी अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं शिया मुसलमानों की। हिंदुओं के बाद अब कश्मीर घाटी में आतंकवादी शिया मुसलमान को निशाना बनाने की तैयारी में हैं।
कुछ दिन पहले ही श्रीनगर में आंतकी संगठन ISIS द्वारा शिया मुस्लिमानों को काफिर बताते हुए उनके घरों के बाहर “शिया काफिर” के नारे लिखे थे। जिसके बाद कश्मीरी लेखक जावेद बेग ने कश्मीर में शिया मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी। इसके साथ ही जावेद ने शिया मुसलमानों से अपने घरों से बाहर निकलकर कश्मीरी पंडितों की हत्या में विरुद्ध आवाज उठाने को कहा।
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सोश्ल मीडिया के ट्विट्टर प्लेटफार्म पर खुली चेतावनी
जावेद बेग ने ट्वीट में शिया मुसलमानों को चेतावनी देते हुए कहा- “मेरे प्यारे 1.5 मिलियन शिया मुस्लिम भाइयों और बहनों, यह याद है? यह तीन हफ्ते पहले की बात है। श्रीनगर में ISIS द्वारा शिया मुस्लिम घरों की दीवारों पर लिखे गए “शिया काफिर” के नारे। हिंदुओं के बिना आपकी किस्मत पिछली बार से भी खराब होगी। इसलिए बाहर आओ और विरोध करो।“ बता दें कि जावेद बेग पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDP) के पूर्व महासचिव हैं। अपने राष्ट्रवादी विचारों जावेद हमेशा ही अलगाववादी के निशाने पर बने रहते हैं। वे कश्मीर में आतंकी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाते रहते हैं।
My dear 1.5 million Shia Muslim brothers & sisters of Kashmir,
Remember this ?
This is 3 weeks back.
Slogans of "SHIA KAFIR" written on walls of Shia Muslim houses in Srinagar & signed by ISIS.
Without Hindus, your fate will be worst than last time.
Come out & PROTEST ! pic.twitter.com/xw9qCdRKXm
— Javed Beigh (@JavedBeigh) June 3, 2022
इस्लामिक कट्टरपंथी शिया मुसलमानों को अपने दुश्मन की तरह मानते हैं। जो मुसलमान इनके जैसे कट्टरपंथी नहीं होते, वह इन्हें सच्चा मुसलमान नहीं मानते और उन्हें काफिर तक घोषित कर देते हैं। ऐसा ही कुछ शिया मुसलमान के साथ भी है। इस्मालिक देशों में देखने को मिलता है कि कट्टरपंथी पहले हिंदुओं को निशाना बनाते हैं और इसके बाद इनका अगला टारगेट होते हैं शिया मुसलमान, जिनका यह कत्लेआम शुरू कर देते हैं। जिसके चलते अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में भी शिया मुसलमानों को डर और साए में जीने को मजबूर होना पड़ता है।
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शिया मुसलमान है त्रस्त
पाकिस्तान में शिया मुसलमानों की हालत काफी खराब है। यहां लगातार इन्हें निशाना बनाया जाता रहा है। मार्च 2022 में ही इस्लामिक स्टेट खुरासन (ISKP) ने पाकिस्तान के पेशावर में शिया मस्जिद पर विस्फोट कराया था, जिसमें 57 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए। हमले के बाद मौलाना ने वीडियो जारी कर कहा था कि शिया हमारे मुल्क में रहते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा करना हमारा फर्ज है। लेकिन इस आधार से उन्हें मुसलमान नहीं कहा जा सकता।
वहीं बात अफगानिस्तान की करें तो यहां तालिबान राज के वापस लौटने के बाद शिया मुसलमानों पर हमलों का सिलसिला तेज हुआ है। तालिबानी हुकूमत में शिया ज्यादती का शिकार होते हैं। ऐसे में अब क्या कश्मीर की बारी है, जहां हिंदुओं के बाद अब शिया मुसलमान कट्टपंथियों का शिकार होने वाले हैं? गौरतलब है कि कश्मीर में 15 लाख के करीब शिया मुसलमान रहते हैं। 2011 की जनगणना के हिसाब से देखें तो जम्मू और कश्मीर की कुल आबादी 68 प्रतिशत मुस्लिम हैं। यहां शिया की कुल जनसंख्या 15 लाख हैं तो वहीं सुन्नी लगभग 70 लाख के करीब है।
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