भारत के उत्पादों का बहिष्कार करके रेबीज की मौत मरेगा पाकिस्तान

इमरान मियां हम तो कब से कह रहे हैं, एक बार करके देख ही लो।

Source: TFI

कुछ वक्त पहले पाकिस्तान की सत्ता में बड़े बदलाव होते हुए दिखे। तख्तापलट के बाद इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से महज एक विपक्षी नेता बनकर रह गए हैं। इमरान खान के हाथों से पाकिस्तान की सत्ता चली गई। बावजूद इसके इमरान खान की ‘भारत-भारत’ का राग अलापने और ‘मूखर्तापूर्ण’ टिप्पणी करने की आदत नहीं बदली।

इस वक्त पाकिस्तान के हालात क्या हैं, इससे तो हर कोई वाकिफ है। पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज हो गया है। पड़ोसी मुल्क में खाने के लाले पड़े हुए हैं। वहां की जनता महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है। हर जरूरी वस्तु के दाम आसामान छू रहे हैं। पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर दिख रहा है।

बुरी आर्थिक स्थिति के बीच इमरान खान ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिससे समझा जा सकता है कि इमरान खान की समझ उनके अपने ही देश को लेकर कितनी कम है। इमरान खान ने पाकिस्तान की सरकार से अपील करते हुए कहा कि भारतीय उत्पादों का बहिष्कार होना चाहिए।

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दरअसल, पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के एक बयान को लेकर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पाकिस्तान की सरकार से सख्त स्टैंड लेने की मांग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले पर पाकिस्तानी सरकार को सख्त रुख अपनाने की जरूरत है।

इमरान खान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “हिंदुस्तान की भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों के खिलाफ है। ऐसे में शरीफ खानदान अपने संबंध मोदी से तोड़ दें। सारी कौम की नजरें आप पर हैं। दोस्ती और बिजनेस खत्म करें। अरब देशों की तरह स्टैंड लें और इनके सामानों का बहिष्कार करें।’’

आज विपक्ष में बैठकर इमरान खान भारतीय सामानों के बहिष्कार की बात कर रहे हैं। लेकिन जब वो स्वयं सरकार चला रहे थे, तब उन्हें भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को फिर से शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। पाकिस्तान ने 2 वर्षों तक भारत से कपास और चीनी के आयात पर प्रतिबंध लगाए रखा। लेकिन अंत में उन्हें इसे हटाने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तान के कपड़ा क्षेत्र में कच्चे माल की भारी कमी हो गई थी।

भारतीय सामानों पर प्रतिबंध लगाने की बात बोलना शायद इमरान खान के लिए आसान होगा, लेकिन वहां की सरकार के लिए ऐसा करना कतई मुमकिन नहीं है। खासतौर पर ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान कटोरा लेकर दूसरे देशों के सामने खड़ा है। पाकिस्तान इस वक्त भारत से कपास की आपूर्ति पर निर्भर है।

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पाकिस्तान, भारत से चीनी का आयात भी करता है और वर्तमान में जब दुनिया पर खाद्य संकट गहरा रहा है तो ऐसे में पाकिस्तान भी उन देशों की सूची में शामिल हैं, जो भारतीय गेहूं खरीदना चाहते हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान को भारतीय दवाओं की भी जरूरत है। एंटी-रेबीज और एंटी-वेनम खुराक जैसी महत्वपूर्ण दवाओं की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान भारत पर ही निर्भर है। कुछ आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019 में 16 महीनों की अवधि के भीतर पाकिस्तान ने भारत से 256 करोड़ रुपये के एंटी-रेबीज और एंटी-वेनम टीके आयात किए थे। इसलिए  अगर पाकिस्तान ने भारतीय सामानों का बहिष्कार किया या फिर प्रतिबंध लगाए तो फिर वहां एंटी-रेबीज टीके की भी भारी कमी हो सकती है।

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इस वक्त बहुत बुरी है। विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान के पास अब महज कुछ दिनों का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा हुआ है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) पाकिस्तान को अब और कर्ज देने के मूड में नहीं दिख रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान के मित्र देश भी पाकिस्तान को अब आंखें दिखा रहे हैं।

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सऊदी अरब, चीन समेत पाकिस्तान के दूसरे मित्र देशों का कहना है कि हम पाकिस्तान की मदद तभी करेंगे जब IMF उनके लिए फंड जारी कर देगा। इसके बाद भी अगर इमरान खान इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं, तो इससे एक ही बात समझ आती है कि इमरान खान को पाकिस्तान की बिल्कुल भी पड़ी नहीं है, उन्हें बस अपनी राजनीति की पड़ी है।

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