पेरिस अपनी अत्यधिक अप्रवासी आबादी के साथ दुनिया की “चोर राजधानी” बन गया है

पेरिस घूमने जाना है तो सावधान रहें!

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SOURCE tfipost.com

फ्रांस की राजधानी पेरिस जो एक जानामाना घूमने की जगह है, यहां की जीवंत संस्कृति और जीवंत जीवन शैली पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाती है। अधिक से अधिक लोग उस सूची में आसानी से आ जाएंगे जो घूमने जाने की जगहों में सबसे पहले पेरिस को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन इस शहर से संबंधित एक दूसरा पहलू भी है और वो ये है कि उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया में इस्लामिक देशों के संघर्ष ने अवैध मुस्लिम प्रवासियों की राजधानी के रूप में फ्रांस को प्रस्तुत कर दिया है। इस अत्यधिक अप्रवासी जनसंख्या का परिणाम ही है कि पेरिस जैसे शहर में अपराध और अवैध गतिविधियों में तेजी आयी है।

कैसे पेरिस बनने लागा है चोरों की राजधानी?

पेरिस शहर तो किसी भी प्रेमी युगल की पहली पसंद रही है जहां वे स्वछंद होकर घूम सकते हैं लेकिन अब कुछ और ही इस शहर में हो रहा है। हम ऐसा यूं ही नहीं कह रहे हैं बल्कि हाल ही में बॉलीवुड एक्टर अन्नू कपूर ने पेरिस (फ्रांस) में चोरी से संबंधित एक वीडियो को शेयर किया। अपने साथ हुई भयावह घटना को साझा करते हुए कपूर ने कहा, “मेरा प्राडा का बैग चोरी करके ले गए, उसमें बहुत सारा फ्रैंक कैश और यूरो रखा हुआ था, मेरा आईपैड, डायरी, क्रेडिट कार्ड था। सब कुछ चोरी करके ले गए, तो फ्रांस में जब आप आओ तो बहुत ख्याल रखना”।

उन्होंने आगे कहा कि “एक नंबर के जेब कटे, मक्कार और चोर लोग हैं। मैं अब शिकायत दर्ज करवाने के लिए पेरिस के एक पुलिस स्टेशन जा रहा हूं। कुछ रेलवे अधिकारियों ने मेरा समर्थन किया है और कहा है कि वे मेरे साथ वहां जाएंगे। इसलिए, यहां बहुत सावधान रहें। भगवान का शुक्र है, मेरे पास मेरा पासपोर्ट था।

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अन्नू कपूर के साथ जो हुआ उसे देखते हुए फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने भी जो कुछ भी फ्रांस में उनके साथ हुआ उस भयावह अनुभव को साझा किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि “मेरे साथ मेरी बेटियां थीं और हमें या तो हमें लाने के लिए अपनी पत्नी को फोन करना पड़ा क्योंकि हमारे पास अपने होटल में वापस जाने के लिए भुगतान करने का कोई साधन नहीं था। इस चोरी के कारण हुई चिंता और असुविधा के कारण बाकी की यात्रा, एक पारिवारिक छुट्टी बर्बाद हो गयी।

उन्होंने एक और ट्वीट में कहा कि “मोरल ऑफ़ द स्टोरी: जब फ्रांस में इस तरह लूटे जाने से सावधान रहें। भारत को अक्सर बेवजह बदनाम किया जाता है।”

इसी सूचि में अगला नाम है किम कार्दशियन का जब 2016 में अपनी पेरिस यात्रा के दौरान बंदूक की नोक पर उनको डकैती जैसी घटना का सामना करना पड़ा था। पेरिस के उनके अपने आलीशान अपार्टमेंट में रात 2.30 बजे पुलिस की तरह कपड़े पहने लुटेरे घुस आए थे। बंदूक की नोक पर उन्होंने कई मूल्यवान वस्तुओं के साथ ही उसकी 35 लाख यूरो की सगाई की अंगूठी लूट ली थी और लगभग 10 मिलियन अमरीकी डॉलर भी लूट लिए। बाद में यूनिस अब्बास को डकैती के पीछे मुख्य अपराधी के रूप में पहचाना गया।

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अवैध गतिविधियों के बढ़ने का वास्तविक कारण क्या है

अवैध गतिविधियों के बढ़ने के कारण को जानने के लिए एक रिपोर्ट पर ध्यान देना होगा। दरअसल, फ्रांस में प्रतिवर्ष लगभग 80,000 से 1,00,000 अवैध अप्रवासी आते हैं। सीरिया, इराक, ट्यूनीशिया और लीबिया जैसे परस्पर विरोधी देशों के अवैध अप्रवासियों से यूरोप जैसे भर ही गया है। यहां बढ़ते अवैध प्रवासी इस क्षेत्र में अवैध गतिविधियों के बढ़ने का कारण बन चुके हैं।

पेरिस की बात करें तो यहां 42% अप्रवासी हैं। उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया से निरंतर प्रवासन ने शहर की जनसांख्यिकी की रूप रेखा ही बदल डाली है। बहुत अधिक संख्या में प्रवास उस पर से सीमित संसाधन के कारण अप्रवासी आपराधिक गतिविधियों में स्वयं को झोंक रहे हैं भोजन और आश्रय की अनुपलब्धता से जूझने वाले लोग डकैती और चोरी पर उतारू हैं। अवैध इमिग्रेशन के कारण उन्हें कोई नौकरी भी उपलब्ध नहीं हो पाती है जिससे उनके पास धन पाने के लिए चोरी और डकैती का सहार लेना पड़ता है ताकि वे अपना जीवन गुजार सकें।

इस बात पर ध्यान अवश्य देना चाहिए कि ट्यूनीशिया में अरब स्प्रिंग, सीरिया में इस्लामिक युद्ध और लीबिया में संघर्ष ने अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ायी है जो यूरोप की तरफ आए हैं। यूरोपीय संघ के 28 देशों में लगभग ढाई करोड़ की संख्या में मुसलमान रहते हैं। लेकिन जिस तरह से आतंकवादी हमले, घृणा और धार्मिक इस्लामिक चरमपंथ लगातार यूरोपीय समाज के लिए चुनौती दे रहे हैं। उस तरह से विकास और खूबसूरत जलवायु के लिए पहचाना जाने वाला यूरोप अब इस्लामी कट्टरवाद का स्थान बनता जा रहा है। पेरिस इसी परेशानी की चपेट में आ गया है।

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