सिखों के लिए पीएम मोदी के लिखे खुले पत्र में छुपा है एक गहरा संदेश

देश को तोड़ने का हर षड्यंत्र होगा खंड-खंड!

मोदी पत्र

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तालिबान शासित अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हमले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। 18 जून को ही आतंकियों ने कायरतापूर्ण हमले को अंजाम देकर काबुल में कारते परवान गुरद्वारे को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में 60 वर्षीय सविंदर सिंह और एक सिक्योरिटी गार्ड की मृत्यु हो गई। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खुरासा प्रांत (ISKP) ने ली है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की

गुरुद्वारे पर हुए इस हमले को लेकर भारत की तरफ से गहरी चिंता जतायी गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की और अफगान के सिख समुदाय के लोगों के साथ खड़े होते हुए उनके नाम एक खुला पत्र भी लिखा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिखे गए इस पत्र में सिख समुदाय के लोगों के लिए एक बड़ा और गहरा संदेश छिपा है।

दरअसल, आतंकियों ने BJP की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए बयान की आड़ में इस हमले को अंजाम देने की बात कही थी। उन्होंने इसे पैगंबर मोहम्मद के “अपमान” का बदला बताया था। इसी हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के लोगों को पत्र लिखते हुए घटना पर दुख जताया और समुदाय के प्रति एकजुटता प्रकट की।

पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा- “अफगान सिख समुदाय के प्रिय सदस्य, मैं 18 जून 2022 को काबुल में गुरुद्वारा दशमेश पिता साहब श्री गोबिंद सिंह साहब जी पर हुए बर्बर हमले में आपके साहस को सलाम करता हूं। धार्मिक स्थल पर आतंकवादी हमला और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ एक घिनौना कृत्य है।“

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प्रधानमंत्री आगे लिखते हैं- “आतंकी हमलों के पीड़ित, स्वर्गीय सविंदर सिंह और गुरुद्वारा कर्मचारी अहमद मोरादी के लिए मैं प्रार्थना करता हूं। उनके परिजनों के प्रति भी मैं हार्दिक संवेदनाएं प्रकट करता हूं। समुदाय के तीन लोग जो हमले में घायल हुए, उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। दुख एवं दर्द के इस कठिन क्षण में अफगान हिंदू-सिख समुदाय के साथ भारत की एकजुटता व्यक्त करना चाहता हूं।“ इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।

बता दें कि काबुल में हुए इस हमले में सविंदर सिंह अफगानिस्तान के गजनी में रहते थे। वहीं उनका परिवार दिल्ली में हैं। दिल्ली के तिलक नगर में उनकी अंतिम अरदास आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी शामिल हुए। वो मृतक के परिवार से मिले और प्रधानमंत्री मोदी का पत्र पढ़ा।

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सिख समुदाय को बड़ा संदेश देने का है प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र के माध्यम से सिख समुदाय के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए सिख समुदाय को बड़ा संदेश देने का प्रयास किया। पिछले कुछ समय से देखने को मिल रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार सिख समुदाय को साधने में जुटे हुए हैं। पीएम मोदी थोड़े-थोड़े समय में सिख समुदाय के लोगों से मुलाकात कर उनमें भरोसा बढ़ाने के प्रयास करते हैं। अप्रैल में ही प्रधानमंत्री ने अपने आवास पर सिख प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने सिख परंपरा को एक भारत श्रेष्ठ भारत की जीवंत परंपरा बताया और कहा था कि आप विदेशों में भी हमारी शान हैं।

इससे पूर्व गुरु तेग बहादुर की 400वें प्रकाश पर्व पर दो दिवसीय एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन दियी। इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब प्रकाश पर्व के मौके पर लाल किला जगमगाया। इसके अलावा फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने सिख प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की थी।

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सिख गुरुओं के योगदान को याद करना हो या फिर सिख पंरपराओं का सम्मान करना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सबमें हमेशा ही आगे रहते हैं। वो सिख समुदाय के लोगों में अपनी पकड़ मजबूत करने और उनमें भरोसा बढ़ाने के निरंतर प्रयासों में जुटे रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी अपने इन कदमों के जरिए उन देश विरोधी ताकतों को जवाब देने के प्रयासों में जुटे हैं जो खालिस्तानी आंदोलन की आड़ में देश को तोड़ने का षड्यंत्र रचती हैं।

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