नेशनल हेराल्ड घोटाला: अपनी जान बचाने के लिए मृतक को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं राहुल गांधी

‘राहुल बाबा’ कम से कम स्वर्गीय मोतीलाल वोहरा को तो छोड़ देते!

Rahul Gandhi

Source- TFIPOST.in

आपने एक सब मिले हुए हैं जी, हम सही हैं बस। निश्चित रूप से कांग्रेस के चश्मो चिराग राहुल गांधी का मानना यही है, तभी अब खुद फंसते दिखे तो दिवंगत नेताओं को याद करना शुरू कर दिया। और तो और याद भी सही के लिए नहीं, दोष मढ़ने के लिए। यह तो सोच है कांग्रेस की अगर स्वयं फंसो तो अपने बचाव में उनका नाम लेलो जो अब जीवित नहीं हैं और कहीं न कहीं उनके तार उस घटनाक्रम से भी जुड़े हों ताकि यह सिद्ध करना आसान हो सके कि संबंधित प्रकरण में उक्त व्यक्ति ही ज़िम्मेदार था। अब नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले को ही देख लें तो राहुल गांधी ने पूछताछ के दौरान पार्टी नेता स्वर्गीय मोतीलाल वोरा को याद कर सारा ठीकरा उनपर फोड़ दिया। राहुल गांधी ने मृत नेता को घोटाले का आरोपी बनाने के सारे काम कर दिए।

ईडी ने राहुल गांधी को तलब किया

दरअसल, गुरुवार को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगातार तीन दिनों तक राहुल गांधी से पूछताछ करने वाले प्रवर्तन निदेशालय को कांग्रेस नेता ने बताया है कि पार्टी नेता स्वर्गीय मोतीलाल वोरा ने वाईआई एजेएल सौदा से संबंधित सभी लेनदेन की देखरेख की थी।  गौरतलब है कि गांधी यंग इंडिया द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की सैकड़ों करोड़ की संपत्ति कांग्रेस से हासिल करने की बात कर रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांधी ने ईडी को बताया था कि उन्हें लेनदेन के बारे में कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं है।

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ईडी के सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने ऋण और आवास प्रविष्टि सहित लेनदेन के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है, जिसकी ईडी द्वारा कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए जांच की जा रही है। ज्ञात हो कि, यंग इंडिया कंपनी गांधी परिवार द्वारा नियंत्रित है। हालांकि, राहुल गांधी ने ईडी को बताया कि आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के बाद जांच के दायरे में आने वाले ऐसे सभी लेनदेन के लिए दिवंगत वोरा जिम्मेदार थे।

ज्ञात हो कि, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी की वाईआई में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष हिस्सा पार्टी नेताओं वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (प्रत्येक 12 प्रतिशत) के पास था। हालांकि, वोरा और फर्नांडीस दोनों का क्रमशः दिसंबर 2020 और सितंबर 2021 में निधन हो गया। चूंकि वोरा पर 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी इसलिए राहुल के लिए यह कहना सुलभ हो गया। बस सभी ज़िम्मेदार हैं और गांधी परिवार तो बस जैसे गेंहू में घुन पिस जाता है, ठीक वैसे ही गबन करने वालों के बीच पीस रहा है।

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अपने बचाव के लिए किसी को भी ढाल बना सकते है गांधी

सोमवार से लगातार तीन दिनों तक राहुल गांधी से पूछताछ करने वाले ईडी ने कांग्रेस नेता को शुक्रवार को फिर से पेश होने को कहा है। इस घोटाले में किसी भी तरह गांधी परिवार की संलिप्तता को ठिकाने लगाने के लिए अब गांधी परिवार के सभी सदस्य जुट चुके हैं। वहीं स्व. मोतीलाल वोरा का नाम आना इस बात को प्रमाणित करता है कि कांग्रेस आलाकमान अपने नेताओं के प्रति न संवेदनशील है और न ही उनके प्रति आदरभाव है। अपने बचाव के लिए वर्तमान गांधी परिवार अपने दल के नेताओं से लेकर सभी को निपटा सकता है, क्योंकि उसमें उनका स्वार्थ निहित है। अब चाहे दिवंगत नेता को घोटाले का आरोपी बनाने की बात ही क्यों न हो, अपने बचाव के लिए यह परिवार कुछ हो करेगा।

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