विपक्ष ‘बेरोजगारी बम’ के साथ अच्छी तरह तैयार था पर पीएम मोदी ने फ्यूज निकाल दिया

सुनो विपक्षियों! तुम्हारा 'बेरोजगारी एजेंडा' अब नहीं चलेगा

बेरोजगारी

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कहते हैं जब लड़ने के लिए कोई मुद्दा नहीं मिल रहा हो तो जबरदस्ती लड़ने का मन बना चुका व्यक्ति गड़े मुर्दे उखाड़ना शुरू कर देता है। बेरोजगारी भी ऐसे ही मुद्दों में से एक है जिसे हर लड़ाई और दोषारोपण के राजनैतिक खेल के आखिर में तब निकाला जाता है जब बाकी के सभी मुद्दे या तो खत्म हो चुके हों या फिर कुछ नया न मिल रहा हो। यह विपक्षिओं के लिए एक ट्रम्प कार्ड जैसा है। हालांकि विपक्षियों को भी क्या दोष देना जब भाजपा में खुद ही एक ऐसे नेता मौजूद हैं जो कई ऐसे मुद्दे उठाकर लाते हैं जिन्हें देख और सुनकर कभी कभी शक होता है कि आखिर वह किसके पाले में हैं?

हम बात कर रहे हैं भाजपा नेता वरुण गांधी की जिन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि “जब बेरोजगारी 3 दशकों के सर्वोच्च स्तर पर है तब यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जहां भर्तियां न आने से करोड़ों युवा हताश व निराश है, वहीं ‘सरकारी आंकड़ों’ की ही मानें तो देश में 60 लाख ‘स्वीकृत पद’ खाली हैं। कहां गया वो बजट जो इन पदों के लिए आवंटित था? यह जानना हर नौजवान का हक है!” इस ट्वीट में गांधी ने एक रोजगार संबंधी डाटा भी डाला है।

ऐसे ही किसी क्षण की प्रतीक्षा का इंतज़ार कर रहे विपक्षियों को आखिकार जब नूपुर शर्मा का मुद्दा ठंडा पड़ता दिखने लगा तो वरुण गांधी के इस डेटा को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने लपक लिया और एक सभा में विभागवार रिक्त पदों की संख्या पढ़ते हुए दिखायी दिए और वे यह इंगित करना नहीं भूले कि यह डेटा उनका नहीं है बल्कि भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा प्रदान किया गया है।

ओवैसी का वरुण को धन्यवाद 

जब ओवैसी का यह वीडियो जब सामने आया तो वरुण गांधी ने भी इसे ट्विटर पर शेयर करने में अधिक समय नहीं लगाया। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने ओवैसी को धन्यवाद देते हुए लिखा,”बेरोजगारी आज देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा है और पूरे देश के नेताओं को इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना चाहिए। बेरोज़गार नौजवानों को न्याय मिलना चाहिए,तभी देश शक्तिशाली बनेगा। मैं आभारी हूँ की रोजगार के ऊपर उठाए गए मेरे सवालों का ओवैसी जी ने अपने भाषण में ज़िक्र किया।”

https://twitter.com/varungandhi80/status/1536271915651715073?s=20&t=oDMUigEQdvRXWs2DiOoqLw

यहां दोनों के बीच धन्यवाद का आदान प्रदान चल ही रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मैदान में उतर आये और एक ही बारी में पूरा खेल जीत लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि उनकी सरकार अगले 18 महीनों के भीतर 10 लाख कर्मियों की भर्ती करेगी, “यह एक मिशन है”, COVID-19 महामारी के कारण सरकारी नौकरियों में भर्ती का यह अभियान पटरी से उतर गया था। लेकिन अब जब परिस्तिथियां सामान्य होती दिख रही हैं तो सरकार एक बार फिर एक्शन मोड में आ गयी है।

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आधिकारिक हैंडल से आया रोजगार वाला ट्वीट 

आधिकारिक हैंडल @PMOIndia से मंगलवार की सुबह एक ट्वीट में कहा गया कि “पीएम @narendramodi ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि अगले 1.5 वर्षों में सरकार द्वारा 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए।”

जैसे ही पीएमओ ने यह ट्वीट किए बिना लगाए 30 मिनट के अंदर वरुण गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने एक बार फिर ट्विटर पर पहुंचे। देखने वाली बात ये है कि किस तरह से विपक्ष एजेंडा शुरू करने की तैयारी में होता है लेकिन प्रधानमंत्री की रणनीतियां ऐसे एजेंडों को क्षणभर में धराशायी कर देते हैं।

दो साल की महामारी और उससे जुड़े आर्थिक संकट के बाद मोदी सरकार के सामने बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। सरकारी नौकरियों में भर्ती के संबंध में एक दूसरी समस्या रेलवे और शिक्षक भर्ती के परीक्षा पत्रों का बार-बार लीक होना है। हाल ही में उत्तर प्रदेश और पटना में रेलवे भर्ती बोर्ड परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी। अब इस बार जब पीएम मोदी ने 18 महीनों का समय दिया है तो आशा है कि जल्द ही सभी युवा रोजगार पा सकेंगे और साथ ही एक बार फिर पीएम मोदी अपने वादे पर खरे उतरेंगे।

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