‘अगर हम नहीं रोए तो अब्बा गुस्सा हो जाएंगे’ हमारे देश में एक कुनबे का हर बार यही जवाब होता है जब कोई कट्टरपंथी कानून के शिकंजे में आता है। उस कट्टरपंथी को बचाने के लिए लिब्रांडुओं का पूरा इकोसिस्टम खड़ा हो जाता है। फैक्ट चैक के नाम पर एजेंडा और जहर परोसने वाला मोहम्मद ज़ुबैर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार हुआ तो देश के लिब्रांडु वर्ग ने विलाप करना शुरू कर दिया।
कथित फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने और वैमनस्यता को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जुबैर की गिरफ्तारी उसके फेसबुक अकाउंट से कई हिंदू फोबिक पोस्ट वायरल होने के कुछ दिनों बाद हुई है। हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाने के लिए विख्यात ज़ुबैर ने पहले कई ट्वीट किए और बाद में डर की वज़ह से वो ट्वीट डिलीट कर दिए। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अगर दूसरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं था तो फिर जुबैर ने ट्वीट डिलीट ही क्यों किए?
Dear @IndEditorsGuild ; Zubair himself has said many times that he is not a journalist.Then why are you getting so restless for a hated troller? Or have you expanded your guild and given space to political commentators, heat mongers apart from journalists?#IndiaWithDelhiPolice pic.twitter.com/1pVAz7w8YW
— Baba Mritunjay (@Mritunjaykr98) June 28, 2022
लेकिन लिब्रांडु लॉबी को इससे क्या ही मतलब? क्या-क्यों-कब हुआ उन्हें उससे क्या ही मतलब, असल काम तो सरकार को घेरने और कानून के दुरूपयोग करने का आरोप जड़ना है। तो फिर क्या नेता, क्या पत्रकार और क्या ही सोशल मीडिया के वामपंथी गुर्गे- सभी ने ज़ुबैर की गिरफ़्तारी पर आंसू बहाए और वही पुराना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का राग अलापा।
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सबसे पहले ट्वीट करते हुए कांग्रेस के चश्मोचिराग जिनके नेतृत्व में कांग्रेस असंख्य चुनाव हार चुकी है, ऐसे राहुल गांधी ने लिखा कि, “बीजेपी की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला हर शख्स उनके लिए खतरा है। सत्य की एक आवाज को गिरफ्तार करने से केवल एक हजार और पैदा होंगे। अत्याचार पर सत्य की हमेशा विजय होती है।
Every person exposing BJP's hate, bigotry and lies is a threat to them.
Arresting one voice of truth will only give rise to a thousand more.
Truth ALWAYS triumphs over tyranny. #DaroMat pic.twitter.com/hIUuxfvq6s
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 27, 2022
बिल्कुल राहुल जी एकदम सही कहते हैं। कट्टरता और नफरत तो भाजपा ने ही फैलाई है, 70 साल के कार्यकाल में देश को अनेकानेक दंगों में तो कोई और ही झोंक कर जाता था। ज़ुबैर ने क्या ही किया, हिन्दू आराध्यों को ही तो अपना निशाना बनाया है, और ऐसा करने वाला राहुल गांधी के लिए एकदम भला मानुष है।
ज़ुबैर के कुनबे अर्थात ऑल्ट न्यूज़ के एक और सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने लिखा कि, “जुबैर के मामले में प्राथमिकी या रिमांड आवेदन की एक प्रति सहित कोई जानकारी प्रदान किए बिना, हमें बताया गया है कि उसे बुराड़ी में अपने निवास पर एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना है। वह वर्तमान में बुराड़ी में एक पुलिस बस के अंदर एक घंटे से अधिक समय से बंद है।”
Without providing any information including a copy of the FIR or remand application in Zubair’s case, we are told that he’s to be produced before a duty magistrate at his residence in Burari. He is currently detained inside a police bus in Burari for more than an hour.
— Pratik Sinha (@free_thinker) June 27, 2022
यह वो ऑल्ट न्यूज़ है जो अर्नब गोस्वामी के साथ उनके घर पर की गई अभद्रता को सही ठहरा रहा था, अब जब उनके कर्मों के फल मिलने शुरू हुए तो मिमियाना शुरू कर दिया।
अब मामला ज़ुबैर का हों और बीच में ओवैसी न आएं ऐसा कैसे ही हो सकता है। ओवैसी ने ज़ुबैर की गिरफ़्तारी पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘ज़ुबैर की गिरफ्तारी अत्यंत निंदनीय है। उन्हें बिना किसी नोटिस के और किसी अज्ञात प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया है। यह प्रक्रिया का पूर्ण उल्लंघन है।’
Arrest of @zoo_bear is highly condemnable. He’s been arrested with no notice & in some unknown FIR. Total violation of due process. @DelhiPolice does nothing about anti-Muslim genocidal slogans but acts swiftly against “crime” of reporting hate speech & countering misinformation
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 27, 2022
अब इनको कुछ नहीं मिल रहा था तो सोचा ज़ुबैर की आग में ही हाथ ताप लिए जाएं। ओवैसी जैसे नेता बिगड़े माहौल को और बिगाड़ने के लिए आते हैं। यदि इनका सरोकार वास्तव में मुस्लिम हित होता तो आजतक उन्माद के नाम पर वोट न कमा रहे होते।
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अब ज़ुबैर गिरफ्तार हुआ है तो आरफा खानम शेरवानी को भी बोलना ही था, और वो बोली थी- शेरवानी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पत्रकार मोहम्मद जुबैर भारत में एक अग्रिम पंक्ति के लोकतंत्र रक्षक हैं।”
Jouranlist Mohammed Zubair is a frontline democracy defender in India.
His fact-checking was puncturing BJP’s propaganda on a daily basis.
The arrest of Zubair is an attack on truth and free press in India.
If @zoo_bear is in jail, none of us is free.— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) June 27, 2022
बिल्कुल सारा लोकतंत्र इन्हीं दो लोगों ने बचाया है। एक आरफा और दूसरे ज़ुबैर और सब तो भुट्टा भून रहे हैं- इस देश में।
अचंभे की बात तो यह है कि जो मोहम्मद ज़ुबैर स्वयं को पत्रकार नहीं मानता है उसके समर्थन में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया उतर गया और उसने ज़ुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है यानी कि हर किसी में ज़ुबैर को पत्रकार बनाने की होड़ लगी है।
The Editors Guild of India condemns the arrest of Muhammad Zubair, co-founder of the fact checking site AltNews, by the Delhi Police on June 27, for a tweet from 2018. EGI demands that the Delhi Police should immediately release Muhammad Zubair. pic.twitter.com/q9uYqFxaPA
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) June 28, 2022
भारत विरोधी नफरत फैलाने के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर राणा अय्यूब ने भी ज़ुबैर की गिरफ्तारी पर रोना रोया। अब हम उनका ट्वीट आपको क्या दिखाएं, आप स्वयं ही समझदार हैं- समझ गए होंगे कि राणा अय्यूब ने ज़हर ही लिखा होगा।
अब पूरी बिरादरी बोलने पर लगी थी तो बिरादरी के सरगना कैसे चुप रह सकते थे- राजदीप सरदेसाई भी बोले। उन्होंने ट्वीट किया कि “मोहम्मद ज़ुबैर दूसरों की अभद्र भाषा को उजागर करते थे, आज उन पर अभद्र भाषा के उपयोग का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया है।”
So Mohammed Zubair @zoo_bear who had raised red flag and exposed several instances of hate speech is now accused and arrested of hate speech himself. Even as many of those who he exposed roam freely. Chilling effect. 🙏 https://t.co/2xnNPwe5A1
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 27, 2022
अब एजेंडाधारियों की रोज़ी-रोटी ही यही है तो उसमें वो क्या ही कर सकते हैं। उनका ध्यान वहीं रहता है कि कहाँ से मोदी सरकार के विरुद्ध बोलने का एक मौका और मिल जाए- भले ही वो एक नफरती की गिरफ्तारी का मौका ही क्यों ना हो- और वही इन लिब्रांडुओं ने किया।
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