घुटने में समा गई है AAP के ‘स्वीट’ नेता राघव चड्ढा की बुद्धि, आदिवासी मंत्रालय में काम करने को मानते हैं दंड

AAP में एक से बढ़कर एक जहरीले 'सांप' हैं!

Raghav chadha pic

Source- TFI

आप चाहे कितना भी झूठ का मखौटा पहनकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश क्यों न करें लेकिन सच्चाई को ज्यादा दिनों तक छिपाया नहीं जा सकता, एक न एक दिन असलियत सबके सामने आ ही जाती है। अब ऐसा ही कुछ आम जनता को धोखा देकर बनाई गई “आम जनता” की पार्टी यानी आम आदमी पार्टी के साथ भी होता दिख रहा है। इसके कर्ताधर्ता चंगू-मंगू शुरू से ही लोगों को ठगते आए हैं और अपने रास्ते में आने वाले हर एक नेता और इंसान को साइडलाइन करते आए हैं।

फ्री-फ्री के नाम दिल्ली की जनता को ठगने वाली आम आदमी पार्टी अब ‘कांग्रेस पार्टी की लाइट वर्जन’ बन चुकी है, संदर्भ तो आप समझ ही गए होंगे। समाज के हर वर्ग की हितैषी होने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की घटिया सोच अब जनता के समक्ष प्रदर्शित होने लगी है। इसी बीच ‘केजरुद्दीन’ क्षमा कीजिए केजरीवाल के करीबी राघव चड्ढा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें वो आदिवासी समुदाय के प्रति अपनी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करते नजर आ रहे हैं।

दरअसल, वायरल हो रही वीडियो में आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा आदिवासी जनजाति के लिए अपमान भरे लहजे का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। वो आदिवासी मंत्रालय में काम करने को दंड मानते हैं। वीडियो में चड्ढा कहते दिख रहे हैं कि घटिया अफसरों का स्थानांतरण आदिवासी मंत्रालय में करना चाहिए।एक साक्षात्कार में राघव चड्ढा कहते हैं- “आप किसी बाबू (अधिकारी) को नौकरी से तो निकाल नहीं सकते। उनका स्थानांतरण-पोस्टिंग ही कर सकते हो। अगर कोई बढ़िया काम कर रहा है, उसको अच्छा विभाग दो। उसे स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव बनाओ। जो खराब काम कर रहा उसे सजा पोस्टिंग के रूप में आदिवासी मंत्रालय भेजो।“ यह कहते हुए राघव चड्ढा बड़ी ही बेशर्मी से हंसते हुए भी दिखाई देते हैं।

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सोशल मीडिया पर हो रही है थू-थू

राघव चड्ढा का यह बयान आदिवासी समुदाय के प्रति उनकी हीन भावना को प्रदर्शित करता है। आदिवासी विभाग के विभागों में स्थानांतरण को दंड बताकर राघव चड्ढा बुरी तरह से फंस चुके हैं और AAP सांसद को इसके लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है। आदिवासियों का अपमान करने को लेकर तमाम नेताओं के साथ-साथ आम जनता तक उन्हें जमकर लताड़ लगाती नजर आ रही है।

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने राघव चड्ढा के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कुमार विश्वास ने राघव चड्ढा का वीडियो साझा करते हुए लिखा- “ट्राइबल में काम करना पनिश्मेंट? अयोध्या-नरेश दशरथ पुत्र श्रीराम भी इन्हीं ट्राइबल में काम करने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम बने थे। पर-पुरुषार्थ की मलाई चाटने वाले इन अलशेशियन चिंटुओं की प्रजाति, देश के आदिवासियों, वनवासियों व दलितों के प्रति अपनी घृणा कब छोड़ेगी?”

वहीं, AAP के ही एक और पूर्व नेता, कथित किसान नेता और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने राघव चड्ढा के बयान को शर्मनाक बताया है। उन्होंने लिखा, “शर्म आती है मुझे कि कभी मैंने राघव चड्ढा जैसे युवाओं में उम्मीद देखी थी।”

https://twitter.com/_YogendraYadav/status/1533012746236637184

दिल्ली भाजपा के नेता विनीत गोयनका ने राघव चड्ढा को अभिजात्य बताया और कहा कि “आम आदमी पार्टी आदिवासी मामलों के विभाग में पोस्टिंग को दंड के रूप में देखती है। अरविंद केजरीवाल और उनके छद्म बौद्धिक गिरोह बेनकाब हो रहे हैं। आप और कितने दिन आम आदमी को धोखा दे सकते हैं?”

एक तरफ तो आम आदमी पार्टी के सांसद आदिवासी समुदाय का यूं अपमान करते नजर आ रहे हैं, वही दूसरी ओर दिल्ली के कथित मालिक और ‘तुष्टीकरण के बादशाह’ केजरीवाल इसी आदिवासी समुदाय को वोट पाने का एक जरिया मानते हैं! इसीलिए गुजरात में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने भारतीय ट्राईबल पार्टी के साथ हाथ मिलाया है। दोनों पार्टियों ने चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान किया है। इससे साफ है कि AAP केवल वोट पाने के लिए भोली-भाली जनता को भ्रमित करती है और अपना काम निकलने के बाद उन्हें उनके हालत पर छोड़ देती है। उसके बाद राघव चड्ढा जैसे ‘घटिया’ नेता अपनी विकृत मानसिकता को उजागर करते हुए इसी समुदाय के खिलाफ जहर उगलते हैं। हालांकि, अब धीरे-धीरे आप के दोहरे चरित्र से लोग अवगत हो रहे हैं और अब वो दिन भी दूर नहीं, जब देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बनने का सपना देखने वाली आम आदमी पार्टी रसातल में समा जाएगी।

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