तुम्हारा विरोध, ‘प्रदर्शन’, हमारा विरोध नौटंकी? – टीएमसी ने कांग्रेस का उड़ाया मजाक

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस में 'युद्ध' जारी है !

टीएमसी ने कांग्रेस का उड़ाया मजाक

Source- TFIPOST।in

राष्ट्रपति चुनावों में एकजुट होने की कोशिशों में जुटे विपक्षी नेताओं के झुंड की एकता महज एक ढोंग है। मौका मिलने पर विपक्षी नेता एक दूसरे को आईना दिखाने से पीछे नहीं हटते। यह ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के हालिया दिए गए एक बयान से स्पष्ट हो गया, जिसमें उसने ईडी द्वारा राहुल और सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ पर कांग्रेस के प्रदर्शन को पाखंड बताया। आपको मालूम होगा कि नेशनल हेराल्ड मामले में बीते दिन सोमवार को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया, तो कांग्रेस ने प्रदर्शन और सत्याग्रह के नाम पर कांग्रेस नेताओं ने जबरदस्त नौटंकी मचाई। अलग-अलग राज्यों से कांग्रेस के कई बड़े नेता प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली में इकट्ठा हो गए। इस दौरान कई बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया।

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तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस पर कसा तंज़

कांग्रेस द्वारा सोमवार को किए गए इन्हीं प्रदर्शनों पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने निशाना साधा है। अपने मुखपत्र “जागो बांग्ला” में टीएमसी ने कांग्रेस की दोमुंही पार्टी बताते हुए कहा कि जब एजेंसियों द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेताओं को तलब किया जाता है कि तो कांग्रेस पार्टी एक शब्द नहीं बोलती। जागो बांग्ला में टीएमसी ने अपने लेख का शीर्षक दिया गया- “राहुल को ईडी का समन, कांग्रेस का विरोध और सोनिया अस्पताल में भर्ती।“

लेख में टीएमसी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि “जैसे ही उन्हें (राहुल गांधी और सोनिया गांधी) एजेंसियों का समन आया, कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व डर से कांपने लगा।“ TMC ने आगे कहा कि अपने रूख को लेकर TMC एकदम स्पष्ट रूख अपनाती है। कांग्रेस का यह राष्ट्रव्यापी विरोधी आह्वान पार्टी की अवसरवाद और दोहरे मानकों की राजनीति को दर्शाता है। उन्हें राहुल-सोनिया के खिलाफ ईडी की कार्रवाई का ठीक उस तरह समर्थन करना चाहिए, जैसे कि उन्होंने टीएमसी के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के हमले की सराहना की थी। इसके अलावा TMC नेता मदन मित्रा ने भी “डबल स्टैंडर्ड” को लेकर कांग्रेस पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब उनके नेताओं को एजेंसियों को बुलाया जाता है, तो केवल ममता बनर्जी ही आवाज उठाती हैं। वहीं, जब सीबीआई या ईडी अनुब्रत मंडल या पार्टी के किसी और नेता को पूछताछ के लिए तलब करती है, तो कोई एक शब्द नहीं बोलता। यह उनका दोहरा रवैया है।

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राष्ट्रपति चुनाव से पहले अलग थलग पड़ी कांग्रेस

यहां ध्यान देने वाली है कि टीएमसी का कांग्रेस पर निशाना साधता हुआ यह बयान उस वक्त सामने आया जब राष्ट्रपति चुनाव के ममता बनर्जी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। 15 जून बुधवार को इसके लिए ममता ने 25 नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक भी बुलाई हैं। बैठक में विपक्ष के राष्ट्रपति चेहरे के उम्मीदवार के लिए मंथन किया जाएगा।

वैसे नेशनल हेराल्ड मामले में सोमवार को प्रर्वतन निदेशालय को 10 घंटों तक लंबी पूछताछ की। वहीं, मंगलवार को भी राहुल से ईडी का पूछताछ का यह सिलसिला जारी रहेगा। ईडी की कार्रवाई के विरूद्ध कांग्रेस पार्टी को सड़कों पर उतरकर जबरदस्त हंगामा काट रही है। पूरे मामले को लेकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस एकदम अलग-थलग पड़ती नजर आ रही हैं। विपक्षी नेताओं ने इस कार्रवाई पर चुप्पी साध रखी हैं। किसी भी बड़े विपक्षी नेता द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के खिलाफ और कांग्रेस पार्टी के समर्थन में अब तक कुछ नहीं बोला गया। जो विपक्षी नेताओं की एकता पर बहुत कुछ बयां कर देता है।

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