भारत के अभूतपूर्व विकास से अमेरिका स्तब्ध है

कोरोना का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं !

modi ji biden

source- TFIPOST.in

कोरोना महामारी ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को इस तरह बिगाड़ दिया कि आज भी वे देश इसके परिणाम झेल रहे हैं। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार के वित्त विभाग, यूएस ट्रेजरी ने अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था, भारत ने कोरोना महामारी का किस तरह से सामना किया और भारत की वैक्सीनेशन ड्राइव पर बात की जिसमें इन सभी मोर्चों पर भारत के काम को सराहा गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार के वित्त विभाग, यूएस ट्रेजरी ने शुक्रवार (10 जून) को अमेरिकी कांग्रेस को अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि कैसे तीन COVID-19 लहरों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की। महामारी के कारण धीमी पड़ गयी अर्थवयवस्था को वापिस पटरी पर लाने के भारतीय केंद्र सरकार के प्रयासों से 2020 में सात प्रतिशत के अनुबंध के बाद भी, भारत की अर्थव्यवस्था 2021 की दूसरी तिमाही तक पूर्व-महामारी के स्तर पर वापस आ गई, जिसमें पूरे वर्ष 2021 में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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मजबूत आर्थिक प्रतिक्षेप

इस दौरान भारत के विकास और कोरोना महामारी की लहरों के बारे में और विस्तृत जानकारी देते हुए, अमेरिकी कांग्रेस को अपनी हालिया रिपोर्ट में, ट्रेज़री विभाग ने कहा कि भारत में पहली लहर के कारण अर्थव्यवस्था को काफी भारी नुकसान हुआ। इसके बाद वर्ष 2021 की शुरुआत में कोरोना की दूसरी लहर आने के कारण आर्थिक सुधार में देरी हुई। हालांकि, तब तक भारत ने जोरशोर से अपने टीकाकरण अभियान शुरू कर दिए थे। भारत के टीकाकरण प्रयासों की प्रशंसा करते हुए यूएस ट्रेजरी ने कहा, “2021 के अंत तक भारत की लगभग 44 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका था जिसे कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम माना जा सकता है।”

अपनी अर्धवार्षिक रिपोर्ट में आगे यूएस ट्रेज़री ने कोरोना की तीसरी लहर और भारतीय अर्थव्यवथा पर इसके प्रभाव के बारे में भी बताया। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को 2022 की शुरुआत के बाद से ओमिक्रॉन संस्करण द्वारा संचालित तीसरे बड़े प्रकोप का सामना करना पड़ा। हालांकि, देश के फैसलों ने इस बार मौतों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद की और व्यापक आर्थिक गिरावट भी काफी कम हुई। विशेष रूप से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना से प्रभावित लोगों और वयवसाओं को राहत प्रदान करने के लिए कई आर्थिक पैकेज प्रदान किये जिससे लोगों के लिए इस बार कोरोना की लहरों का सामना करना काफी हद तक आसान हो गया।

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भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर

अपनी  रिपोर्ट में भारत के राजकोषीय घाटे [Fiscal deficit] के बारे में  बोलते हुए, यूएस ट्रेज़री ने बताया की भारत में अधिकारियों का अनुमान है कि 2022 के वित्तीय वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलु उत्पाद [GDP] के 6.9 % तक पहुँच जायेगा जो कि महामारी से पहले हुए घाटे से अधिक है। मई में, मुख्य आर्थिक सलाहकार [CEA] अनंत नागेश्वरन ने कहा था कि “भारतीय अर्थव्यवस्था विकास का समर्थन करने के लिए बेहतर स्तिथि में थी और वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में मंदी की संभावनाओं से भी इंकार किया है। हालांकि, जिस तरह महामारी के कारण और फिर रूस यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर के कई देश मुद्रास्फीति की चपेट में हैं उसे देखते हुए कई वैश्विक विशेषज्ञ पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका सहित पश्चिम देशो में मंदी की आशंका व्यक्त कर चुके हैं।”

हालांकि, 31 मई को घोषित जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था ने पूर्व महामारी के स्टार को पीछे छोड़ कर वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी में 8.7 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की है। भारत ने कोरोना महामारी के खिलाफ ने केवल यह जंग लड़ी बल्कि अपनी वैक्सीनेशन ड्राइव से अपनों को सुरक्षित भी किया और अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से सुधारा है।

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