‘मैं देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस ईश्वर की..’ एक हफ्ते में मुख्यमंत्री बनने जा रहा है ‘स्वयंसेवक’

उसने कहा था- 'मैं लौटकर वापस आऊंगा'

devendra fadnavis

SOURCE TFIPOST.in

यही रात अंतिम, यही रात भारी। शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार के लिए इन दिनों हर रात अंतिम और हर रात भारी प्रतीत हो रही है। बीते कई दिनों से राजनीतिक घटनाक्रमों को देखकर ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर भाजपा सरकार बना पाएगी। इस बार सरकार के मुखिया पुनः देवेंद्र फडणवीस तो होंगे ही, साथ ही उपमुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे सरकार का हिस्सा हो सकेंगे। यही नहीं, शिंदे केवल सरकार का अहम हिस्सा ही नहीं होंगे बल्कि शिवसेना विधायकों का नेतृत्व भी कर पाएंगे, ऐसे में उद्धव ठाकरे के पास न सरकार हाथ में बचेगी और न ही पार्टी की कमान रह जाएगी। ये सब केवल कहने सुनने की बात नहीं रही बल्कि ऐसा होता साफ-साफ दिखायी दे रहा है।

अधिकांश विधायक अब एकनाथ शिंदे के साथ हैं

दरअसल, अंक गणित के एकमुश्त बंदरबांट में शिवसेना के अधिकांश विधायक अब एकनाथ शिंदे के हाथ में आ चुके हैं। मूल रूप से उद्धव ठाकरे भी अब मुख्यमंत्री बने रहने के अधिकार को खो चुके हैं। ऐसे में आगामी 7 दिनों के भीतर देवेंद्र फडणवीस भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं। यह सब उद्धव ठाकरे के हिन्दुत्व त्यागने वाली पद्धति से शुरू हुआ और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में खड़ी हुई नई शिवसेना पर समाप्त हुआ। अब शिवसेना के 40 से अधिक विधायक एकनाथ शिंदे के पाले में हैं और उनके हाथ में सरकार बनाने की चाबी है।

एकनाथ शिंदे द्वारा किया गया परिवर्तन कोई एक दिन में हुआ चमत्कार नहीं है। उद्धव ठाकरे के विपरीत, एकनाथ शिंदे जमीनी राजनीति से उठकर आए हैं। पार्टी के सांगठनिक ढांचे पर उनकी गहरी पकड़ है और जमीनी नब्ज को समझते हैं। एक राष्ट्रवादी समान विचारधारा वाली पार्टी के साथ हिंदुत्व और युति पर सख्त रुख के साथ, एकनाथ शिंदे ने पुरानी और मूल शिवसेना और आने वाले समय के संकेतों को फिर से जीवित कर दिया है।

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तीन कट्टर सोच वाले दल साथ आ गए

महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों में हिंदुत्व गठबंधन को जनता ने खूब वोट दिए लेकिन इस जनादेश को राजनीतिक तख्तापलट का सामना करना पड़ा और तीन कट्टर वैचारिक सोच वाले दलों ने महाविकास अघाड़ी का गठन बनाया। फडणवीस ने अपनी सावधानीपूर्वक योजना और सहयोग कौशल के साथ राज्यसभा और राज्य परिषद चुनावों के रूप में एमवीए सरकार के लिए धड़ाधड़ झटके दिए। अब न एनसीपी के हाथ में सरकार बचाने के लिए कोई विकल्प बचा है और न ही  शिवसेना के, कांग्रेस तो खैर है ही नहीं इस खेला में।

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शीघ्र ही महाराष्ट्र के नए सीएम के रूप में देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे को शपथ लेते देखा जा सकता है। आंकड़े और विधायक दोनों प्रभावी ढंग से सरकार बनाने में अहम किरदार निभाने जा रहे हैं। और तो और अन्तोत्गत्वा विधायकों के शिंदे पाले में आने के बाद उद्धव की पार्टी का एकाधिकार एकनाथ शिंदे पर शिफ्ट हो जाएगा। ढाई साल बर्बाद होने के साथ, महाराष्ट्र के मतदाताओं को सही ठहराया जाएगा और हिंदुत्व युति देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सत्ता में वापस आ जाएगी।

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