Zomato ने 4,447 करोड़ में Blinkit का अधिग्रहण कर लिया

‘हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे।’

Zomato acquires Blinkit

Source: Economic Times

एक बड़ी मशहूर शायरी है- ‘हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे।’ जोमैटो और ब्लिंकइट की डील पर यह शायरी एकदम सटीक बैठ रही है। जी हां, आखिरकार जोमैटो (Zomato) ने ब्लिंकइट (Blinkit) को ख़रीद ही लिया। ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के बोर्ड ने 24 जून को ब्लिंकइट के अधिग्रहण को अनुमति दी। यह अधिग्रहण 4,447 करोड़ रुपये में होगा। ब्लिंकइट को पूर्व में ग्रोफर्स (Grofers) के नाम से जाना जाता था।

4,447 करोड़ में डील

इसके साथ ही जोमैटो की रेस्टोरेंट सप्लाई सब्सिडियरी हाइपरप्योर (Hyperpure) भी 60.7 करोड़ रुपये में हैंड्स ऑन ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड (Hands on Trade Private limited) की वेयरहाउस और एंसिलिरी सर्विसेज बिजनेस का अधिग्रहण करेगी।

शुरुआत में ब्लिंकइट के अधिग्रहण डील की वैल्यू 70 करोड़ डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था, हालांकि ऐसा हुआ नहीं। अंत में 4,447 करोड़ रुपये में ही डील पर मुहर लगी है।

इस डील से ब्लिंकइट के पिछले 3 वर्षों के सालाना टर्नओवर की जानकारी भी सामने आई है। ब्लिंकइट का टर्नओवर वित्त वर्ष 2020 में 165 करोड़ रुपये, 2021 में 200 करोड़ और 2022 में 263 करोड़ था।

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अधिग्रहण के पीछे क्या?

जोमैटो हाइपर-लोकल ई-कॉमर्स सेगमेंट में एक रणनीतिक निवेशक बन गया है और उसने अब एक छोटे स्टार्ट-अप्स में हिस्सेदारी में हासिल की है। Zomato का कहना है कि उसके मुख्य खाद्य-संबंधित व्यवसाय जिनमें फ़ूड डिलीवरी, डाइनिंग-आउट और B2 सप्लाई यूनिट शामिल है। इसी पर उसका मुख्य फोकस रहेगा। वह फ़ूड डिलीवरी व्यवसाय के आसपास पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में निवेश करना चाहता है।

सवाल बड़ा है

पिछले तीन वर्षों में जोमैटो का औसत ऑर्डर मूल्य बढ़कर 400 रुपये हो गया है। अतः लोगों को लग रहा है कि कंपनी मुनाफा कमा रही होगी किन्तु, ऐसा नहीं है क्योंकि यह खाद्य वितरण व्यवसाय परिपक्वता के शुरुआती संकेत दिखा रहा है।

ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के प्रतिशत के रूप में इसका योगदान मार्जिन मात्र 1.1% का है। Zomato ने अनुमान लगाया है कि मौजूदा पैमाने पर अपने खाद्य वितरण व्यवसाय में 5% योगदान मार्जिन ब्रेक-ईवन सुनिश्चित कर सकता है। इसके अलावा, ज़ोमैटो अपने मुख्य खाद्य व्यवसायों में वृद्धि के लिए धन देना जारी रखेगा, जब तक कि वे लाभदायक नहीं हो जाते।

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ज़ोमैटो ने पहले भी कहा था कि वह हाइपरलोकल ई-कॉमर्स कंपनियों में अतिरिक्त पूंजी डालने के लिए तैयार है। लेकिन ब्लिंकइट के अधिग्रहण से एक सवाल फिर खड़ा होता है कि क्या पहले से ही घाटे में चल रहा जोमैटो, आने वाले वक्त में ब्लिंकइट को भी ले डूबेगा।

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