RRR से मंत्रमुग्ध हुआ पश्चिम, ऑस्कर विजेता रेसूल पूकुटी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?

RRR को ‘Gay Love Story’ बताने वाले Resul pookutty को जवाब देना बनता था, हमने दे दिया

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SOURCE TFIPOST.in

जहां एक ओर सम्पूर्ण जगत फिल्म ‘RRR’ के प्रताप से अभिभूत हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर रेसूल पुकुट्टी जैसे लोग भी है जो कुछ लोगों को प्रसन्न करने के लिए अपने ही देश पर कीचड़ उछालने से बाज़ नहीं आ रहे।

रेसूल पुकुट्टी ने किया है विवादित ट्वीट

हाल ही में एक ट्विटर यूजर के जवाब में अपने विचार प्रकट करते हुए चर्चित साउन्ड डिजाइनर रेसूल पुकुट्टी ने RRR का उपहास उड़ाते हुए इसे एक ‘गे लव स्टोरी’ सिद्ध करने का प्रयास किया, और कहा कि यदि ये सच में है, तो इसमें प्रॉब्लम क्या है? असल में मुनीश भारद्वाज नामक एक फिल्मकार के विश्लेषण पर रेसूल ने ये कहा –

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तो रेसूल अन्ना की माने तो अल्लुरी सीताराम राजू और कोमारम भीम के बीच का भ्रातृत्व यानी भाईचारा वास्तव में एक समलैंगिक नाता है और आलिया भट्ट की उस फिल्म में कोई भूमिका नहीं है। बस, फिर क्या था, लोगों ने उनके ट्विटर अकाउंट पर अपना प्रेम जमकर लुटाना प्रारंभ किया, और उनके ट्वीट पर रिप्लाई ‘डिसेबल’ होने के बाद भी ये अनवरत जारी रहा –

परंतु रेसूल अन्ना की ढिठाई देखिए। महोदय लिखते हैं, “देखिए, पश्चिमी देशों में लोग इस फिल्म के बारे में ऐसा कहते हैं मैंने बस इसे उद्धृत किया है।”

अब जिस पाश्चात्य जगत की बात यह कर रहे हैं, वो तो RRR के पीछे हाथ धोकर पड़ा हुआ है। एसएस राजामौली द्वारा निर्देशित और विजयेंद्र प्रसाद द्वारा लिखित ‘रौद्रम रणम रुधिरम’ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अनोखा चित्रण है, जिसमें राम चरण तेजा और जूनियर एनटीआर ने फिल्म में तेलुगू स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम की भूमिकाएं निभायी हैं। इसके अलावा आलिया भट्ट, अजय देवगन, श्रेया सरन ने भी फिल्म में अहम भूमिका निभाई है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करते हुए वर्ल्डवाइड लगभग 1300 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है।

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भारत की गरीबी भी बेचनी नहीं पड़ी!

ये तो कुछ भी नहीं है। न अति नारिवाद के नारे लगाने पड़े, न ही वोक संस्कृति को नमन करना पड़ा और तुष्टीकरण तो नाममात्र की भी नहीं थी, परंतु फिर भी हॉलीवुड के बड़े से बड़े कलाकार इसकी चर्चा करने को विवश है। क्या Oscar विजेता आर्टिस्ट, क्या निर्देशक, क्या VFX कलाकार, सभी इसकी जयजयकार कर रहे हैं, और न इसके लिए भारत की गरीबी बेचनी पड़ी , न गांधीगिरी करनी पड़ी, न इसके लिए भारत को भूखे नंगों के देश के रूप में दिखाना पड़ा, सभी जगह RRR के साथ साथ भारत की जयजयकार भी हो रही है, क्योंकि इसमें विशुद्ध भारतीय संस्कृति चित्रित की गयी है। क्या इसी बात से विचलित है रेसूल?

वास्तव में जब पश्चिमी जगत भी आपके कलाकृतियों से अभिभूत हो, तो आपको अपने फिल्मों पर गर्व करना चाहिए, परंतु अपनी कुंठा प्रदर्शित कर रेसूल ने सिद्ध किया है कि संस्कृति का सम्मान करना और संस्कृति को आत्मसात करना ये दोनों ही उनके बस की बात नहीं।

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